नई दिल्ली: कांग्रेस नेता राहुल गांधी इस महीने की शुरुआत में अमेरिका की यात्रा पर गए थे, जहां उन्होंने कर्नाटक में पार्टी को मिली निर्णायक जीत के बाद, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर निशाना साधा था.
उन्होंने कहा था, ‘‘भारत की सभ्यता में नफरत नहीं मोहब्बत है जिसे हम आगे लेकर जा रहे हैं. ’’
उन्होंने कहा था, ‘‘मैं यहां पर मन की बात करने नहीं आया हूं. मुझे यहां आपके मन की बात सुनने में ज्यादा दिलचस्पी है. उनका काम नफरत बांटने का है और हमारा काम मोहब्बत बांटने का. हम उनका काम क्यों करें, हम अपना काम करेंगे.’’
अब राहुल गांधी के ‘मोहब्बत की दुकान’ वाले बयान को लेकर बीजेपी के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री राज्यवर्धन सिंह राठौर, बीजेपी युवा मोर्चा की पूर्व अध्यक्ष और सांसद पूनम महाजन और सांसद प्रवेश साहिब सिंह वर्मा ने उन्हें 9 पेज का पत्र लिखा है.
बीजेपी सांसदों ने अपने पत्र में राहुल से कहा, ‘‘आपकी मोहब्बत की दुकान के बारे में सुनकर अच्छा लगा. सचमुच मोहब्बत में परस्पर जोड़ने की भावना निहित है. इस पर चलकर समाज और देश को ज्यादा सशक्त बना सकते हैं. कांग्रेस यदि वास्तिवकता में इसी पॉजिटिव सोच पर चले तो वाकई कितना बेहतर हो.’’
BJP leaders Col Rajyavardhan Rathore (Retd.), Parvesh Sahib Singh and Poonam Mahajan write to Congress leader Rahul Gandhi and accuse him of spreading hate against India during his visit to the US pic.twitter.com/H0GSbZWoOw
— ANI (@ANI) June 8, 2023
सांसदों ने राहुल से चार विषयों पर बात की है, जिनमें पहला– कांग्रेस के राज में ही सबसे अधिक दंगे हुए मोहब्बत की दुकानें सजाईं गईं. दूसरा– नेहरू-गांधी परिवार ने कांग्रेसी नेताओं के साथ किस तरह की बदसलूकी की. तीसरा– आपके परिवार ने अपने ही रिश्तेदारों के साथ किस प्रकार का अमानवीय बर्ताव किया. चौथा– देश की महान विभूतियों के प्रति आपके परिवार की नफरत आज भी प्रकट होती है.
‘मोहब्बत की दुकान’ या ‘नफरत का मेगामॉल’ शीर्षक से लिखे गए इस पत्र में पार्टी नेताओं ने राहुल गांधी पर विदेशी धरती से भारत के प्रति नफरत फैलाने का आरोप लगाया और कहा कि उनके परिवार व उनकी पार्टी के लिए ऐसा करना कोई नई बात नहीं है.
उन्होंने कहा, ‘‘अमेरिका में आपने इस मोहब्बत की दुकान से अपनी मातृभूमि और देश के लिए जी भरकर नफरत फैलाई है. वैसे नफरत फैलाना आपके परिवार के लिए नई बात नहीं है. आपके परिवार को इसमें महारत रही है. अपने ही परिवार के इतिहास के पन्ने पलटिए तो वो चीख-चीख कर नफरत के किस्सों की गवाही देंगे और आपके पूरे परिवार ने नफरत का मेगा मॉल खोल रखा है.’’
पत्र में कहा गया, ‘‘आपको भी शायद 28 मार्च, 1982 की वह तारीख याद हो. जब आपकी दादी अपनी छोटी बहू मेनका गांधी से इतनी मोहब्बत से पेश आई थीं कि रातों-रात उन्हें घर से निकाल दिया था. तब देशभर के तमाम अखबारों के मुख्य पृष्ठ पर एक ही तस्वीर थी. उस तस्वीर में प्रधानमंत्री निवास से आंखों में बेबसी के आंसू और मायूस चेहरे के साथ बेघर हो रहीं मेनका गांधी गोद में था नन्हा बेटा वरुण, जो उस वक्त तेज बुखार से तप रहा था. पत्रकार खुशवंत सिंह ने अपनी किताब ‘Truth, Love & a Little Malice’ में लिखा है, रात 11 बजे वरुण को मेनका के हवाले कर दिया गया. प्रधानमंत्री की गाड़ी को यह आदेश दिया गया कि मेनका जहां चाहें, उन्हें वहां छोड़ दिया जाए.’’
पत्र में कहा गया, ‘‘आज़ादी के बाद पहला नरसंहार नेहरू कार्यकाल में महात्मा गांधी की हत्या के बाद 1948 में महाराष्ट्र में हुआ जिसके पैगाम देने के पीछे कांग्रेसी थे.इंदिरा राज में साधु संतों पर गोलियां चली, कई संत मरे. दलितों के कई नरसंहार इंदिरा के पीएम रहते हुआ. राजीव गांधी के राज में सिखों का कत्लेआम हुआ. सरदार पटेल के निधन पर नेहरू ने राजेंद्र प्रसाद को उनके अंतिम संस्कार में ना जाने की सलाह दी. सरदार पटेल को कांग्रेस ने भारत रत्न तक नहीं दिया.’’
भाजपा नेताओं ने कहा कि राहुल गांधी ‘मोहब्बत की दुकान’ खोलने की बात करते हैं लेकिन वह भूल जाते हैं पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने देश के लोकतंत्र को 19 महीने तक अपनी मुट्ठी में कैद रखा था.
आपातकाल का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि इस दौर में लोकतांत्रिक अधिकारों की आवाज उठाने वाले हर शख्स को जेल में डाल दिया गया था.
उन्होंने कहा, ‘‘देश और देशवासियों से नफरत के उस काले अध्याय को देखते हुए आपकी मोहब्बत एक कॉमेडी से ज्यादा नहीं लगती.’’
भाजपा नेताओं ने कहा, ‘‘उम्मीद है कि अपने परिवार और कांग्रेस के ‘मोहब्बत’ के ऐसे सभी उदाहरण को आप गंभीरता से लेंगे. इसके साथ ही आपसे आशा है कि ‘मोहब्बत की दुकान के नाम पर नफरत का जहर बोने के बजाए आप शांति, सद्भाव और एकजटुता की देश की भावना को समझने का प्रयास करेंगे.’’
ज्ञात हो कि राहुल गांधी ने अपनी बहुचर्चित ‘भारत जोड़ो यात्रा’ के दौरान कहा था कि वह नफरत के बाज़ार में मोहब्बत की दुकान खोलने निकले हैं. हाल ही में अमेरिका दौरे पर भी राहुल गांधी ने ‘मोहब्बत की दुकान’ नाम से आयोजित कई कार्यक्रमों में हिस्सा लिया था.
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