नई दिल्ली: कर्नाटक रक्षणा वेदिके (KRV) के प्रदेश अध्यक्ष टीए नारायण गौड़ा ने अपने खून से पत्र लिखकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से कावेरी नदी जल मुद्दे पर हस्तक्षेप करने का आग्रह किया है.
टीए नारायण गौड़ा ने कहा, “प्रधानमंत्री अब तक कावेरी जल-बंटवारे मुद्दे पर चुप रहे हैं. आज कर्नाटक रक्षण वेदिके के सभी सदस्य प्रधानमंत्री को खून से पत्र लिख रहे हैं. प्रधानमंत्री को अब इसपर कुछ बोलना चाहिए. इसके अलावा, 9 अक्टूबर को हमारे 10,000 कार्यकर्ता दिल्ली जाएंगे और जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करेंगे.”
उन्होंने कहा, “मैंने इस मामले पर केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी से बात की है और मंत्री ने मुझे आश्वासन दिया है कि वह जल्द ही इस मुद्दे पर पीएम मोदी के साथ एक बैठक की व्यवस्था करेंगे.”
कर्नाटक और तमिलनाडु के बीच कावेरी जल बंटवारे के मुद्दे पर खींचतान के बीच कांग्रेस सांसद पी. चिदंबरम ने शनिवार को कहा कि इस मुद्दे पर निर्णय करने के लिए एक आयोग है और दोनों राज्यों को आयोग के फैसले पर काम करना चाहिए.
चिदंबरम ने कहा, “मैं तमिलनाडु से सांसद हूं, इसलिए मैं तमिलनाडु की मांगों पर दबाव डाल सकता हूं, और कर्नाटक के संसद सदस्य भी कर्नाटक की मांगों पर दबाव डालेंगे. इस मुद्दे पर निर्णय लेने के लिए एक आयोग है. दोनों राज्यों को आयोग के फैसले के आधार पर काम करना चाहिए.”
कावेरी जल बंटवारे को लेकर कर्नाटक और तमिलनाडु सरकारों के बीच लंबे समय से खींचतान चल रही है. नदी को किसी भी राज्य में लोगों के लिए जीविका के प्रमुख स्रोत के रूप में देखा जाता रहा है.
कावेरी जल विनियमन समिति ने कर्नाटक को 28 सितंबर से 15 अक्टूबर, 2023 तक बिलिगुंडलू में 3000 क्यूसेक कावेरी पानी छोड़ने का आदेश दिया था.
राज्य द्वारा तमिलनाडु को पहले छोड़े जाने वाले पानी की मात्रा 5000 क्यूसेक थी.
कर्नाटक ने तमिलनाडु को पानी की आपूर्ति से इनकार करने के लिए अपने राज्य के कुछ हिस्सों में गंभीर सूखे का हवाला दिया है. तमिलनाडु सरकार ने अपने पड़ोसी राज्य पर पानी की आपूर्ति के बारे में देश से झूठ बोलने का आरोप लगाया है.
कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा कि राज्य सरकार 30 सितंबर को कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) और सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक समीक्षा याचिका दायर करेगी, क्योंकि राज्य के पास बिल्कुल भी पानी नहीं है और इसलिए वह पानी दूसरे राज्य को नहीं दे सकती.
कावेरी जल प्रबंधन प्राधिकरण (CWMA) ने राज्य को 13 सितंबर से 15 दिनों के लिए अपने पड़ोसी राज्य तमिलनाडु को 5000 क्यूसेक पानी छोड़ने का आदेश दिया है, जिसके बाद से पूरे कर्नाटक में किसान विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
नाम तमिलर कच्ची पार्टी ने इस मुद्दे पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार की निंदा करते हुए शनिवार को मदुरै में विरोध प्रदर्शन किया.
यह भी पढ़ें: फिटनेस फ्रीक और इन्फ्लुएंसर: कौन हैं अंकित बैयनपुरिया, जिनके साथ PM मोदी ने सफाई करते हुए बनाया वीडियो