बेंगलुरू: कर्नाटक में बीएस येदियुरप्पा के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार को अपने पहले साल के कार्यकाल में ही सूखा, विनाशकारी बाढ़ और फिर कोविड-19 का सामना करना पड़ा है. कार्यकाल के एक साल पूरे होने के मौके पर आयोजित एक वर्चुअल समारोह में मुख्यमंत्री ने इसे ‘अग्निपरीक्षा’ करार दिया.
येदियुरप्पा ने कहा, ‘यह सब आसान नहीं रहा, यह एक अग्निपरीक्षा है. जब हम सत्ता में आए तो मुझे केवल एक व्यक्ति वाली कैबिनेट संभालनी पड़ी. मैंने अकेले ही राज्य को सभी बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया और पीड़ित लोगों को मदद मुहैया कराई. हमें यह बात जानकर खुशी हुई कि हमने जो मुआवजा घोषित किया था वह पीड़ित परिवारों को मिल गया. हमने कई मुसीबतों का सामना किया और एक-एक करके उससे बाहर भी आए.’
बतौर मुख्यमंत्री अपना चौथा कार्यकाल संभाल रहे कद्दावर लिंगायत नेता ने कहा, ‘मैं इस सरकार को बदले की भावना के साथ नहीं चला रहा हूं. आलोचना के बावजूद मैं अपना सिर ऊंचा करके चल पा रहा हूं. आप सभी ने इसमें मेरा समर्थन किया है.’
अपनी सरकार की भविष्य की योजनाओं के बारे में येदियुरप्पा ने कहा कि महामारी के खिलाफ जंग जारी रहेगी, कर्नाटक की अर्थव्यवस्था पटरी पर लाएंगे, युवाओं को रोजगार के मौके मुहैया कराएंगे और 2023 में अपना कार्यकाल पूरा होने तक स्थिर सरकार सुनिश्चित करेंगे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को उन पर और उनकी टीम पर भरोसा करने का श्रेय देते हुए येदियुरप्पा ने कहा, ‘हमने लोकसभा की 28 में से 25 सीटें जीतीं. दिसंबर के उपचुनावों में हमने 15 में से 11 विधानसभा सीटें जीतीं. यह सब संभव बनाने के लिए हमारे सभी सांसदों, विधायकों और पार्टी कार्यकर्ताओं ने एकजुट होकर काम किया… हम कर्नाटक को एक आदर्श राज्य बनाएंगे.’
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डिजिटल जश्न
हालांकि येदियुरप्पा सरकार का एक साल रविवार को ही पूरा हो गया था लेकिन सप्ताहांत में लॉकडाउन के नियम लागू होने के कारण समारोह का आयोजन एक दिन बाद करने का फैसला किया गया.
डिजिटल जश्न का आयोजन कर्नाटक सरकार के सदन विधान सौध के बैंक्वेट हाल में किया गया था. इसमें भाजपा सांसदों, विधायकों और राज्य भाजपा अध्यक्ष नलिन कुमार कटील सहित सीमित संख्या में ही लोगों को आमंत्रित किया गया था. आयोजन का विषय ‘सवालुगला वर्षा, परिहारदा स्पर्श ’ (चुनौतियों भरे साल में मददगार हाथ) था.
येदियुरप्पा ने सोशल मीडिया और टेलीविजन चैनलों के माध्यम से राज्य को संबोधित किया. राज्य सरकार ने सभी 30 जिलों के उपायुक्तों को इस आयोजन से लाइव जोड़ा जाना सुनिश्चित किया.
इस मौके पर भाजपा सरकार की कल्याणकारी योजनाओं का ब्योरा देने वाली एक पुस्तिका का विमोचन किया गया जो कृषि, वन्यजीव, पिछड़े वर्गों के उत्थान और कोविड प्रबंधन आदि क्षेत्रों में दिए गए योगदान पर धर्मगुरुओं, पूर्व नौकरशाहों और सामाजिक कार्यकर्ताओं के अपने अनुभवों को बताने वाली किताब है.
मुख्यमंत्री की लोगों से वर्चुअल बातचीत
मुख्यमंत्री येदियुरप्पा ने विभिन्न जिलों से चुने गए 11 लोगों के साथ वर्चुअल बातचीत भी की. उनमें एक बीजापुर की पद्मश्री थी जिसने कोविड-19 पॉजिटिव निकली एक गर्भवती महिला के तौर पर बात की और सरकार और उसके प्रयासों की सराहना की.
येदियुरप्पा ने उससे पूछा, ‘क्या अब आप बेहतर हैं, बहन?.’ उसने जवाब दिया कि वह ठीक है और सभी गर्भवती महिलाओं की ओर से अपील करना चाहती थी कि उन्हें भी उसी तरह चिकित्सा सुविधा मिले जैसी उसे मिली थी.
इस बीच, तुमकुरु की एक सरकारी स्वास्थ्यकर्मी ने ‘कोरोना योद्धा’ के रूप में अपने अनुभव के बारे में बताया. उसने बताया कि कैसे चिकित्साकर्मी लंबे समय तक काम करने में जुटे रहते हैं और वे लोगों की इच्छाशक्ति बढ़ाने में मदद कर रहे हैं. उसने बताया कि वह भी जांच में पॉजिटिव आई थी लेकिन अब पूरी तरह स्वस्थ है.
येदियुरप्पा ने उनसे कहा, ‘आप जैसे लोग इस कोरोना काल में निस्वार्थ भाव से अथक मेहनत कर रहे हैं. आप सभी कोरोना योद्धाओं के लिए प्रेरणा हैं. कृपया आप अपने आसपास के लोगों में यही भावना और आत्मविश्वास भरने का प्रयास करें.’
एक अन्य वक्ता चित्रदुर्ग जिले के हिरियुर की वसंतकुमारी ने तो येदियुरप्पा के चेहरे पर मुस्कान ला दी. उसने अप्रैल में लॉकडाउन के दौरान अपने गांव में प्याज किसानों की दुर्दशा को दर्शाते हुए सोशल मीडिया पर एक वीडियो अपील की थी. उनका भावनात्मक वीडियो वायरल हुआ और येदियुरप्पा ने उन्हें व्यक्तिगत रूप से बुलाया था.
जब कार्यक्रम में वसंतकुमारी ने अपनी बात रखी तो मुख्यमंत्री मुस्कराए और पूछा कि क्या अगली फसल की बुवाई के लिए पर्याप्त बारिश हुई है. उसने बताया कि बारिश तो पर्याप्त नहीं हुई थी और उम्मीद है कि सरकार उनकी मदद कर सकती है.
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