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Monday, 6 May, 2024
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SC ने J&K में 370 के खात्मे को सही ठहराया, ओवैसी ने कहा- BJP कोलकाता, मुंबई को भी UT बनाने की कोशिश करेगी

एआईएमआईएम चीफ ने कहा कि हम फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है. आज आपने एक राज्य को 3 केंद्र शासित प्रदेश बना दिया.

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नई दिल्ली : सुप्रीम कोर्ट द्वारा आज अनुच्छेद 370 को निरस्त किए जाने के सरकार के फैसले को बरकरार रखने के बाद ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं और आने वाले दिनों में बीजेपी कोलकाता, चेन्नई और अन्य को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की कोशिश करेगी.

असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, “हम इस फैसले से संतुष्ट नहीं हैं. कश्मीर हमेशा से भारत का अभिन्न अंग रहा है. आज आपने एक राज्य को 3 केंद्र शासित प्रदेश बना दिया. संसद उनके लिए बोल रही है, उनकी विधानसभा नहीं है. सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को बरकरार रखा है. तो ऐसा किसी के साथ भी किया जा सकता है. अब आने वाले दिनों में बीजेपी कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई को केंद्र शासित प्रदेश बनाने की कोशिश करेगी और कोई भी इसे रोक नहीं पाएगा.”

उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को हटाना संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है और राज्य को 3 केंद्रशासित प्रदेशों में बांटना कश्मीर के लोगों के साथ एक बड़ा विश्वासघात है.

उन्होंने कहा, “सवाल यह है कि जब आप कर्फ्यू लगाकर अनुच्छेद 370 को हटा रहे हैं, वहां कोई निर्वाचित विधानसभा नहीं है. फिर कश्मीर में विचार-विमर्श किसने किया? मेरे विचार में, अनुच्छेद 370 को हटाना संवैधानिक नैतिकता का उल्लंघन है और राज्य का विभाजन कश्मीर के लोगों के साथ एक बड़ा विश्वासघात है. भविष्य में लद्दाख के डोगरा और बौद्धों को सबसे अधिक नुकसान होगा, जैसा कि अब आप देख रहे हैं, जम्मू में सभी चावल मिलें डोगरा के हाथों से निकल गईं.”

सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने को बरकरार रखा और भारत के चुनाव आयोग को 30 सितंबर, 2024 तक विधानसभा चुनाव कराने का निर्देश दिया.

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शीर्ष अदालत ने यह भी कहा कि “जितना जल्दी हो सके राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा.”

सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा, “हम निर्देश देते हैं कि पुनर्गठन अधिनियम की धारा 14 के तहत गठित जम्मू-कश्मीर विधानसभा के चुनाव 30 सितंबर 2024 तक कराने के लिए भारत के चुनाव आयोग द्वारा कदम उठाए जाएंगे.”

सुप्रीम कोर्ट ने भी केंद्र शासित प्रदेश के रूप में लद्दाख के पुनर्गठन को बरकरार रखा.

भारत संघ का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल ने अपना पक्ष रखा कि जम्मू और कश्मीर को राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा और केंद्र शासित प्रदेश के रूप में इसकी स्थिति अस्थायी है.

अदालत ने कहा, “सॉलिसिटर जनरल द्वारा दी गई इस दलील के मद्देनजर कि जम्मू-कश्मीर का राज्य का दर्जा बहाल किया जाएगा, हमें यह तय करना जरूरी नहीं लगता कि अनुच्छेद 3 के तहत जम्मू-कश्मीर राज्य का पुनर्गठन दो केंद्र शासित प्रदेशों लद्दाख और जम्मू-कश्मीर में किया जाए या नहीं.”

सीजेआई चंद्रचूड़, जस्टिस संजय किशन कौल, संजीव खन्ना, बीआर गवई और सूर्यकांत की पांच जजों की संविधान पीठ ने यह फैसला सुनाया.


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