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Friday, 22 November, 2024
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BJP ने राजस्थान में 50 ‘कमजोर’ सीटों की सूची तैयार की, MP, ‘कांग्रेस के बागियों’ को प्रचार का जिम्मा

इन 'कमजोर' सीटों में नवलगढ़, बस्सी, टोडाभीम, झुंझुनू और कोटपूतली शामिल हैं. कांग्रेस का मुकाबला करने के लिए, बीजेपी ने प्रत्येक सीट के सबसे जरूरी मुद्दों की एक सूची बनाई है.

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नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के बाद, राजस्थान नया राज्य है जहां भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने उन सीटों की एक सूची तैयार की है जिन्हें वह ‘कमजोर’ मानती है. पार्टी का मानना है कि इन सीटों पर और अधिक मेहनत करने की जरूरत है. पार्टी ऐसी सीटों पर मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है. दिप्रिंट को इसकी जानकारी मिली है.

पार्टी सूत्रों के मुताबिक, बेहतर प्लानिंग के लिए बीजेपी ने छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश की तरह राजस्थान की सीटों को भी कई श्रेणियों में बांटा है. बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट से कहा, “पार्टी ने लगभग 50 सीटों की पहचान की है, जिनमें से 19 पर पार्टी कभी नहीं जीती है और बाकी सीट को पार्टी अपनी कमजोरी मानती है.”

2018 में राज्य की कुल 200 सीटों में से कांग्रेस ने 99 और बीजेपी ने 73 सीटें जीती थीं.

राजस्थान में इस साल के अंत में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं.

जिन सीटों पर बीजेपी खुद को कमजोर मानती है उनमें नवलगढ़, बस्सी, टोडाभीम, झुंझुनू और कोटपूतली शामिल हैं.

एक वरिष्ठ बीजेपी नेता ने दिप्रिंट से कहा, “कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेने के अलावा, केंद्रीय नेतृत्व द्वारा पेशेवर सर्वेक्षण भी किए गए हैं और 50 सीटों की पहचान की गई है, जिन पर बहुत अधिक प्रयास की आवश्यकता होगी. इन सीटों पर काम पहले ही शुरू हो चुका है और यह सुनिश्चित करने के लिए व्यक्तिगत रणनीतियां अपनाई जा रही हैं कि पार्टी इस बार इन्हें जीतने में सक्षम हो.”

पार्टी के सूत्र के मुताबिक, पिछले हफ्ते छत्तीसगढ़ और मध्य प्रदेश के साथ राजस्थान की 19 ‘कमजोर’ सीटों की सूची जनता के लिए जारी की जानी थी, लेकिन इसमें देरी हुई क्योंकि पार्टी ऐसा नहीं कर पाई.

बीजेपी नेता ने कहा, “पार्टी का विचार एक मौजूदा सांसद, या कांग्रेस या क्षेत्रीय पार्टी के एक बागी उम्मीदवार, या उस क्षेत्र से एक प्रमुख चेहरे को मैदान में उतारने का है जिस पर जनता भरोसा करती है.”

नेता ने कहा, “इन कमजोर सीटों पर कांग्रेस का मुकाबला करने की अपनी रणनीति के तहत, पार्टी ने उन मुद्दों को भी सूचीबद्ध किया है, जिन्हें प्रत्येक विशिष्ट सीट पर बीजेपी को बढ़त दिलाने के लिए काम करने की जरूरत है.”

बीजेपी नेता ने कहा, जैसा कि छत्तीसगढ़ में हुआ है, पार्टी इनमें से कुछ सीटों पर कांग्रेस को कड़ी टक्कर देने के साथ-साथ ऑप्टिक्स के लिए मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है.

यह बताते हुए कि पार्टी राजस्थान विधानसभा चुनाव के लिए कैसे तैयारी कर रही है, नेता ने कहा कि केंद्रीय नेतृत्व का विचार है कि “नए चेहरों” को मौका दिया जाना चाहिए.

दिप्रिंट से एक पार्टी पदाधिकारी ने कहा, “जो लोग पांच बार से विधायक हैं, उन्हें युवा चेहरों के लिए रास्ता बनाने के लिए कहा जा रहा है. हालांकि, उन्हें अपने अनुभव का उपयोग करके पार्टी की मदद करने के लिए कहा गया है, और कहा गया है कि उन्हें अन्य जिम्मेदारियां दी जाएंगी.”

कांग्रेस शासित राजस्थान में विधानसभा चुनावों को पार्टी कितनी अहमियत दे रही है, इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पार्टी ने पहले ही राज्य की प्रत्येक विधानसभा का जिम्मा पार्टी की अन्य राज्य इकाइयों के विधायकों को सौंप दिया है.

बीजेपी नेता ने कहा, “एक विधायक को एक सीट की जिम्मेदारी दी गई है. विधायक एक विशेष सीट पर एक सप्ताह बिताएंगे और केंद्रीय नेतृत्व को फीडबैक रिपोर्ट देंगे. यह फीडबैक उन पेशेवर सर्वेक्षणों से अलग होगा जो केंद्रीय नेतृत्व पहले ही आयोजित कर चुका है.”

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट केंद्रीय नेतृत्व द्वारा टिकट वितरण तय करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी.

लाए जा रहे अधिकांश विधायक गुजरात, उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, गुजरात और हरियाणा से होंगे.

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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