नई दिल्ली: भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व द्वारा मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को कथित तौरपर कमज़ोर किया जा रहा है जिसकी वजह से कर्नाटक में लिंगायत समुदाय में बेचैनी बढ़ गयी है, और लोगों को यह विश्वास है कि उनकी सरकार अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पायेगी. पार्टी के महासचिव और कर्नाटक मामलों के प्रभारी सचिव, मुरलीधर राव ने स्पष्ट किया कि ‘राज्य सरकार अपना कार्यकाल पूरा करेगी और कोई आकस्मिक चुनाव नहीं होगा.’
राव ने दिप्रिंट को बताया कि मुख्यमंत्री को दरकिनार करने का कोई प्रयास नहीं किया गया है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह राज्य में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण करने के लिए येदियुरप्पा के साथ गए थे.
राव ने आगे कहा कि ‘राज्य में तीन उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति येदियुरप्पा की सहायता करना है, न कि उन्हें राजनीतिक रूप से कमजोर करना.’
‘वह हमारे नेता हैं और इसीलिए पार्टी ने उन्हें पहले प्रदेश अध्यक्ष और फिर मुख्यमंत्री बनाया है.’
हालांकि, येदियुरप्पा को तीनों उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति की हवा तक नहीं लगी थी, लेकिन राज्य में एक प्रमुख समुदाय लिंगायतों के एक वर्ग ने उनकी ओर से संदेश दिया है. कई लिंगायत संतों ने येदियुरप्पा को देवपुर मठ के शिवमूर्ति स्वामी के साथ सबसे बड़े समुदाय के अग्रणी नेता के रूप में सम्मानित किया और यह भी कहा, ‘अगर उनको पद से हटाया गया तो विरोध होगा.’
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निज़ाम के शासन से हैदराबाद कर्नाटक क्षेत्र की आजादी के लिए आयोजित कार्यक्रम के दौरान ही येदियुरप्पा सरकार को इस बात की आशंका हुई थी.
उप-चुनाव के बाद मंत्रिमंडल विस्तार
राव ने मंत्रिमंडल विस्तार और तीन उपमुख्यमंत्रियों की नियुक्ति को लेकर राज्य इकाई में बढ़ती नाराजगी को भी दरकिनार कर दिया है.
राव ने कहा, ‘अभी किसी को दुखी होने की जरूरत नहीं है यह अंत नहीं है. उन्होंने यह भी कहा, अभी मंत्रिमंडल का विस्तार किया जाएगा और दूसरों को धैर्य रखना चाहिए. पार्टी आलाकमान स्थिति के अनुसार फैसले लेते हैं. विधायकों की अनुपस्थिति के कारण हमें विधानसभा में बहुमत मिला है. इसलिए उस परिदृश्य में, हमें मंत्रियों के चयन से पहले कई कारणों पर विचार करना होगा. ‘
राव ने संकेत दिया कि कर्नाटक में 15 विधानसभा क्षेत्रों में उप-चुनाव के परिणाम के बाद मंत्रिमंडल का एक और विस्तार किया जाएगा.