नई दिल्ली: ‘सफाई कर्मचारियों का पूरा ध्यान, बीजेपी ने दिलाया हक और सम्मान’
‘कोरोना में पूरी निष्ठा से किया काम’
ये अगले महीने होने वाले दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) चुनावों के लिए भारतीय जनता पार्टी के प्रचार के नारे हैं. क्या वे उस नगर निगम के कामों का बखान कर रहे हैं, जिस पर पार्टी पिछले 15 सालों से काबिज है? बिल्कुल नहीं – वे दरअसल नरेंद्र मोदी के तहत केंद्र सरकार के काम का जिक्र कर रहे हैं.
यह भाजपा के चुनावी अभियान की सेंट्रल थीम है. हालांकि पीएम एक नगरपालिका चुनाव में प्रचार करने के लिए उतरेंगे, इसकी संभावना बिल्कुल नजर नहीं आ रही है.
जहां एक ओर विपक्ष, भाजपा पर स्थानीय स्तर पर कोई काम न किए जाने के कारण मोदी पर फोकस करने का आरोप लगा रही है, वहीं दिल्ली भाजपा के मीडिया संबंध विभाग के विक्रम मित्तल ने दिप्रिंट को बताया कि राज्य इकाई के लिए पीएम को अपने चुनावी अभियान में शामिल करना स्वाभाविक था.
उन्होंने कहा, ‘मोदी जी पार्टी का चेहरा हैं. केंद्र स्तर पर उनके द्वारा लिए गए फैसलों ने दिल्ली को भी प्रभावित किया है, इसलिए स्वाभाविक रूप से चुनाव प्रचार के दौरान इसे लोगों के सामने लाने की जरूरत है. ‘जहां झुग्गी वहां मकान ‘ केंद्र की एक पहल थी. इसलिए जब इसका जिक्र किया जाएगा तो वहां पीएम का चेहरा तो होगा ही.’
मित्तल के शब्दों को पार्टी की दिल्ली इकाई के उपाध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा ने भी अपनी सहमति दी. उन्होंने मोदी को भाजपा का ‘ब्रांड एंबेसडर’ बताया.
सचदेवा ने कहा ,‘वह एक बेहद लोकप्रिय नेता हैं और हमें उन्हें अभियान में दिखाने पर गर्व है. हम चाहते हैं कि उनका मॉडल ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचे. हम में से ज्यादा कार्यकर्ता हैं. भाजपा के पास सिर्फ एक नेता है और वह नरेंद्र मोदी हैं.’
भाजपा 2007 से एमसीडी में सत्ता में है. इसमें तीन अलग-अलग निगमों पर उसका शासन शामिल है. गौरतलब है कि 2012 को नागरिक निकाय का तीन हिस्सों में बांट दिया गया था.
उस समय दिल्ली में पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित के नेतृत्व में कांग्रेस की सरकार थी. उन्होंने 2012 में एमसीडी को उत्तरी दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी), दक्षिणी दिल्ली नगर निगम (एसडीएमसी) और पूर्वी दिल्ली नगर निगम (ईडीएमसी) में विभाजित कर दिया था. इन तीनों को इस साल की शुरुआत में भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने फिर से एक कर दिया.
एमसीडी के लिए इस साल की लड़ाई भाजपा और आम आदमी पार्टी के बीच है. भाजपा अपने प्रतिद्वंद्वी पर जीत हासिल करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ रही है.
जहां ‘आप’ ने अपने पोस्टरों पर दिल्ली के सीएम और पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल के चेहरे का इस्तेमाल किया है, वहीं कांग्रेस राष्ट्रीय राजधानी में शीला दीक्षित सरकार के काम की ओर इशारा कर रही है. दीक्षित 1998 से 2013 तक दिल्ली की मुख्यमंत्री रहीं थीं.
