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Thursday, 12 December, 2024
होमराजनीति'BJP नेता, अधिकारी राम मंदिर जमीन लूट में शामिल, सुप्रीम कोर्ट ले स्वत: संज्ञान'- प्रियंका गांधी

‘BJP नेता, अधिकारी राम मंदिर जमीन लूट में शामिल, सुप्रीम कोर्ट ले स्वत: संज्ञान’- प्रियंका गांधी

नवंबर 2019 में जब सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ किया उसके बाद से अयोध्या में ज़मीन ख़रीदने की होड़ सी मची हुई है.

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नई दिल्ली: गुरुवार को कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रेस कांफ्रेंस कर राम मंदिर जमीन घोटाले में बीजेपी की सांठगांठ होने और इसकी सुप्रीम कोर्ट स्तर पर जांच कराने की मांग की है. प्रियंका ने कहा कि ‘राम मंदिर के आसपास की जितनी भी जमीनें हैं, उसकी लूट मची है. बीजेपी के नेता, अधिकारी और ट्रस्ट के लोग इस लूट में शामिल हैं. वहां पर कितने हजार करोड़ का घोटाला किया गया है, नहीं मालूम. भगवान राम सत्य के पथ पर चले. उनके नाम पर भी भ्रष्टाचार किया जा रहा है और पूरे देश की आस्था पर चोट की जा रही है.’

प्रियंका ने अयोध्या भूमि ‘घोटाले’ में उत्तर प्रदेश सरकार की जांच के आदेश को महज दिखावा करार देते हुए कहा कि योगी सरकार कहती है कि जिला अधिकारी स्तर पर जांच की जाएगी. जिला स्तर के अधिकारी मेयर की जांच कैसे करेंगे? मंदिर सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर बन रहा है. जांच भी सुप्रीम कोर्ट स्तर पर होनी चाहिए.’ उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को अयोध्या भूमि ‘घोटाले’ का स्वत: संज्ञान लेना चाहिए और मामले में हस्तक्षेप करना चाहिए.

प्रियंका ने कहा कि राम मंदिर के नाम पर लिए गए चंदे का इस्तेमाल बीजेपी और आरएसएस के नेताओं, कार्यकर्ताओं और अधिकारियों को फायदा पहुंचाने के लिए किया गया.


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उन्होंने आगे कहा कि ‘राम मंदिर के लिए गरीबों ने चंदा दिया है. पूरे देश की आस्था का सवाल है. इसकी नैतिक जिम्मेदारी सिर्फ योगी आदित्यनाथ की नहीं है. इसकी जिम्मेदारी देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भी है. उन्हें इसकी जिम्मेदारी लेनी चाहिए.’

प्रियंका ने आगे कहा कि अयोध्या में दलितों की जमीनें हड़पी गईं. कुछ जमीनें कम दाम में खरीद कर ज्यादा दाम में बेची गईं.

कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि ‘एक जमीन दो करोड़ में बेची गई. इसके बाद उसी जमीन को लेकर एफआईआर दर्ज हुई कि ये जमीन बेची ही नहीं जा सकती है. फिर यही जमीन 18 करोड़ में राम मंदिर ट्रस्ट को टिका दी गई.’

उन्होंने कहा कि ‘इन जमीनों की रजिस्ट्री और कामकाज तब हुआ दिखाया गया है जब कोर्ट के दफ्तर बंद हो जाते हैं. जिस जमीन पर एफआईआर है, उस जमीन की खरीद बिक्री कैसे हुई?’

सुरजेवाला ने कहा कि ‘भाजपाई मेयर के भतीजे ने एक जमीन बीस लाख में खरीदी और ढाई करोड़ में ट्रस्ट को बेच दी. इस तरह राम मंदिर के नाम पर मिले चंदे की चोरी की गई.’

बता दें कि राज्य सरकार ने बीजेपी नेताओं और सरकारी अधिकारियों के रिश्तेदारों द्वारा अयोध्या में राम मंदिर के पास कथित तौर पर जमीन हड़पने की खबरों की जांच के आदेश दिए हैं.

इस मामले पर प्रदेश के अपर मुख्य सचिव (सूचना) नवनीत सहगल ने कहा कि ‘मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राजस्व विभाग को मामले की गहनता से जांच करने का आदेश दिया है.’

एक खबर में दावा किया गया है कि राम जन्मभूमि-बाबरी मस्जिद विवाद में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से राम मंदिर के निर्माण का रास्ता साफ होने के बाद अयोध्या में विधायकों, महापौरों और आयुक्त, एसडीएम और पुलिस उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) के रिश्तेदारों ने जमीन खरीदीं है.


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