नई दिल्ली: हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने मध्यप्रदेश में शानदार वापसी की और चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की बजाये डॉक्टर मोहन यादव को राज्य में नया मुख्यमंत्री घोषित किया था.
पार्टी के वफादार मोहन यादव ने बुधवार को पद और गोपनीयता की शपथ लेने के साथ ही आधिकारिक तौर पर राज्य की कमान संभाल ली. राज्यपाल मंगूभाई पटेल ने उन्हें सीएम पद की शपथ दिलाई.
मध्य प्रदेश में राजेंद्र शुक्ला और जगदीश देवड़ा ने उपमुख्यमंत्री मंत्री पद की शपथ ली.
शपथ ग्रहण समारोह भोपाल के लाल परेड ग्राउंड में हुआ जहा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी, निवर्तमान सीएम शिवराज सिंह चौहान, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया और भाजपा शासित राज्यों के अन्य नेता शामिल रहे.
बीजेपी की मध्यप्रदेश इकाई के प्रमुख विष्णु दत्त शर्मा और निवर्तमान मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने समारोह की तैयारियों की समीक्षा की थी चौहान ने कहा कि कार्यवाहक मुख्यमंत्री होने के नाते यह देखना उनका कर्तव्य है कि शपथ ग्रहण समारोह के लिए सभी तैयारियां की जाएं.
कई दिनों से चल रही अटकलों को खत्म करते हुए, भाजपा ने सोमवार को यादव को राज्य के नए मुख्यमंत्री के रूप में चुना और पार्टी के दिग्गज नेता शिवराज सिंह चौहान पांचवीं बार मुख्यमंत्री पद संभालने का रिकॉर्ड नहीं बना पाए.
इस बीच मंगलवार को लाडली बहनें जिन्हें इस बार पार्टी को जीत दिलाने वाले एक मुख्य कारक के तौर पर देखा गया था, शिवराज को सीएम नहीं बनाए जाने से नाराज़ लगीं.
उन्होंने कहा- ‘‘भैया आपको वोट दिया था, आपको नहीं छोड़ेंगे’’.
मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में एमपी के निवर्तमान सीएम शिवराज ने कहा, ‘‘एक बात मैं विनम्रता के साथ कहता हूं कि अपने लिए कुछ मांगने जाने से पहले मैं मरना बेहतर समझूंगा. इसलिए मैंने कहा था कि मैं दिल्ली नहीं जाऊंगा…’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे पूरा विश्वास है कि मुख्यमंत्री मोहन यादव के नेतृत्व में भाजपा की सरकार जो तेज़ी से काम चल रहे हैं, उन्हें पूरा करेगी. लोक कल्याणकारी योजनाओं को लागू करेगी और प्रगति और विकास की दृष्टि से मध्य प्रदेश नई ऊंचाइयां छुएगा…मैं हमेशा सहयोग करता रहूंगा.’’
चुनाव प्रचार के दौरान ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा था कि पार्टी चुनाव सामूहिक नेतृत्व में लड़ेगी.
चौहान सरकार में मंत्री यादव (58) को सोमवार को एक बैठक के दौरान सर्वसम्मति से भाजपा विधायक दल का नेता चुना गया.
मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में शामिल वरिष्ठ भाजपा नेता और नवनिर्वाचित विधायक नरेंद्र सिंह तोमर नए विधानसभा के अध्यक्ष होंगे.
यादव को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का करीबी माना जाता है और उन्हें शीर्ष पद के दावेदार के रूप में नहीं देखा जा रहा था. वह अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय से आते हैं, जिनकी संख्या राज्य की जनसंख्या में 48 प्रतिशत से अधिक है.
सोमवार को मुख्यमंत्री नामित होने के बाद यादव ने राज्यपाल मंगूभाई पटेल से मुलाकात की और अगली सरकार बनाने का दावा पेश किया था.
यादव 2013 में पहली बार उज्जैन दक्षिण सीट से विधायक चुने गए थे. उन्होंने 2018 और फिर 2023 में विधानसभा सीट बरकरार रखी.
पिछले महीने के विधानसभा चुनावों में, भाजपा ने राज्य की 230 विधानसभा सीटों में से 163 सीटें जीती और कांग्रेस को 66 सीटों के साथ दूसरे स्थान पर धकेल दिया.
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