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Wednesday, 11 December, 2024
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केजरीवाल के नेतृत्व में AAP ने EC को ‘वोटर्स के नाम हटाने’ के आरोपों पर 3,000 पन्नों के सबूत सौंपे

भाजपा, आप पर उसके कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों को मतदाता के रूप में शामिल करने का आरोप लगा रही है, जिससे राजनीतिक बहस तेज हो गई है.

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नई दिल्ली: आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल और दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी ने बुधवार को मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से मुलाकात की और दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले मतदाताओं के नाम हटाने पर चिंता जताई.

केजरीवाल ने मुख्य चुनाव आयुक्त को पत्र लिखकर भी कहा है कि हाल ही में वोट हटाने के विवाद के चलते चुनाव प्रक्रिया की ईमानदारी बनाए रखने के लिए किसी भी विधानसभा क्षेत्र में आगे वोटर न हटाए जाएं.

मिलने के बाद मीडिया से बात करते हुए केजरीवाल ने कहा कि बीजेपी वोटरों को निशाना बनाकर लोकतांत्रिक प्रक्रिया को कमजोर करने का “षडयंत्र” रचा जा रहा है.

उन्होंने कहा, “आज, हमने चुनाव आयोग को 3,000 पन्नों का एक डोजियर सौंपा है, जिसमें यह बताया गया है कि बीजेपी कैसे वोटरों के नाम हटवाने की साजिश कर रही है, खासकर गरीबों, पूर्वांचलियों, अनुसूचित जातियों और दलितों को निशाना बनाकर. उदाहरण के तौर पर, शाहदरा में बीजेपी के एक कार्यकर्ता ने 11,000 वोटरों की सूची दी थी, ताकि उनके नाम हटाए जा सकें.”

केजरीवाल ने आरोप लगाया कि चुनाव आयोग ने भी इन आवेदन पत्रों पर चोरी-छिपे काम करना शुरू कर दिया है. उन्होंने आगे बताया कि केंद्रीय चुनाव आयोग ने हमारी शिकायतों पर संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने का आश्वासन दिया है.

केजरीवाल ने बताया कि आयोग ने बताया कि अब अगर कोई व्यक्ति 5 से ज्यादा वोट हटवाने की आवेदन देता है, तो SDM को उसकी जांच करने के लिए जाना होगा. चुनाव आयोग यह भी विचार कर रहा है कि फर्जी आवेदन देने वाले लोगों पर एफआईआर दर्ज़ कराई जाएगी.

इससे पहले, आप के वरिष्ठ नेता और दिल्ली के पूर्व उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने बुधवार को भाजपा पर आगामी विधानसभा चुनावों में हार के डर से सात निर्वाचन क्षेत्रों में मतदाता सूची से मतदाताओं के नाम हटाने के लिए भारी मात्रा में आवेदन जमा करने का आरोप लगाया.

राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा के साथ यहां एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए सिसोदिया ने दावा किया, “जब भाजपा अरविंद केजरीवाल को रोकने और उन्हें चुनाव में हराने में असमर्थ रही, तो अन्य तरीकों से जीतने की कोशिश कर रही है.”

उन्होंने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा)के सदस्यों और समर्थकों ने मतदाता सूची से 22,000 मतदाताओं के नाम हटाने के लिए बड़े पैमाने पर आवेदन प्रस्तुत किए.

सिसोदिया ने कहा, “यह एक चिंताजनक मुद्दा है, जो यह उजागर करता है कि किस प्रकार 22,000 मतदाताओं के नाम हटाए जा रहे हैं – जो कि भाजपा द्वारा रची गई एक संभावित साजिश है. यह तथ्य और भी खतरनाक है कि निर्वाचन आयोग इन आवेदनों पर विचार कर रहा है. भाजपा को शायद लगा होगा कि वे इस निर्वाचन क्षेत्र में हार जाएंगे और उनके पास वहां पर्याप्त समर्थक नहीं हैं, यही वजह है कि वे मतदाताओं का नाम हटवाने की रणनीति में लगे हुए हैं.”

‘बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासी’

इस आरोप पर भाजपा की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई.

सात निर्वाचन क्षेत्रों के नाम सूचीबद्ध करते हुए और प्राप्त “फर्जी” आवेदनों का विवरण प्रदान करते हुए, चड्ढा ने कहा, “हमने पाया कि पार्टी से जुड़े लोगों ने मतदाताओं के नाम हटवाने के लिए अधिकतम आवेदन प्रस्तुत किए हैं.”

उन्होंने कहा, “इससे यह सवाल उठता है कि चुनाव से ठीक दो महीने पहले इन नामों को हटाना क्यों जरूरी है? इतनी बड़ी संख्या में नामों को हटाने के पीछे कौन है? नियम यह है कि एक व्यक्ति एक दिन में नाम हटाने के लिए 10 से अधिक आवेदन नहीं दे सकता.”

भाजपा, आप पर उसके कार्यकाल के दौरान बांग्लादेश और म्यांमार से आए अवैध प्रवासियों को मतदाता के रूप में शामिल करने का आरोप लगा रही है, जिससे राजनीतिक बहस तेज हो गई है.

अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले अवैध अप्रवासियों का मुद्दा जोर पकड़ता जा रहा है. आप लगातार तीसरी बार सत्ता में आने की कोशिश में है, जबकि भाजपा 25 साल बाद राजधानी में सत्ता हासिल करना चाहती है.


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