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Wednesday, 20 November, 2024
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विपक्ष की बिना शर्त माफी की मांग के आगे झुकीं साध्वी प्रज्ञा, लोकसभा में दूसरी बार मांगी माफी

शुक्रवार को सदन में साध्वी ने लोकसभा में माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि, 'अगर मेरे बयान से किसी की भावना को चोट पहुंची है तो मैं खेद प्रकट करती हूं.

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नई दिल्ली: विपक्षी सदस्यों की मांग को देखते हुए मध्यप्रदेश के भोपाल से भाजपा सांसद साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने लोकसभा में दोबारा माफी मांग ली है. साध्वी ने दोबारा माफी मांगते हुए कहा, ‘माननीय महोदय मैंने दुश्मनों के द्वारा बहुत सारे अत्याचार सहन किए. मैं देश के लिए जो करती हूं वह कहना चाहती हूं मैंने 27/11/2019 को नाथू राम गोडसे को देशभक्त नहीं कहा. मैं सदन से माफी मांगती हूं.’

जैसे ही स्पीकर ने साध्वी को माफी मांगने के लिए कहा, साध्वी अपनी कुर्सी से उठीं और मौन रहीं. जैसे ही उन्होंने अपनी बात रखने की शुरुआत की और अपनी पुरानी बातें कहनी शुरू की.. वैसे ही स्पीकर ने उन्हें टोका और कहा कि वह अपना वक्तव्य माफी तक सीमित रखें. इसपर साध्वी ने लोकसभा अध्यक्ष से यह भी कहा कि वह सदन में अपनी बात तो रख सकती हैं..लेकिन स्पीकर ने उन्हें सिर्फ माफी मांगने वाले वक्तव्य को पढ़ने की इजाज़त दी. इस दौरान प्रज्ञा अपनी कुछ बात रखना चाहती थीं जिसे लोकसभा अध्यक्ष ने बोलने से रोक दिया.

साध्वी के इस बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था, आंतकी साध्वी प्रज्ञा ने आतंकी गोडसे को देशभक्त बताया है. राहुल के इस ट्वीट पर काफी विवाद हुआ और भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस नेता पर हमला बोलते हुए कहा राहुल गांधी ने प्रज्ञा को आतंकी कहा था अत: कांग्रेस को भी इस मामले में माफी मांगनी चाहिए. यह सदस्य का अपमान है और उनके विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाए. भाजपा की इस मांग पर राहुल ने कहा, ‘मैं अपने बयान पर कायम हूं.’

बता दें कि शुक्रवार लोकसभा में साध्वी ने अपने विवादित बयान पर माफी मांगी थी लेकिन विपक्ष उनकी माफी से संतुष्ट नहीं था. वे साध्वी से बिना शर्त माफी की मांग को लेकर अड़ा हुआ था. हंगामें को देखते हुए स्पीकर ने कार्यवाही दोपहर 2.30 बजे स्थगित कर दी थी.

इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने अपने कक्ष में सभी दलों के साथ बैठक की. इस बैठक सभी दलों का मत था कि साध्वी सदन में बिना किसी शर्त के माफी मांगे. इसके बाद साध्वी को लोकसभा में ​दोबारा बिना किसी शर्त के माफी मांगेन के लिए कहा गया.

स्पीकर के साथ हुई बैठक के बाद जैसे ही सदन की कार्यवाही दोपहर 2.30 बजे ही शुरू हुई, लोकसभा स्पीकर ओम बिरला ने कहा, ‘यह सदन सभी की सहमती से चलता है.’

‘सभी चाहते हैं कि सदन सामान्य तरीके से चले. उन्होंने कहा कि सदन भाजपा सांसद से अपेक्षा करता है कि वह उतना ही वक्तव्य पढ़ें जितना सभी दलों के सदस्यों के साथ बैठक में फैसला लिया गया है.’

बिरला ने सभी सदस्यों से कहा, सदन से बाहर दिए गए वक्तव्य पर सदन में चर्चा न हो, इस बात का भी विशेष ध्यान रखा जाए.’

इसके पहले शुक्रवार को सदन के शुरू होते ही साध्वी ने लोकसभा में माफी मांगी थी. उन्होंने कहा था कि, ‘अगर मेरे बयान से किसी की भावना को चोट पहुंची है तो मैं खेद प्रकट करती हूं. परंतु मैं यह भी कहना चाहती हूं कि मेरे बयान को तोड़- मरोड़ को पेश किया गया. जिस तरह से मेरा बयान तोड़ा-मरोड़ा गया है वह निंदनीय है.’

प्रज्ञा ने अपनी माफी में कहा था,’मेरे द्वारा तत्कालीन सरकार द्वारा जिस तरह से आरोप प्रत्यारोप जड़ा गया वह सभी बेबुनियाद है. एक महिला का शारीरिक और मानसिक उत्पीड़न किया गया. मुझे आतंकी कहा गया और यह एक महिला का अपमान है.महात्मा गांधी की देश के लिए की गई सेवा मैं सम्मान करती हूं.’

साध्वी के इस बयान पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा था, आंतकी साध्वी प्रज्ञा ने आतंकी गोडसे को देशभक्त बताया है. शुक्रवार को साध्वी के माफी मांगने के बाद भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने कांग्रेस नेता पर हमला बोलते हुए कहा राहुल गांधी ने प्रज्ञा को आतंकी कहा था अत: कांग्रेस को भी इस मामले में माफी मांगनी चाहिए. यह सदस्य का अपमान है और उनके विशेषाधिकार हनन का प्रस्ताव लाया जाए.

गौरतलब है कि लोकसभा में एक चर्चा के दौरान साध्वी ने एक विवादित बयान ​दिया था. जिसे लेकर विपक्ष लगातार उनसे माफी की मांग कर रहा था. आज माफी की मांग के साथ सांसदों ने सदन में गोडसे डाउन-डाउन और महात्मा गांधी जिंदाबाद का नारा लगा रहे थे.  इस बयान के बाद भाजपा ने साध्वी को रक्षा मंत्रालय की संसदीय समिति से निकाल दिया. वहीं संसद सत्र के दौरान होने वाली भाजपा संसदीय दल की बैठकों में भी साध्वी को नहीं आने का निर्देश जारी किया था.वहीं, भाजपा के कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी उनके द्वारा दिया गया बयान निंदनीय बताया था.

यह पहली बार नहीं है कि जब साध्वी प्रज्ञा ठाकुर ने ऐसा कोई बयान दिया हो. लोकसभा चुनाव के दौरान भी उन्होंने इस तरह का विवादित बयान दिया था. प्रज्ञा के इस मामले में पीएम मोदी ने भी नाराजगी जताई थी. उन्होंने कहा था कि इस मामले में साध्वी भले ही माफी मांग ली हो, लेकिन मैं अपने मन से उन्हें कभी माफ नहीं कर पाऊंगा.

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