मुम्बई: महाराष्ट्र में देवेंद्र फडणवीस की पिछली सरकार के पांच वर्षों के दौरान, सदन में एक नेता ऐसा था जिसे सत्ताधारी पार्टी पर, हमलों की अगुवाई करने के लिए जाना जाता था, जो रिश्वत और अनियमितताओं के आरोप लगाता था और किसी न किसी विवाद पर आक्रामक रूप से मंत्रियों के इस्तीफे की मांग करता था.
वो नेता थे नेशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के धनंजय मुंडे, जो राज्य विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष थे.
मुंडे, जो बीजेपी लीडर पंकजा मुंडे के विरक्त चचेरे भाई हैं, अब उद्धव ठाकरे की अगुवाई वाली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार में मंत्री हैं और इस बार वो ख़ुद घेरे में हैं और बीजेपी नेता मंत्रिमंडल से उनके इस्तीफे की मांग कर रहे हैं.
बीड ज़िले के पारली से विधायक मुंडे, एक महिला के यौन-उत्पीड़न आरोपों का सामना कर रहे हैं, जो ख़ुद को एक पार्श्व गायिका बताती है.
मुंडे ने किसी भी तरह के गलत कार्यों से इनकार किया है, लेकिन साथ ही ये मामला और गहरा गया है क्योंकि एक बीजेपी नेता, एक महाराष्ट्र नव-निर्माण सेना (एमएनएस) के नेता और ग़ैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि के एक और व्यक्ति ने, शिकायतकर्त्ता के खिलाफ आरोप लगाए हैं, और महिला पर उन्हें ब्लैकमेल करने के इल्ज़ाम लगाए हैं.
फिलहाल, मुंडे राहत की सांस ले सकते हैं, क्योंकि उनकी पार्टी ने फैसला किया है कि मुंडे से मंत्री पद छोड़ने के लिए नहीं कहा जाएगा.
शुक्रवार को पत्रकारों से बात करते हुए एनसीपी अध्यक्ष शरद पवार ने कहा, ‘मुझे पता चला कि उस महिला के खिलाफ इसी तरह की शिकायत, अलग अलग राजनीतिक दलों के नेताओं ने भी की है. पहले मुम्बई पुलिस इस मामले की जांच कर ले. जांच पूरी होने के बाद ही हम इस पर ग़ौर करेंगे कि क्या कार्रवाई करनी है’.
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शिकायतकर्ता का मुंडे पर रेप का आरोप, मुंडे ने बताया ब्लैकमेल
शिकायतकर्ता ने कहा कि उसने 10 जनवरी को, मुम्बई पुलिस कमिश्नर को लिखा था कि मुंडे, जिन्होंने उसकी बहन से शादी की थी, ने 2006 में कई बार शिकायतकर्ता का बलात्कार किया था. उसने कहा कि मुंडे ने उससे प्यार का इज़हार भी किया था और उससे कहा था कि वो उसे, पार्श्व गायिका के तौर पर बॉलीवुड में लॉन्च करा सकते हैं.
11 जनवरी को एक ट्वीट में, शिकायतकर्ता ने दावा किया कि वो पहले, मुम्बई के ओशीवाड़ा पुलिस स्टेशन गई थी लेकिन उसकी शिकायत स्वीकार नहीं की गई और उसकी जान को ख़तरा है.
शिकायतकर्ता ने कहा कि वो मुंडे से पहली बार 1997 में मिली थी, जब वो सिर्फ 16-17 साल की थी. वो उसकी बहन के घर इंदौर में मिले थे. शिकायतकर्ता ने बताया कि मुंडे और उसकी बहन ने 1998 में शादी कर ली थी. मुम्बई सीपी को लिखे अपने पत्र में, उसने ये भी कहा कि मुंडे ने 2006 में उसके साथ यौन संबंध बनाने शुरू कर दिए थे जब एक बच्चे को जन्म देने के बाद, उसकी बहन इंदौर लौट गई थी.
