नई दिल्ली: दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी (आप) के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने ‘बुलडोजर राजनीति’ के लिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर सोमवार को निशाना साधा. केजरीवाल ने कहा कि अगर शहर में 63 लाख लोगों के अनधिकृत माने जा रहे मकानों और दुकानों पर बुलडोजर चला तो यह आजाद भारत की ‘सबसे बड़ी तबाही’ होगी.
इस सिलसिले में केजरीवाल ने अपने आवास पर सोमवार सुबह पार्टी के विधायकों के साथ बैठक की जिसमें दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी के लगभग सभी विधायक शामिल हुए.
जानकारी के लिए बता दें कि शाहीन बाग, मदनपुर खादर, न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी, मंगोलपुरी, करोल बाग, ख्याला और लोधी कॉलोनी सहित कई हिस्सों में, दिल्ली के तीनों नागरिक निकायों के अधिकारी पिछले कई दिनों से अतिक्रमण रोधी अभियान चला रहे हैं.
बैठक में केजरीवाल ने विधायकों को सलाह दी कि उन्हें बीजेपी शासित नगर निकायों के अधिकारियों द्वारा दिल्ली के विभिन्न हिस्सों में चलाए जा रहे अतिक्रमण रोधी अभियान का विरोध करते हुए जेल जाने के लिए तैयार रहना चाहिए.
केजरीवाल ने कहा कि वो कई कॉलोनी में बुलडोजर के साथ पहुंच रहे हैं और किसी भी दुकान और मकान को उसकी मदद से गिरा रहे हैं. अगर लोग उन्हें संरचना के वैध होने के दस्तावेज दिखाते भी हैं, तो वे उसकी जांच नहीं करते हैं.
केजरीवाल ने कहा, ‘दिल्ली का निर्माण योजनाबद्ध तरीके से नहीं किया गया है. दिल्ली के 80 प्रतिशत से अधिक हिस्से को अवैध और अतिक्रमित कहा जा सकता है. इसका मतलब क्या आप 80 प्रतिशत दिल्ली को तबाह कर देंगे?’
दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि जिस तरह से अतिक्रमण रोधी अभियान चलाया जा रहा है, उनकी पार्टी उसके खिलाफ है. उन्होंने कहा कि विभिन्न अनधिकृत कॉलोनी में करीब 50 लाख लोग रहते हैं, झुग्गी-बस्ती में 10 लाख लोग रहते हैं और वहीं तीन लाख ऐसे लोग हैं कि जिन्होंने अपने मकानों के छज्जे निश्चित सीमा से अधिक बाहर निकाल रखे हैं या मकान में अन्य बदलाव किए हैं जो मूल नक्शे से अलग हैं.
उन्होंने कहा, ‘इसका मतलब है कि 63 लाख लोगों के मकान और दुकानों को बुलडोजर की मदद से गिराया जाएगा. आजाद भारत में होने वाली यह सबसे बड़ी तबाही होगी.’
उन्होंने कहा कि आम आदमी पार्टी अतिक्रमण के खिलाफ है और चाहती है कि दिल्ली खूबसूरत दिखे लेकिन इसके लिए 63 लाख लोगों के मकानों और दुकानों को तोड़ना बर्दाशत नहीं किया जाएगा.
केजरीवाल ने कहा, ‘पिछले 15 साल से बीजेपी दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) में सत्ता में है और पैसे ले रही है. 18 मई को उनका कार्यकाल खत्म हो रहा है. क्या आपके पास इतना बड़ा फैसला करने का संवैधानिक अधिकार है? चुनाव होने दें और जीतने वाली पार्टी को फैसला करने दें. सभी को पता है कि इस बार एमसीडी में ‘आप’ ही आएगी.’
उन्होंने लोगों को आश्वासन दिया कि उनकी पार्टी अतिक्रमण की समस्या का समाधान निकालेगी और विभिन्न अवैध कॉलोनी में रहने वाले लोगों को मालिकाना अधिकार मिलेगा.
वहीं, बीजेपी ने दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर नगर निगमों के अतिक्रमण विरोधी अभियान को लेकर लोगों को डराने और ब्लैकमेल करने का आरोप लगाते हुए सोमवार को कहा कि इस अभियान से शहर के वास्तविक निवासियों को नुकसान नहीं होगा, भले ही वो अनधिकृत कॉलोनियों या झुग्गी बस्तियों में ही क्यों न रहते हों.
बीजेपी की दिल्ली इकाई ने कहा कि बांग्लादेशियों, रोहिंग्याओं, दंगाइयों और अवैध गतिविधियों में शामिल लोग, जिन्हें आम आदमी पार्टी द्वारा संरक्षण दिया जाता है उन्हें बख्शा नहीं जाएगा.
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‘कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए’
वहीं, केजरीवाल ने कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा को लेकर भी अपनी चिंता जाहिर की. दिल्ली के सीएम ने मोदी सरकार से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का आग्रह किया है.
केजरीवाल ने कश्मीरी पंडित समुदाय के एक सरकारी कर्मचारी की पिछले सप्ताह आतंकवादियों द्वारा गोली मार कर हत्या कर देने के बाद केंद्र से यह अनुरोध किया है.
कश्मीरी पंडित राहुल भट को 2010-11 में प्रवासियों के लिए विशेष रोजगार पैकेज के तहत क्लर्क की नौकरी मिली थी. राहुल की गुरुवार को मध्य कश्मीर के बडगाम जिले के चदूरा शहर में तहसील कार्यालय के अंदर आतंकवादियों ने गोली मारकर हत्या कर दी
केजरीवाल ने कहा कि आतंकवादियों ने एक कश्मीरी पंडित को उसके ऑफिस के अंदर घुस कर गोली मार दी. ऐसा लगता है कि यह सुनियोजित था. भारतीय थल सेना ने एक दिन में दो आतंकवादियों को मार गिराया लेकिन इस घटना ने कश्मीरी पंडितों को डरा दिया है.
उन्होंने यह भी कहा कि अगले दिन, घटना को लेकर विरोध प्रदर्शन करने वाले कश्मीरी पंडितों पर लाठीचार्ज किया गया. उन्होंने मांग की कि लाठीचार्ज के लिए जिम्मेदार अधिकारियों को तत्काल बर्खास्त किया जाए.
केजरीवाल ने आगे कहा कि अन्य राज्यों में रहने वाले कश्मीरी पंडित अगर सुरक्षित महसूस नहीं करेंगे तो वो कश्मीर लौटने के बारे में कैसे सोचेंगे. यह समय राजनीति करने का नहीं है. मैं केंद्र से कश्मीरी पंडितों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह करता हूं.
भाषा के इनपुट से
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