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Thursday, 19 December, 2024
होमराजनीति'इनको नहीं समझा सकता', अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के SC के फैसले से असहमत कांग्रेस पर शाह ने साधा निशाना

‘इनको नहीं समझा सकता’, अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के SC के फैसले से असहमत कांग्रेस पर शाह ने साधा निशाना

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि 370 की आड़ में आतंकवाद और अलगाववाद की बात करने वाले लोगों को आज कश्मीर की जनता अनसुना करती है और विकास की बात करती है.

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नई दिल्ली: गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाए जाने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले से असहमत कांग्रेस पर कटाक्ष किया और कहा कि विपक्षी दल इस तरह के रुख से चुनाव हारता रहेगा.

जम्मू-कश्मीर से संबंधित दो विधेयकों पर राज्यसभा में बहस का जवाब देते हुए, अमित शाह ने कहा, “यह एक महत्वपूर्ण दिन है. आज (अनुच्छेद 370 पर सुप्रीम कोर्ट का) फैसला भी आ गया है. फिर भी, वे (कांग्रेस) कहते हैं कि वे इसे स्वीकार नहीं करते हैं और वे मानते हैं कि धारा 370 को गलत तरीके से हटाया गया. मैं उन्हें यह नहीं समझा सकता कि वास्तविकता क्या है…अनुच्छेद 370 ने अलगाववाद को बढ़ावा दिया और अलगाववाद के कारण आतंकवाद को बढ़ावा मिला. एक गलत फैसला हो सकता है लेकिन जब इतिहास और समय यह साबित कर दे कि वह फैसला गलत है तो राष्ट्रहित की ओर लौटना चाहिए.”

गृह मंत्री ने आगे कहा कि मैं अब भी कहता हूं, वापस आ जाओ नहीं तो अब कितने (सदन के लिए चुने गए सांसद) बचे हैं, वह भी नहीं रहेंगे. अगर आप आज भी इस फैसले पर कायम रहना चाहते हैं तो जनता देख रही है- 2024 में मुकाबला होगा और पीएम मोदी तीसरी बार पीएम बनेंगे.

जम्मू और कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पिछले सप्ताह लोकसभा द्वारा पारित किए गए थे.

कांग्रेस पर निशाना साधते हुए अमित शाह ने कहा कि विपक्षी पार्टी ने कहा है कि जिस तरह से अनुच्छेद 370 को हटाया गया है वह उससे सहमत नहीं है.

उन्होंने कहा कि अगस्त, 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करते समय उचित प्रक्रिया और नियमों का पालन किया गया था और अब सुप्रीम कोर्ट ने भी अपना फैसला सुना दिया है.

गृह मंत्री ने कहा कि अनुच्छेद 370 के कारण अलगाववाद पैदा हुआ, जिसने आतंकवाद को बढ़ावा दिया.

कांग्रेस ने सोमवार को कहा कि संविधान के अनुच्छेद 370 को निरस्त करने से संबंधित मामलों में सुप्रीम कोर्ट के फैसले ने कई मुद्दों का फैसला किया है लेकिन कुछ मुद्दों को खुला छोड़ दिया है जो बेहद महत्वपूर्ण भी हैं.

कांग्रेस नेता पी चिदंबरम ने एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा, “प्रथम दृष्टया, जिस तरीके से अनुच्छेद 370 को निरस्त किया गया, उस फैसले से हम सम्मानपूर्वक असहमत हैं. हम 6 अगस्त, 2019 के कांग्रेस कार्य समिति के संकल्प को दोहराते हैं कि अनुच्छेद 370 का तब तक सम्मान किया जाना चाहिए जब तक कि इसमें कड़ाई से संशोधन नहीं किया जाता.”

उन्होंने कहा, “हम इस बात से भी निराश हैं कि सुप्रीम कोर्ट ने राज्य को विभाजित करने और उसका दर्जा घटाकर दो केंद्र शासित प्रदेश करने के सवाल पर फैसला नहीं किया. उस सवाल को भविष्य में किसी उपयुक्त मामले में फैसले के लिए सुरक्षित रखा गया है.”

कांग्रेस पार्टी ओबीसी विरोधी है

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह राज्यसभा में जम्मू-कश्मीर आरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 और जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन) विधेयक, 2023 पर कहा, “पहले जम्मू में 37 सीटें थीं, अब नए परिसीमन आयोग के बाद 43 सीटें हो गई हैं. पहले कश्मीर में 46 सीटें थीं, अब 47 हैं और पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर में 24 सीटें आरक्षित कर दी गई हैं क्योंकि PoK हमारा है.”

उन्होंने कहा, कांग्रेस पार्टी ओबीसी विरोधी है. उन्होंने काका कालेलकर आयोग और मंडल आयोग के रिकॉर्ड दबा कर रख दिये. उन्होंने राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग को संवैधानिक दर्जा नहीं दिया.

अमित शाह ने आगे कहा कि जो युवा पत्थर लेकर घूमते थे, मोदी सरकार ने उन युवाओं के हाथ में लैपटॉप पकड़ाने का काम किया है. 370 की आड़ में आतंकवाद और अलगाववाद की बात करने वाले लोगों को आज कश्मीर की जनता अनसुना करती है और विकास की बात करती है.

शाह ने कहा, “राष्ट्रपति द्वारा शक्ति का प्रयोग दुर्भावनापूर्ण नहीं है, इसे सुप्रीम कोर्ट ने होल्ड कर दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने ये भी होल्ड कर दिया है कि धारा-370 समाप्त हो चुकी है, इसलिए जम्मू कश्मीर के संविधान का कोई अस्तित्व नहीं रह गया है.”


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