मुंबई: इस साल आगामी मुंबई निकाय चुनावों से पहले, भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने महा विकास अघाड़ी (एमवीए) मंत्री नवाब मलिक की गिरफ्तारी को हथियार बनाकर,1993 के घातक मुंबई धमाकों की याद ताज़ा करा दी और धमाके के ज़िम्मेदार लोगों को परोक्ष समर्थन देने के लिए, शिवसेना की तीखी आलोचना की है.
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बुधवार को मलिक को भगोड़े अंडर वर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम के लिए, काला धन सफेद करने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया.
ये गिरफ्तारी ईडी की मनी लॉन्डरिंग जांच के सिलसिले में की गई जो इब्राहिम और उसके सहयोगियों के कथित हवाला नेटवर्क की जांच-पड़ताल कर रही है, जिनपर भारत में राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों को बढ़ावा देने और आतंकवाद फैलाने का आरोप है.
बुधवार को कोर्ट में उनकी कस्टडी की मांग करते हुए, ईडी ने 2005 में कुर्ला में एक ज़मीन ख़रीद का हवाला दिया जिसमें 1993 के मुंबई धमाकों का एक अभियुक्त और एक अन्य व्यक्ति शामिल था जो कथित रूप से इब्राहिम की बहन हसीना पारकर का सहायक था.
मुंबई में एक विरोध रैली में बोलते हुए, महाराष्ट्र बीजेपी अध्यक्ष चंद्रकांत पाटिल ने कहा: ‘1993 के मुंबई धमाकों से यहां के वासियों को पहुंचे घाव अभी भरे नहीं हैं. जिन लोगों ने धमाकों में अपने परिजनों को खोया, वो अभी भी ज़िंदा हैं. आज उन सबको पीड़ा पहुंची होगी’.
रैली में अपने भाषण की शुरुआत में, पाटिल ने 1993 मुंबई सीरियल धमाकों में मारे गए लोगों के लिए, एक मिनट के मौन का अनुरोध किया. 12 धमाकों में कम से कम 257 लोगों की मौत हुई थी.
महाराष्ट्र बीजेपी इकाई ने भी ट्वीट किया कि शिवसेना आज सिर्फ सत्ता में बने रहने के लिए इब्राहिम का समर्थन कर रही है. उन्होंने ये भी पूछा कि क्या निर्दोष मुंबई वासियों की ज़िंदगियों की यही क़ीमत है.
ट्वीट में कहा गया, ‘शिवसेना जो कहती है कि मुंबई धमाकों के बाद, निवासियों को बचाने के लिए वो सड़कों पर उतर आए थे. आज उसी दाऊद के एक हस्ताक्षरकर्त्ता के समर्थन में सड़कों पर उतर आई है, जो धमाकों के लिए ज़िम्मेदार था’.
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‘उद्धव ठाकरे को ठाकेरी बाना दिखाना चाहिए’
शिवसेना ने हमेशा 1992-93 के मुंबई सांप्रदायिक दंगों में, मुंबई के हिंदुओं के रक्षकों के रूप में निभाई गई अपनी भूमिका की शेख़ी बघारी है. हर मुंबई निकाय चुनाव से पहले, पार्टी नेता अपने भाषणों में बात करते हैं कि दंगों के दौरान शिव सैनिक किस तरह हिंदुओं की रक्षा के लिए सड़कों पर उतर आए थे.
2017 के मुंबई चुनावों के बाद जब विरोधियों की तरह लड़ते हुए, कुल 227 में से क्रमश: 84 और 82 सीटें जीतकर, शिवसेना और बीजेपी लगभग बराबरी की स्थिति में आ गईं थीं तो शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने 1992 के दंगों में लोगों की जानें बचाने में पार्टी की भूमिका को भूल जाने के लिए ग़ैर-मराठी हिंदुओं को दोषी ठहराया था.
इस साल आगामी बीएमसी चुनावों में, बीजेपी एक बार फिर उम्मीद कर रही है कि वो शिवसेना को उसके गढ़ से उखाड़ फेंकेगी.
गुरुवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में महाराष्ट्र बीजेपी के प्रमुख प्रवक्ता केशव उपाध्याय ने कहा ‘हमने हमेशा सुना है कि माननीय बालासाहेब ठाकरे का ‘ठाकेरी बाना (ठाकेरी गर्व)’ मशहूर था…ये सीएम का अधिकार है कि वो मंत्रिमंडल में किसे रखते हैं और किसे नहीं रखते. लेकिन यहां सीधे एनसीपी ने तय किया और ऐलान कर दिया कि मलिक को इस्तीफा नहीं देना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘आरोप गंभीर हैं. उनका बाक़ायदा अंतर्राष्ट्रीय डॉन दाऊद से वास्ता रहा था जिसकी वजह से इतने सारे लोगों को मरना पड़ा था. मलिक को मंत्रिमंडल में रखना एक तरह का देशद्रोह है’.
