नई दिल्ली : बीएसपी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने यूनिफॉर्म सिविल कोड (यूसीसी) को सभी भारतीयों के लिए अच्छा बताया है और कहा कि यह भाईचारे को मजबूत करेगा लेकिन इसे जबर्दस्ती लागू करने और इस पर राजनीति करने को गलत बताया है.
उन्होंने कहा, “यूसीसी को लागू करने से देश मजबूत होगा और भारतीयों को एकजुट करेगा. यह लोगों में भाईचारा भी पैदा करेगा. यूसीसी को जबर्दस्ती लागू करना सही नहीं है, इस मुद्दे का राजनीतिकरण करना समस्या है. सरकार को अभी महंगाई, बेरोजगारी, शिक्षा और स्वास्थ्य पर ध्यान देना चाहिए.”
On the Uniform Civil Code, BSP national president Mayawati, says "The implementation of UCC will strengthen the country and unite Indians. It will also develop a sense of brotherhood among people. The forceful implementation of UCC is not right, politicising this issue will… pic.twitter.com/msdy7leb0a
— ANI (@ANI) July 2, 2023
बीएसपी प्रमुख ने कहा, “हमारी पार्टी (बीएसपी) यूसीसी लागू करने के खिलाफ नहीं है लेकिन हम देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू करने की कोशिश कर रही बीजेपी का समर्थन नहीं करते. इस मुद्दे का राजनीतीकरण और देश में यूसीसी को जबर्दस्ती लागू करना सही नहीं है.”
वहीं यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर भाजपा नेता और केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पियूष गोयल ने कांग्रेस को निशाने पर लिया.
पीयूष गोयल ने कांग्रेस को निशाने पर लिया
उन्होंने कहा, “मुझे लगता है कांग्रेस और इसके नेता इस मुद्दे को लेकर बौखला गए हैं. समय की मांग है कि एक कानून देश के लोगों को एकजुट कर और उन्हें इसमें शामिल करके बनना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने भी पांच बार अलग-अलग फैसलों में यूसीसी लाने की बात कही थी. मुझे लगता है कि कपिल सिब्बल पीएम मोदी द्वारा अल्पसंख्यकों के लिए किए गए विकास कार्यों को भूल गए हैं…हमारे पास राज्यसभा में पूर्ण बहुमत है और मुझे लगता है कि बाकी और कई सारी पार्टयों के नेता हैं जो कि चाहते हैं कि देश एकजुट होना चाहिए. मेरा मानना है कि कई सारी पार्टियां यूनिफॉर्म सिविल कोड पर समर्थन करेंगी. हमें इस पर सभी पार्टियों का समर्थन मिलेगा.’
गौरतलब है कि एक दिन पहले पूर्व मंत्री और राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने कहा था, “पहले तो प्रधानमंत्री को देश को बताना चाहिए कि यूसीसी को लेकर क्या प्रपोजल है और वह किस चीज पर यूनफॉर्मिटी (एकरूपता) चाहते हैं. जब तक प्रपोजल सामने नहीं आता तब तक (यूसीसी पर) किसी बहस की जरूरत नहीं है.”
उन्होंने कहा, “उत्तराखंड का सिविल कोड देशभर में लागू नहीं किया जा सकता है. लोगों को इस कानून के बारे में पूरी तरह पता नहीं है, लेकिन चर्चा शुरू हो गई हैं.”
वहीं पीएम मोदी ने विदेश यात्रा से लौटने पर मध्य प्रदेश के भोपाल में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए यूनिफॉर्म सिविल कोड का मुद्दा उठाया था और कहा था कि एक दो कानून से कैसे चलाया जा सकता है. उन्होंने परिवार का उदाहरण देते हुए सवाल पूछा था कि क्या परिवार के सदस्यों के लिए अलग-अलग नियम हो सकते हैं.
कांग्रेस ने कहा- यूसीसी का मसौदा आए, फिर चर्चा करेंगे
वहीं कांग्रेस पार्टी ने कहा, “UCC को लेकर हमार रुख कायम है, मसौदा आएगा तब चर्चा करेंगे”, संसदीय रणनीति समूह की बैठक के बाद कांग्रेस ने यह बातें कहा
कांग्रेस ने कहा कि वह यूनिफॉर्म सिविल कोड(यूसीसी) को लेकर अपने रुख पर कायम है और इसे देश स्तर पर लागू करना ठीक नहीं है. पार्टी ने कहा कि अगर इस मुद्दे पर कोई मसौदा विधेयक या रिपोर्ट आती है, तो फिर वह कोई टिप्पणी करेगी.
बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत में कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने कहा कि पार्टी यूनिफॉर्म सिविल कोड पर 15 जून को पहले ही अपना रुख स्पष्ट कर चुकी है और यूसीसी को लेकर कांग्रेस के रुख में कोई परिवर्तन नहीं आया है.
उन्होंने कहा कि पिछले 15 दिनों के दौरान इस मामले में कुछ अतिरिक्त नहीं हुआ है, इसलिए पार्टी के पास अभी इस पर कहने के लिए कुछ नहीं है.
जयराम रमेश ने कहा, ‘‘जब कोई मसौदा आएगा और चर्चा होगी, तो हम हिस्सा लेंगे और जो प्रस्तावित होगा, उसकी समीक्षा करेंगे. फिलहाल, हमारे पास प्रतिक्रिया के लिए केवल विधि आयोग का सार्वजनिक नोटिस है. कांग्रेस अपने बयान पर कायम है, क्योंकि कुछ भी नया नहीं हुआ है.’’
कांग्रेस ने आरोप लगाया था कि यूसीसी पर नये सिरे से जनता की राय लेने का विधि आयोग का नवीनतम प्रयास अपनी विफलताओं से ध्यान भटकाने और ध्रुवीकरण के एजेंडे को जारी रखने के मोदी सरकार के उतावलेपन को दर्शाता है.
मणिपुर, महंगाई समेत मुद्दे पर घेरेगी कांग्रेस
बीते शनिवार को कांग्रेस के शीर्ष नेतृत्व ने संसदीय रणनीति समूह की बैठक की, जिसमें उसने 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र के दौरान उठाए जाने वाले विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
मणिपुर हिंसा, पहलवानों का विरोध, मुद्रास्फीति, बढ़ती बेरोजगारी और राज्यपालों से राज्य सरकार के टकराव को लेकर कांग्रेस केंद्र सरकार को घेरने की तैयारी में है.
रमेश ने कहा, ‘‘हम सत्र चलाना चाहते हैं. हम महत्वपूर्ण मुद्दे उठाना चाहते हैं. हम चर्चा चाहते हैं. उम्मीद है कि जब भी कानून आएगा, तो हमें अपने मुद्दे उठाने और उस पर अपना रुख स्पष्ट करने का पूरा मौका मिलेगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘फिलहाल कोई जानकारी नहीं है कि कौन से विधेयक आएंगे, लेकिन हम एक सार्थक सत्र चाहते हैं.’’
रमेश ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने दो महीने बाद भी मणिपुर हिंसा पर अपनी चुप्पी नहीं तोड़ी है.
उन्होंने मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह के इस्तीफे की अपनी पार्टी की मांग दोहराई. रमेश ने यह भी कहा कि पार्टी को लगता है कि गृह मंत्री अमित शाह की मणिपुर यात्रा से कुछ हासिल नहीं हुआ, क्योंकि अशांत राज्य में हिंसा जारी है.
उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री चुप हैं और हम उनसे इस मुद्दे पर अपनी चुप्पी तोड़ने के लिए कह रहे हैं. प्रधानमंत्री को तुरंत मणिपुर के मुख्यमंत्री का इस्तीफा मांगना चाहिए.’’
रमेश ने कहा कि पार्टी मणिपुर की स्थिति पर चर्चा की मांग करेगी.
रमेश ने कहा कि पार्टी आगामी मानसून सत्र में दिल्ली पुलिस द्वारा पहलवानों, विशेषकर महिला पहलवानों के साथ दुर्व्यवहार के मुद्दे के अलावा रेलवे सुरक्षा का मुद्दा भी उठाएगी.
उन्होंने कहा कि पार्टी नये संसद भवन के उद्घाटन के लिए राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित नहीं किए जाने का मुद्दा भी उठाएगी.
रमेश ने कहा कि यह आदिवासियों और अन्य दबे-कुचले लोगों का अपमान है.
उन्होंने अडाणी समूह द्वारा शेयर की कीमतों में हेरफेर के आरोपों की जांच संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से कराने की पार्टी की मांग भी दोहराई.
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