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पोस्टर बॉय मोदी
जहां एमसीडी चुनावों के प्रचार के लिए भाजपा को कई राज्यों से पार्टी के मुख्यमंत्री मिले हैं, वहीं मोदी उन अभियानों में भी पोस्टर बॉय बने हुए हैं.
रविवार को भाजपा के कम से कम चार मुख्यमंत्रियों – असम के हिमंत बिस्वा सरमा, हरियाणा के मनोहर लाल खट्टर, हिमाचल प्रदेश के जयराम ठाकुर और उत्तराखंड के पुष्कर सिंह धामी ने दिल्ली में पार्टी उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया. भाजपा नेताओं के मुताबिक आने वाले दिनों में और भी वरिष्ठ नेताओं के चुनाव प्रचार में शामिल होने की उम्मीद है.
लेकिन पार्टी द्वारा लगाए गए पोस्टरों में तीन चेहरे हैं- मोदी, भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा और पार्टी की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष आदेश गुप्ता के. पीएम का चेहरा अन्य दो की तुलना में अधिक प्रमुखता से छापा गया है.
एमसीडी चुनावों के लिए भाजपा के वचन पत्र (घोषणापत्र) में न सिर्फ मोदी की तस्वीर है, बल्कि ‘जहां झुग्गी वहां मकान’ का जिक्र भी है.’ माना जाता है कि केंद्र सरकार की अन्य योजनाओं से दिल्ली के लोगों को फायदा हुआ है (जैसे कि यमुना की सफाई). इसलिए अभियान के हिस्से के रूप में इन्हें प्रचारित किया जा रहा है.
पार्टी के प्रचार गीत में मोदी का नाम 50 से ज्यादा बार है. इसकी तुलना में दिल्ली भाजपा अध्यक्ष आदेश गुप्ता, पूर्व अध्यक्ष मनोज तिवारी और सांसद गौतम गंभीर के नाम छह मिनट के वीडियो में लगभग दो-दो बार दिखाई देते हैं.
मोदी की विदेश यात्राएं, कई उद्घाटन समारोहों में उनकी उपस्थिति, 2019 में पीएम द्वारा सफाई कर्मियों के पैर धोना – जैसे ‘मोदी का धर्म ही सेवा है’ वीडियो के कुछ मुख्य आकर्षण हैं. चुनावी गीत की एक लाइन में कोविड के टीकों के वितरण का श्रेय भी प्रधानमंत्री को दिया जा रहा है.
यह अभियान केंद्र सरकार और दिल्ली के पूर्व लेफ्टिनेंट जनरल (एल-जी) अनिल बैजल को यमुना के तीन किलोमीटर के हिस्से की सफाई और कोविड की वजह से लगे लॉकडाउन के दौरान राशन बांटने का श्रेय भी देता है.
रविवार को नड्डा के राष्ट्रीय राजधानी में आयोजित 14 रोड शो का हिस्सा रहे ट्रकों में बड़े-बड़े होर्डिंग्स लगे हुए थे. उनमें पीएम के चेहरे के साथ टैगलाइन लगी थी ‘सेवा ही विचार, नहीं खोखले प्रचार.’
दिल्ली भाजपा नेता इम्प्रीत सिंह बख्शी ने कहा कि पार्टी युवा मतदाताओं तक पहुंचने के लिए नुक्कड़ नाटक, फ्लैश मॉब और स्थानीय रॉक बैंड की भी योजना बना रही है. प्रचार सामग्री दिल्ली में आप सरकार की कथित कमियों को उजागर करने पर केंद्रित होगी.
नेता के अनुसार, पिछले महीनों में 63 नाटक कंपनियों का ऑडिशन लिया गया था और 28 को दिल्ली के 250 वार्डों में शासन से संबंधित आठ-दस विभिन्न विषयों पर 2,500 से अधिक नाटक करने के लिए चुना गया है.
उन्होंने कहा कि कलाकारों की उम्र 18 से 30 साल के बीच है.