‘BMC चुनावों पर नज़र रखते हुए BJP शिवसेना को भड़काना चाहती है’
अधिकतर शिवसेना नेता, मलिक की गिरफ्तारी का विरोध करने के लिए नरीमन प्वॉइंट पर एमवीए के शक्ति प्रदर्शन में शरीक नहीं हुए थे. आदित्य ठाकरे, संजय राउत, एकनाथ शिंदे और प्रियंका चतुर्वेदी जैसे बहुत से वरिष्ठ नेता, उत्तर प्रदेश में चुनाव प्रचार कर रहे थे, जबकि अनिल परब जैसे कुछ स्थानीय नेता एक स्थानीय वार्षिक तीर्थ यात्रा पर मुंबई से बाहर थे. राज्य के उद्योग मंत्री सुभाष देसाई, कुछ पार्टी विधायकों और एमएलसीज़ के साथ, कुछ देर के लिए प्रदर्शन स्थल पर दिखाई दिए थे.
उपाध्ये ने शिवसेना पर तंज़ करते हुए कहा कि ‘आक्रामक शिव सैनिकों को आज भी लग रहा होगा कि उन्हें ऐसे शख़्स का समर्थन नहीं करना चाहिए जिसके दाऊद से रिश्ते थे जिसने मुंबई में इतने सारे लोगों के जीवन को तार-तार कर दिया’.
दिप्रिंट से बात करते हुए शिवसेना एमएलसी मनीषा कायंदे ने कहा ‘वरिष्ठ नेता प्रदर्शनों में शामिल नहीं हो पाए थे क्योंकि वो कहीं और फंसे थे लेकिन हम जी जान से नवाब मलिक के साथ हैं. ये मामला 18 साल पुराना है और वो पहले ही तथ्यों को सार्वजनिक कर चुके हैं’.
उन्होंने आगे कहा ‘बीजेपी अब बीएमसी चुनावों की ओर देख रही है और लगातार 1993 के धमाकों की बातें करके शिवसेना को भड़काने की कोशिश कर रही है. बीजेपी हर चुनाव से पहले स्टंट करने का प्रयास करती है और ये बिल्कुल वही है’.
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फडणवीस के काम की चर्चा
बीजेपी ने एक ओर मलिक का समर्थन करने के लिए शिवसेना को निशाना बनाया और दूसरी ओर उसने मलिक के आरोपों को सबसे पहले सामने लाने में पूर्व-सीएम देवेंद्र फडणवीस के प्रयासों पर रोशनी डाली.
मलिक की गिरफ्तारी से कोई तीन महीने पहले विपक्षी नेता देवेंद्र फडणवीस ने आरोप लगाया था कि मलिक ने मुंबई के कुर्ला में, अंडरवर्ल्ड से जुड़े दो आदमियों से मिट्टी के दाम ज़मीन ख़रीदी थी. फडणवीस ने सौदे से जुड़े अधिकारिक कागज़ात भी जारी किए थे. मलिक ने आरोपों का खंडन किया था और कहा था कि ख़रीद पूरी तरह वैध थी.
धन-शोधन निवारण अधिनियम के तहत मलिक की गिरफ्तारी का ईडी का केस काफी हद तक इसी सौदे पर आधारित था.
गुरुवार को महाराष्ट्र बीजेपी ने अपने सोशल मीडिया पन्नों पर,फडणवीस की नवंबर में हुई एक प्रेस कॉनफ्रेंस का वीडियो जारी किया जिसमें वो मलिक के खिलाफ अंडरवर्ल्ड के साथ रिश्ते होने का आरोप लगाते दिख रहे हैं.
वीडियो के साथ एक पोस्ट में पार्टी ने कहा ‘धन्यवाद, देवेंद्र फडणवीस जी. आपने नवाब मलिक का असली चेहरा लोगों के सामने बेनक़ाब कर दिया…नवाब मलिक के डी कंपनी के साथ वित्तीय रिश्ते थे जिसने मुंबई में धमाके करवाए, मुंबई वासियों की हत्या की और एमवीए इसका समर्थन कर रही है’.
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