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Friday, 22 November, 2024
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बीजेपी ने कहा सचिन का पार्टी में होगा स्वागत, गहलोत तुरंत कराएं शक्ति परीक्षण

दिप्रिंट से बात करते हुए बीजेपी उपाध्यक्ष, और राजस्थान से राज्यसभा सांसद ओम प्रकाश माथुर का कहना है, कि सीएम अशोक गहलोत पार्टी विधायकों को बंधक बनाए हुए हैं.

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नई दिल्ली: बीजेपी उपाध्यक्ष ओम प्रकाश माथुर ने मंगलवार को कहा, कि सचिन पायलय का, जो राजस्थान के उप-मुख्यमंत्री और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष पद से हटा दिए गए हैं, पार्टी में आने के लिए स्वागत है.

दिप्रिंट को दिए एक ख़ास इंटरव्यू में, राजस्थान से राज्यसभा सांसद ने ये भी कहा, कि राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को, तुरंत प्रभाव से फ्लोर टेस्ट का सामना करना चाहिए.

माथुर ने कहा, ‘बीजेपी एक बड़ी पार्टी है, और अलग वो (पायलट) हमारे साथ आने का फैसला करते हैं, तो हमें ख़ुशी होगी. हम हर किसी का बीजेपी में स्वागत करते हैं, जिनमें कांग्रेसी भी शामिल हैं”. उन्होंने आगे कहा, “कांग्रेस एक डूबता हुआ जहाज़ है, और लोग उसे छोड़कर बीजेपी में आ रहे हैं’.

गहलोत के इस आरोप पर, कि बीजेपी विधायकों की सौदेबाज़ी में लगी है, माथुर ने कहा, ‘गहलोत जी कह रहे हैं कि बीजेपी विधायकों को, पैसों की पेशकश कर रही है, और हॉर्स ट्रेडिंग में लगी है. मुझे एक बात बताईए. क्या ख़ुद उनका घर सही है?’

उन्होंने ये भी कहा, ‘आपने अपने प्रदेश कमीटी अध्यक्ष को हटा दिया, जो उप-मुख्यमंत्री भी थे. क्या वो भ्रष्ट थे? वो अपना जायज़ हक़ मांग रहे थे. आरोप लगाने से पहले अपनी पार्टी और उसके कल्चर को देखिए. आपके युवा नेता घुटन महसूस कर रहे हैं, क्योंकि कांग्रेस में उनकी बात सुनने का कोई मिकेनिज़्म नहीं है. गहलोत को तुरंत फ्लोर टेस्ट का सामना करना चाहिए’.


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पायलट-गहलोत खींचतान कांग्रेस का अंदरूनी मामला

माथुर ने ये भी कहा कि बीजेपी मानती है, कि राजस्थान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट के बीच खींचतान, कांग्रेस का अंदरूनी मामला है, लेकिन साथ में ये भी कहा कि पायलट की स्थिति को देखते हुए, पार्टी को उनसे हमदर्दी है.

माथुर ने, जो यूपी और झारखंड के पार्टी प्रभारी भी हैं, कहा कि,’कांग्रेस  युवा नेताओं की उपेक्षा करते हुए, उन्हें हमेशा दरकिनार करती आई है. उन्होंने ये भी कहा, “सचिन पायलट ने पांच साल पार्टी को मज़बूत करने के लिए काम किया था, लेकिन जब समय आया तो मुख्यमंत्री पद के लिए उन्हें नज़रअंदाज़ कर दिया गया. अगर पार्टी ने गहलोत को मुख्यमंत्री बनाने का फैसला किया था, तो स्थिति को बेहतर ढंग से मैनेज करना चाहिए था’.

माथुर ने ये भी कहा कि गहलोत-पायलट टकराव ने, राजस्थान में रोज़ाना का प्रशासनिक कामकाज प्रभावित किया है. उनका कहना था, ‘उनकी अंदरूनी लड़ाई से राजस्थान की उन्नति रुक गई है. कोई काम ही नहीं हो रहा है’. उन्होंने आगे कहा,’लोग पूछ रहे हैं कि उनकी क्या ग़लती है, कि उन्होंने कांग्रेस को वोट दिया. कांग्रेस ने मौक़ा गंवा दिया है. देश के हर हिस्से में, कांग्रेसी लोग पार्टी छोड़ रहे हैं’.

गहलोत ने विधायकों को बंधक बनाया

मुख्यमंत्री के इस दावे पर कि उन्हें 100 पार्टी विधायकों का समर्थन हासिल है, माथुर ने कहा कि लगता है कि मुख्यमंत्री को अपने विधायकों पर कोई भरोसा नहीं है, और इसीलिए उन्हें ‘बंधक बनाए हुए हैं.’

माथुर ने पूछा, ‘वो कब तक अपने विधायकों को बंधक बनाए रखेंगे’? उन्होंने आगे कहा,“अगर सचिन या बीजेपी फ्लोर टेस्ट की मांग करते हैं, तो क्या उनकी सरकार बच पाएगी? मैंने पिछले 40 सालों में ऐसी स्थितियां देखीं हैं, जहां विधायकों ने सदन के अंदर पाला बदल लिया है. उन्होंने (गहलोत ने) एक संदेश देने के लिए कैमरे लगाने की मांग की है, लेकिन कौन जानता है कि सदन के अंदर कितने विधायक वोट करेंगे. अगर वो अपनी संख्या को लेकर इतने ही आश्वस्त हैं, तो उन्होंने अपने विधायकों को बंधक क्यों बनाकर रखा है? गहलोत इस समय डरे हुए हैं, उन्हें अपने विधायकों पर भरोसा नहीं है”.

माथुर के लहजे से बीजेपी रणनीति की झलक आ रही है, कि वो फ्लोर टेस्ट चाह रही है.

माथुर ने कहा,’पूरे देश में कांग्रेस का कुनबा बिखर रहा है”. उन्होंने आगे कहा,“कांग्रेस एक संचार-रहित पार्टी बन गई है. किसी के पास किसी से मिलने का समय नहीं है. ये एक परिवार की पार्टी बनकर रह गई है. सुनते हैं कि सचिन के बाद प्रियंका ज़िम्मा संभालेंगी. प्रियंका के बाद उनका बेटा संभालेगा. ये एक परिवार की पार्टी बन गई है.’


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बीजेपी में विभाजन

राजस्थान में बीजेपी परिवार बंटा हुआ है, ख़ासकर एक ख़ेमा पूर्व सीएम वसुंधरा राजे के समर्थन में है, तो दूसरा उनका विरोध कर रहा है, इसपर माथुर ने कहा कि अगर पार्टी अंतत: राज्य में सरकार बनाती है, तो हर कोई हाई कमान के हिसाब से चलेगा.

सांसद ने कहा, ‘बीजेपी में पार्टी सिस्टम अलग तरह का है”. उन्होंने आगे कहा, अगर पार्टी कुछ तय करती है तो हर कोई उसे मानता है, चाहे वो वसुंधरा राजे हों, ओम माथुर हों. इसलिए हम हर रोज़, छोटे मुद्दों पर भी बात करते हैं. कांग्रेस की तरह कोई संवादहीनता नहीं है. हर कोई फोन पर उपलब्ध है’.

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