बख्शी ने दावा करते हुए कहा, ‘ इन सबका फोकस एमसीडी की उपलब्धियों पर होगा. यानी एमसीडी ने पिछले सालों में जो भी काम किया है और वह आगे दिल्ली के लोगों के लिए और क्या करने जा रही है के बारे में बताएंगे. सत्तर प्रतिशत चुनावी कंटेंट एमसीडी में दिल्ली भाजपा की उपलब्धियों पर केंद्रित होगा, बाकी 30 प्रतिशत केजरीवाल और दिल्ली सरकार एवं उसकी योजनाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार पर केंद्रित होगा.’
उन्होंने कहा, नाटक, रॉक बैंड शो और फ्लैश मॉब- ये सब बुधवार से शुरू होने वाले हैं.
‘कोई स्थानीय उपलब्धि नहीं’
सोमवार को उत्तर-पूर्वी दिल्ली के घोंडा में एक रैली के दौरान बीजेपी दिल्ली महासचिव दिनेश प्रताप सिंह मोदी के चेहरे के कटआउट से सजी बाइक की सवारी करते दिखे. वह सबसे आगे चल रहे थे.
कांग्रेस नेताओं ने आरोप लगाया है कि भाजपा मोदी पर ध्यान केंद्रित कर रही है क्योंकि उसके पास दिखाने के लिए स्थानीय स्तर पर कोई उपलब्धि नहीं है. दिल्ली भाजपा प्रवक्ता पूजा सूरी ने कहा, ‘हम सभी दिल्ली के लोगों की बेहतरी के लिए सर्वसम्मति से काम कर रहे हैं. राज्य में कई सक्षम नेता हैं.’
उन्होंने कहा कि मोदी की सभी नीतियां विकास से जुड़ी हैं. और उनके चेहरे का इस्तेमाल न सिर्फ एमसीडी चुनावों में बल्कि देश के हर हिस्से में किया जाना चाहिए. हम दुनिया को बताना चाहते हैं कि उनकी नीतियां कितनी अच्छी रही हैं, और इस तथ्य को बढ़ावा देना चाहते हैं कि हम उनकी नीतियों को जमीन पर लागू करने की कोशिश कर रहे हैं.
उधर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के प्रमुख अनिल कुमार चौधरी ने सवाल किया, ‘मोदी जी देश के पीएम बने रहेंगे या एमसीडी मेयर बनेंगे.’
चौधरी कहते हैं, ‘वे पिछले 15 सालों से एमसीडी में हैं. उन्होंने इसे ‘सबसे भ्रष्ट विभाग’ में बदल दिया है. अब वे उन मुद्दों पर प्रेस कांफ्रेंस करते हैं जिनका एमसीडी से कोई संबंध नहीं है.
उन्होंने दीक्षित का जिक्र करते हुए आगे कहा, ‘हम अपने उन सम्मानित नेताओं की तस्वीर का इस्तेमाल कर रहे हैं जिन्होंने दिल्ली को बनाया है, जैसे कि वह आज दिख रही है.’
बीजेपी ने इससे पहले 2017 के एमसीडी चुनावों के लिए अपने अभियान में पीएम के चेहरे का इस्तेमाल किया था. पार्टी के जीतने पर गृह मंत्री अमित शाह ने जीत का श्रेय मोदी को दिया और कहा कि इस जीत ने पीएम के नेतृत्व के लिए स्वीकृति के स्तर की पुष्टि की है.
आप नेता गोपाल राय ने सोमवार को कांग्रेस के आरोपों को दोहराते हुए मौजपुर-बाबरपुर में एक रैली से इतर दिप्रिंट को बताया कि ‘भाजपा के एमसीडी महापौरों के पास कोई उपलब्धि नहीं है, इसलिए उन्हें मोदी की तस्वीरें दिखाते हुए वोट मांगना पड़ रहा है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘अगर उन्होंने वास्तव में कुछ काम किया होता, तो उन्हें यह शोशेबाजी (ड्रामा) नहीं करनी पड़ती.’
(अनुवाद: संघप्रिया मौर्य)
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