नई दिल्ली: विपक्ष दलों के हंगामे के बाद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाहियां स्थगित कर दी गई हैं. लोकसभा में कर्नाटक के मुद्दे लेकर हंगामा हुआ और राज्यसभा में नियम 267 के तहत विपक्ष के कुछ सांसदों द्वारा दिए गए नोटिस खारिज किए जाने पर हंगामा किया.
लोकसभा में सोमवार को कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस व तेदेपा सदस्यों ने विभिन्न मुद्दों को लेकर हंगामा किया, जिसके कारण सदन की कार्यवाही में व्यवधान उत्पन्न हुआ. हंगामे के कारण कार्यवाही दोपहर तक के लिए स्थगित कर दी गई. सदन की कार्यवाही शुरू होते ही कांग्रेस के केसी वेणुगोपाल ने कर्नाटक का मुद्दा उठाया और आरोप लगाया कि जद (एस)-कांग्रेस सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा ने ‘ऑपरेशन कमल’ शुरू किया है.
उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी द्वारा जारी किए गए एक टेप में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के नाम शामिल हैं और पैसे का लेन-देन किया गया है.’
लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन ने कहा कि वह उन्हें प्रश्नकाल के बाद बोलने की अनुमति देंगी, लेकिन कांग्रेस सदस्य, अध्यक्ष के आसन के पास जमा हो गए और नारेबाजी करने लगे. इस बीच तृणमूल कांग्रेस व तेलुगू देशम पार्टी के सदस्य भी लोकसभा अध्यक्ष के आसन के पास एकत्र हो गए और नारेबाजी करने लगे.
तृणमूल के सदस्यों ने पश्चिम बंगाल में अपने विधायक की हत्या व केंद्रीय एजेंसियों द्वारा चिटफंड घोटाले की जांच के नाम पर की गई कार्रवाई को लेकर प्रदर्शन किया. तेदेपा सदस्य आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे की मांग कर रहे थे. हंगामे के बीच सुमित्रा महाजन ने आरक्षण पर एक प्रश्न को लिया. इसके बाद सदन को दोपहर तक के लिए स्थगित कर दिया.
राज्यसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित
राज्यसभा की कार्यवाही सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच शुरू होने के कुछ ही देर बाद अपरान्ह 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई. जैसे ही सभापति एम वेकैंया नायडू ने घोषणा की कि उन्होंने नियम 267 (किसी विशेष मुद्दे पर चर्चा के लिए कामकाज का निलंबन) के तहत विपक्ष के कुछ सांसदों द्वारा दिए गए नोटिस खारिज कर दिए हैं, विपक्षी सदस्य आसन के समक्ष आ गए व नारेबाजी करने लगे.
नायडू ने हंगामा न रुकता देख सदन की कार्यवाही को अपरान्ह 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया. ऊपरी सदन में राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव पर चर्चा होनी है.