12 जनवरी को, आरोपों का जवाब देते हुए मुंडे ने दावा किया कि वो सब आरोप झूठे थे और सिर्फ उन्हें ‘बदनाम और ब्लैकमेल’ करने के लिए लगाए गए थे.
एक फेसबुक पोस्ट में मुंडे ने कहा कि 2003 में वो शिकायतकर्ता की बहन के साथ, एक आपसी सहमति के रिश्ते में थे, और उसके साथ उन्होंने दो बच्चे- एक बेटा और एक बेटी- पैदा किए थे. विधायक ने कहा कि उनका परिवार पत्नी और दोस्त, इस रिश्ते से अवगत थे और उन्होंने इन बच्चों को स्वीकार कर लिया, जिन्हें मुंडे परिवार का नाम दिया गया है.
उन्होंने ये भी कहा कि वो शिकायतकर्ता की बहन की देखभाल कर रहे थे. उन्होंने मुम्बई में एक घर ख़रीदने में भी महिला मदद की थी और उसके भाई की भी अपना व्यवसाय शुरू करने में सहायता की थी लेकिन, 2019 के बाद से परिवार ने उन्हें ब्लैकमेल करना शुरू कर दिया और पैसे की मांग करने लगा.
मुंडे ने कहा कि पिछले साल नवंबर में, उन्होंने ब्लैकमेलिंग के बारे में पुलिस से शिकायत की थी, जिसके बाद शिकायतकर्ता की बहन ने, उनके बारे में कुछ निजी सामग्री सोशल मीडिया पर डाल दी.
मुंडे ने अपनी पोस्ट में कहा, ‘इसलिए, इंसाफ पाने के लिए मैंने उसके खिलाफ मुम्बई हाईकोर्ट में याचिका दायर कर दी. कोर्ट ने उसके ऐसी सामग्री छापने पर रोक लगा दी. वो याचिका सुनवाई के लिए मुम्बई हाईकोर्ट में लंबित है. साथ ही साथ, दोनों पक्षों के वकील अदालत से बाहर समझौता करने के लिए, इस मामले पर चर्चा कर रहे हैं. मेरे लिए इस मामले पर और कुछ कहना उपयुक्त नहीं होगा, क्योंकि ये कोर्ट के विचाराधीन है’.
लेकिन, उन्होंने आगे कहा, ‘मेरे पास उन संदेशों के सबूत भी हैं, जो शिकायतकर्ता ने अपने नंबर से मुझे भेजे थे और जिनमें मुझे ब्लैकमेल करने की कोशिश करते हुए करोड़ों रुपए मांगे गए थे’.
मुम्बई पुलिस ने मुंडे के खिलाफ शिकायत स्वीकार कर ली है, लेकिन अभी तक उनके खिलाफ प्राथमिकी दर्ज नहीं की है.
मुंडे के इस्तीफे की मांग
मुंडे पर आरोप लगने के बाद, बीजेपी नेताओं ने आक्रामक रूप से मांग करनी शुरू कर दी कि मुंडे मंत्रिमंडल से इस्तीफा दें.
राजनीतिक रूप से ये महत्वपूर्ण है, चूंकि एमवीए सरकार में किसी मंत्री से जुड़ा, ये पहला बड़ा विवाद है और विपक्ष के लिए भी पहला मौक़ा है, जिसमें वो वैचारिक रूप से विरोधी शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस की तिपहिया सरकार को घेर सकता है. इसे अलावा, लगाए गए आरोप भी गंभीर हैं.
पूर्व बीजेपी सांसद किरीट सोमैया, जो ठाकरे की सरकार और उनके परिवार के सदस्यों के खिलाफ आरोप लगाने के लिए, लगभग हर रोज़ प्रेस वार्ताएं करते रहे हैं, सीधे इस विवाद में कूद पड़े और मुंडे के खिलाफ शिकायत को आगे बढ़ाने के लिए ओशीवाड़ा थाने पहुंच गए.
