नई दिल्ली: योगी आदित्यनाथ और मोदी सरकार की योजनाओं को लोगों तक पहुंचाएं, और विपक्ष के आरोपों का आक्रामकता के साथ जवाब दें – पार्टी के सोशल मीडिया और आईटी सेल के स्वयंसेवकों के साथ बातचीत के लिए गुरुवार को पश्चिमी उत्तर प्रदेश पहुंचे भाजपा महासचिव (संगठन) बी.एल. संतोष के संदेश का यही सार है.
पश्चिमी यूपी, जो कि इस चुनावी राज्य में किसानों के विरोध का केंद्र बिंदु बना हुआ है, में बीजेपी सोशल मीडिया और आईटी सेल की टीमों के साथ संतोष का यह एक सप्ताह के भीतर दूसरा सत्र था.
भाजपा अगले साल की शुरुआत में होने वाले आगामी उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव को 2024 के लोकसभा चुनावों के सेमीफाइनल के रूप में देख रही है.
2017 के यूपी चुनाव में बीजेपी ने भारी-भरकम जीत दर्ज की थी. हालांकि, आज जो हालात हैं उसमें इसे मोदी सरकार द्वारा लाए गए तीन कृषि कानूनों (जिन पर वर्तमान में सुप्रीम कोर्ट द्वारा रोकी लगा दी गई है), इस साल की शुरुआत में आई दूसरी कोविड लहर के कहर और बेरोजगारी जैसे मुद्दों के कारण जमीनी स्तर पर कुछ नाराजगी का सामना करना पड़ रहा है.
जनता के इसी मोहभंग की समस्या का मुकाबला करने के संदेश के साथ ही संतोष ने पश्चिमी यूपी में सोशल मीडिया टीमों से मुलाकात की.
भाजपा उत्तर प्रदेश के सभी 18 संभागों (एक प्रशासनिक इकाई जिसमें कुछ जिले शामिल होते हैं) में अपने आईटी सेल के स्वयंसेवकों के साथ सम्मेलन आयोजित कर रही है, ताकि उन्हें चुनावी कार्य के लिए तैयार किया जा सके. इस तरह के कई सम्मेलन मेरठ, कानपुर, झांसी, आगरा और बरेली सहित अन्य जगहों पर पहले ही हो चुके हैं.
पहला राज्य स्तरीय सम्मेलन लखनऊ में हुआ था जिसे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और राज्य के संगठन महासतिव सुनील बंसल और राष्ट्रीय आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने संबोधित किया.
बाद के सम्मेलन में राज्य बीजेपी नेताओं ने मार्गदर्शन किया.
यूपी बीजेपी के सोशल मीडिया प्रभारी अंकित चंदेल ने कहा, ‘अभी, हमारी तैयारी क्षमता निर्माण पर केंद्रित है और और कार्यकर्ताओं को प्रशिक्षण और चुनौतियों के लिए तैयार किया जा रहा है. एक बार जब प्रशिक्षण ख़त्म हो जाएगा, तो वे चुनावी समर मेंउतरने के लिए तैयार जायेंगे. हमारी मुख्य चुनौती विपक्ष के कुप्रचार का समय पर जबाब देना और अपनी उपलब्धियों को जनता तक पहुंचाना है.’
बीजेपी के यूपी महासचिव के मुताबिक, ‘राज्य में सुरक्षा पहले से बेहतर है पर यह लोगों को बार बार बताना पड़ेगा. कोरोना में भी ग़रीबों को मुफ्त अनाज मिला, इसके बारे में भी लोगों की याददाश्त में जगाना पड़ेगा. जहां भी थोड़ी बहुत नाराज़गी है, वहां इसे टारगेटेव केंपेंन के ज़रिये सरकार कीयोजनाओं,पीएम मोदी के भाषण अदि के ज़रिये दूर किया जाएग. गुडविल बनाना मुख्य उद्देश्य है. यह कोई 20 -20 मैच नहीं है. सतत प्रयास करना होता है. एक अच्छा कैंपैन लोगों को बहुत दिनों तक याद रहता है. वह वोट बढ़ाने में भी मदद करता है.’