उन्होंने चुनाव आयोग को भी पत्र लिखा और अथॉरिटी से मुंडे के खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की, क्योंकि उन्होंने ये नहीं बताया था कि उनके एक दूसरी पत्नी और दो बच्चे थे.
I have submitted complaint against Maharashtra Minister #DhananjayMunde to Election Commision of India for Non Disclosure, Concealment of Facts about Wives, Children & Properties @BJP4Maharashtra @Dev_Fadnavis @BJP4India pic.twitter.com/RlVSElNTty
— Kirit Somaiya (@KiritSomaiya) January 13, 2021
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने भी मुंडे के इस्तीफे की मांग करते हुए कहा, ‘शिकायतों के मद्देनज़र उन्हें सार्वजनिक ऑफिस में रहने का कोई अधिकार नहीं है’.
पूर्व सीएम फडणवीस ने, जो अब नेता प्रतिपक्ष हैं, मुंडे के ख़िलाफ आरोपों पर ज़्यादा नपी हुई प्रतिक्रिया दी. बुधवार को पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘पूरे मामले की जांच की जानी चाहिए. मुंडे ने ख़ुद इसे (शिकायतकर्ता की बहन से अपना रिश्ता) स्वीकार किया है. हम अपना रुख़ तभी स्पष्ट करेंगे, जब मामले की जांच पूरी हो जाएगी’.
लेकिन, बीजेपी उस समय बैकफुट पर आने को मजबूर हो गई, जब उसके अपने एक नेता कृष्णा हेगड़े ने बृहस्पतिवार दोपहर 3 बजे कहा कि उन्होंने मुम्बई के अम्बोली पुलिस थाने में तहरीर देकर, मुंडे के केस वाली शिकायतकर्ता के ख़िलाफ उन्हें भी ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया है.
हेगड़े, जो पहले एक कांग्रेस विधायक थे और फिर 2017 में बीजेपी में शामिल हो गए थे, ने कहा कि महिला उन्हें मैसेज कर रही थी और ‘पीछा करने की हद तक’ मीठी बातें करके, उन्हें ख़ुद से रिश्ता बनाने के लिए मना रही थी. अपनी शिकायत में हेगड़े ने ये भी कहा कि उन्हें अपने सूत्रों से पता चला कि वो महिला ‘संदिग्ध चरित्र की थी, जो एक हनी ट्रैप बिछा रही है’.
मीडिया के साथ साझा की गई अपनी शिकायत में हेगड़े ने कहा, ‘दो दिन पहले, मंत्री श्री धनंजय मुंडे के खिलाफ मीडिया में छपे उसके आरोप देखकर मैं दंग रह गया…आज वो उन्हें निशाना बना रहे हैं, दो साल पहले ये मैं हो सकता था, कल कोई और होगा. ये एक प्रक्रिया है जिसमें शिकार को लुभाकर जाल में फंसाया जाता है और फिर ब्लैकमेल करके पैसे की उगाही की जाती है. मैं मुम्बई पुलिस से अनुरोध करूंगा कि एक एफआईआर दर्ज करे और मामले को उसके अंजाम तक पहुंचाए’.
हेगड़े के बाद, एमएनएस कार्यकर्ता मनीष धूरी ने भी, शिकायतकर्ता के खिलाफ बयान दिया और उस पर ब्लैकमेल करने का आरोप लगाया.
दिप्रिंट से बात करते हुए धूरी ने कहा, ‘2007-08 में, उसने एक टेक्स्ट मैसेज के ज़रिए मुझसे संपर्क किया था. मैंने ऐसे ही जवाब दे दिया और इस तरह हमारी जान पहचान शुरू हुई, जो दोस्ती में बदल गई. वो मुझसे कहती रही कि उसके म्यूज़िक एल्बम लॉन्च के लिए मैं उसे कुछ संपर्क बताऊं. फिर एक दिन उसने मुझे अपने अपार्टमेंट पर बुलाया और मेरे साथ यौन संबंध बनाने की कोशिश की. मुझे ऐसा लगा कि वहां कोई और भी मौजूद था जो छिपकर हमें रिकॉर्ड करने की कोशिश कर रहा था. इसलिए मैं वहां से चला आया और उसके बाद उससे संपर्क बंद कर दिया’.
जेट एयरवेज़ के एक पूर्व कर्मचारी ने भी बृहस्पतिवार को शिकायतकर्ता के खिलाफ इसी तरह के आरोप लगाए.
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राजनीतिक निहितार्थ
मुंडे के खिलाफ आरोपों का सियासी असर, इससे कहीं अधिक गहरा है कि किसी एमवीए मंत्री के खिलाफ ये पहला गंभीर आरोप है.
मुंडे, जो बीजेपी के बड़े नेता स्वर्गीय गोपीनाथ मुंडे के भतीजे हैं, अपने चाचा की विरासत पर अपना दावा जताने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने उस समय बीजेपी छोड़ दी, जब गोपीनाथ मुंडे ने उनकी जगह अपनी बेटी पंकजा मुंडे को आगे बढ़ाने का फैसला किया.
उसके बाद से, 45 वर्षीय विधायक अपने आपको, छगन भुजबल के बाद एनसीपी में, अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) के एक शक्तिशाली चेहरे के तौर पर स्थापित करने में लगे हैं और वंजारी समुदाय से गोपीनाथ मुंडे के समर्थकों को, एनसीपी के पाले में लाने की कोशिश कर रहे हैं.
इसमें शुरुआती कामयाबी तब मिली, जब मुंडे ने 2019 विधानसभा चुनावों में पारली विधान सभा सीट से सिटिंग विधायक और गोपीनाथ मुंडे की बेटी, पंकजा मुंडे को परास्त कर दिया.
एनसीपी, जिसे मुंडे में एक मज़बूत राजनीतिक विरासत के साथ दूसरी पीढ़ा का ओबीसी चेहरा नज़र आता है, ने भी मुंडे की राजनीतिक महत्वाकाक्षाओं में उनका साथ दिया. पार्टी ने पहले उन्हें राज्य विधान परिषद में नेता प्रतिपक्ष बनाया और फिर पहली बार के विधायक होने के बावजूद, एमवीए सरकार में कैबिनेट मंत्री बना दिया.
यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप, संभावित रूप से पार्टी के लिए शर्मिंदगी का कारण बन सकते हैं.
पार्टी के वरिष्ठ नेता- शरद पवार, डिप्टी-सीएम अजित पवार, प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटिल और पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रफुल्ल पटेल- ने बृहस्पतिवार को मुंडे पर लगे आरोपों पर चर्चा के लिए बैठक की. पवार ने शुरू में तो आरोपों को ‘गंभीर’ बताया, लेकिन बाद में उन्होंने कहा कि ख़ुद शिकायतकर्ता के खिलाफ ब्लैकमेल करने के आरोप लगे हैं, इसलिए उनकी जांच पूरी होने तक पार्टी इंतज़ार करेगी.
इस पूरे मामले ने, परेशानी के इस समय में गठबंधन की मज़बूती को भी परख लिया है. कांग्रेस नेता इस मामले में ख़ामोश रहे, जबकि शिवसेना के संजय राउत ने कहा कि ये पूरी तरह से एक पारिवारिक मामला है.
इस बीच, शिवसेना मंत्री अब्दुल सत्तार ने उस बात को दोहराया, जो पार्टी संस्थापक बाल ठाकरे ने दो दशक पहले गोपीनाथ मुंडे से कही थी.
1990 के दशक में, जब किसी महिला के साथ संबंधों को लेकर मुंडे सीनियर की आलोचना हुई थी तो सत्तार ने कहा कि बाल ठाकरे ने उनके बचाव में कहा था: ‘प्यार किया तो डरना क्या’.
उन्होंने आगे कहा, ‘मुंडे ने ख़ुद ऐलान किया है कि वो शिकायतकर्ता की बहन के साथ रिश्ते में थे और उससे उन्हें दो बच्चे हुए. उन्होंने कुछ नहीं छिपाया. ‘प्यार किया तो डरना क्या’.
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