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एजेंडा में शामिल हैं
जैसा कि दिप्रिंट को पता चला है, इन बैठकों में भाजपा के सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं को कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों के साथ बातचीत के लघु वीडियो बनाने और उन्हें वायरल करने के बारे में ‘गूढ़ ज्ञान‘ दिया गया. भाजपा सूत्रों ने कहा कि यह पहल पीएम मोदी के द्वारा ‘केंद्रीय योजनाओं के लाभार्थियों के साथ निरंतर और सीधे संवाद‘ से प्रेरित है.
इसके लिए कार्यकर्ताओं से कहा गया है कि वे हर विधानसभा क्षेत्र में कल्याणकारी योजनाओं के लाभार्थियों की सूची तैयार कर उनके फोन नंबर जुटाएं. कार्यकर्ताओं से यह भी कहा गया है कि वे पीएम मोदी के साथ-साथ सीएम योगी के भाषणों को लगातार रीट्वीट करते रहें.
भाजपा के एक सूत्र ने कहा कि संतोष के हवाले से मेरठ अधिवेशन में कहा गया था कि हर बूथ पर युवाओं की एक ऐसी टोली होनी चाहिये जो विपक्ष के आरोपों पर नज़र रखे, सरकार की योजनाओं का सही पक्ष ग्राफिक्स के साथ प्रस्तुत करे, जहां तक हो सके नाकारात्मक अभियान से बचे, अपनी अच्छाईयों को दिखाएं.’
बैठक में मौजूद एक दूसरे सूत्र के अनुसार, इस तथ्य को देखते हुए कि युवा पीढ़ी तकनीक को बेहतर ढंग से इस्तेमाल करना जानती है और अपने समय का एक बड़ा हिस्सा सोशल मीडिया पर बिताती है संतोष ने हर विधानसभा क्षेत्र और जिले को संभालने के लिए अधिक-से-अधिक युवाओं को शामिल करने पर जोर दिया.
इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए संतोष ने विभिन्न शिक्षण संस्थानों में शिविर लगाए जाने का भी आह्वान किया.
सूत्र ने आगे बताया कि, ‘हम कालेज में कैंप लगाएगें और उन युवाओं की पहचान करेंगे जो पार्टी की विचारधारा से जुड़ना चाहतें है. उनमें से कुछ सोशल मीडिया को समझने वाले युवाओं को आईटी सेल के स्वयंसेवक के रूप में तैयार किया जाएगा, ताकि सांगठनिक रूप से पार्टी के चुनावी कैम्पेन को और धारदार बनाया जा सके. इसकी शुरुआत हो चुकी है. कई ज़िलों में यह कार्यक्रम शुरू हो चुका है.’
कानपुर कार्यशाला में मौजूद एक भाजपा आईटी सेल के प्रमुख ने बताया कि संतोष का कहना था ‘विपक्ष के आरोपों पर तुरंत जबाब दे,वरना बाज़ी कोई और मार ले जायेगा.’
आईटी सेल के प्रमुख के अनुसार संतोष का यह भी कहना था कि ‘मगर यह प्रतिक्रिया केवल बयानबाजी नहीं होनी चाहिए. इसके बजाय इसे तथ्यों पर आधारित होना चाहिए. उन्हें (लोगों को) पहले की सरकारों और हमारी सरकार द्वारा किए गए कार्यों के बीच के अंतर को समझने के लिए, सोशल मीडिया पर पुरानी सरकारों और योगी सरकार द्वारा किए गए कार्यों से संबंधित तुलनात्मक ग्राफिक्स प्रस्तुत करें, ताकि आम जनता इस अंतर को वास्तविक रूप से समझ सके.’
इस पदाधिकारी ने आगे कहा, ‘संतोष ने एक और महत्वपूर्ण बात यह बताई की हमें विपक्ष द्वारा चली जा रही चालों में नहीं फंसना चाहिए, बल्कि सकारात्मक अभियान पर ध्यान देना चाहिए.’
आईटी सेल के सदस्य ने कहा, ‘इसके लिए यह बेहद जरूरी है कि हम जनता को बताएं कि हमारी सरकार ने पिछले पांच सालों में उनके लिए क्या किया है.’
वीडियो वाली पहल के बारे में बात करते हुए, आईटी सेल प्रमुख ने कहा, ‘यदि आप केवल डेटा (आंकड़े) प्रस्तुत करते रहेंगे, तो यह प्रभावी नहीं होगा. हालांकि जब लाभार्थी इसे स्वयं अपने मुंह से सुनाएंगे, तो यह अधिक प्रभाव पैदा करेगा.’
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