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Thursday, 25 April, 2024
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TMC के ‘दिल्ली चलो मार्च’ पर BJP नेता गिरिराज सिंह का वार — ‘ममता किम जोंग की तरह व्यवहार कर रही हैं’

तृणमूल के कई नेता और 4,000 से अधिक कार्यकर्ता बंगाल को तत्काल केंद्रीय धनराशि जारी करने की मांग को लेकर सोमवार को राजधानी पहुंचे.

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नई दिल्ली: केंद्र और पश्चिम बंगाल की तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के बीच खींचतान सोमवार को और बढ़ गई जब ग्रामीण नौकरियों और आवास के लिए राज्य को धन देने में देरी के भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के फैसले के विरोध में पार्टी के हज़ारों कार्यकर्ता और नेता दिल्ली में जमा हो गए.

सोमवार सुबह राजघाट पर धरने के साथ शुरू हुए “दिल्ली चलो” आंदोलन का सामना करते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री गिरिराज सिंह ने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी को “शहरी नक्सली” कहते हुए उनकी तुलना उत्तर कोरिया के किम जोंग उन से कर दी और कहा कि वो “उनके जैसा व्यवहार” करती हैं.

बिहार में अपने संसदीय क्षेत्र बेगुसराय में सिंह ने कहा कि ममता उन लोगों को “मार” डालती हैं जो उनके खिलाफ बोलते हैं और जो उनके खिलाफ पंचायत चुनाव जीतते हैं. उन्होंने कहा, “ये एक हत्यारी सरकार भी है. एक लूट की सरकार भी है.”

सिंह ने देश में अराजकता फैलाने के लिए बनर्जी की आलोचना की, क्योंकि 4,000 से अधिक तृणमूल कार्यकर्ता दो दिवसीय प्रदर्शन में भाग लेने के लिए 50 बसों में राजधानी पहुंचे.

उन्होंने उन पर प्रमुख योजनाओं — महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (मनरेगा) और प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के लिए बंगाल में धन के कुप्रबंधन की केंद्र की जांच में सहयोग नहीं करने का भी आरोप लगाया.

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सिंह ने कहा कि बंगाल में लगभग 25 लाख मनरेगा जॉब कार्ड फर्जी, डुप्लिकेट या मृत लोगों के नाम पर पाए गए हैं. उन्होंने कहा, “यह तब सामने आया जब आधार सीडिंग की गई. मैं ममता बनर्जी से लोगों का लूटा हुआ पैसा लौटाने के लिए कहता हूं. उन्होंने ये भी कहा कि (पीएमएवाई के तहत) घरों के लिए पात्र लोगों को फ्लैट भी आवंटित नहीं किए गए हैं.”

इस साल फरवरी में केंद्र ने मनरेगा के तहत वेतन निपटान के लिए आधार आधारित भुगतान प्रणाली (एबीपीएस) पर जोर दिया. हालांकि, यह अभी अनिवार्य नहीं है, अधिकांश राज्यों ने सक्रिय मनरेगा श्रमिकों की आधार सीडिंग पूरी कर ली है या करने वाले हैं.

जबकि टीएमसी नेताओं ने इन कल्याणकारी परियोजनाओं के लिए तत्काल धन जारी करने की मांग करते हुए दिल्ली में विरोध प्रदर्शन किया, सिंह ने कहा कि केंद्र बंगाल में उनके कुप्रबंधन की सीबीआई जांच पर विचार कर रहा है. उन्होंने कहा, “पश्चिम बंगाल सरकार जांच में सहयोग नहीं कर रही है. हम सीबीआई जांच की योजना बना रहे हैं. केंद्र ने किसी अन्य योजना के लिए फंडिंग नहीं रोकी है.”

तृणमूल सांसद सौगत रॉय ने जवाबी हमला करते हुए सिंह को “बेगूसराय का गुंडा” कहा. रॉय ने कहा, “उनका (सिंह) मुंह बहुत तेज़ है. वे हमसे मिलने से डरते हैं और समय नहीं दे रहे हैं. उन्होंने कहा कि वे छत्तीसगढ़ में होंगे, लेकिन इसके बजाय वे बेगुसराय में हैं.”

इस बीच, एक्स पर एक पोस्ट में तृणमूल ने केंद्र पर मनरेगा के तहत 6,907.15 करोड़ रुपये रोकने का आरोप लगाया. रॉय ने दिप्रिंट को बताया, “केंद्र मनरेगा और पीएमएवाई के तहत राज्य का हिस्सा जारी नहीं कर रहा है. मंत्री झूठ बोल रहे हैं जब वे कहते हैं कि राज्य सरकार जांच में सहयोग नहीं कर रही है.”

केंद्रीय मंत्री ने पिछली कांग्रेस नीत यूपीए सरकार के तहत बंगाल को मिली धनराशि पर भी कटाक्ष किया.

उन्होंने कहा, “यूपीए के तहत, बंगाल को केवल 58,000 करोड़ रुपये मिले, लेकिन एनडीए ने पिछले नौ वर्षों में राज्य के विकास के लिए कुल मिलाकर 2 लाख करोड़ रुपये दिए. यह पश्चिम बंगाल के विकास के प्रति प्रधानमंत्री की प्रतिबद्धता को दर्शाता है.”

उन्होंने बताया कि बंगाल को मनरेगा जैसी प्रमुख योजनाओं के लिए यूपीए से 14,900 करोड़ रुपये मिले, जबकि एनडीए के लिए यह आंकड़ा 54,000 करोड़ रुपये था.

सिंह ने कहा, “प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत, यूपीए द्वारा केवल 5,400 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे, लेकिन मोदी सरकार द्वारा दोगुने से भी अधिक – 11,000 करोड़ रुपये – खर्च किए गए हैं.”

गैर-अनुपालन

केंद्र ने नौ मार्च, 2022 को बंगाल को मनरेगा से मिलने वाली फंडिंग रोक दी. ग्रामीण विकास राज्य मंत्री साधवी निरंजन ज्योति ने एक अगस्त, 2023 को लोकसभा को बताया कि फंड को“केंद्र सरकार के निर्देशों का पालन न करने के कारण” अवरुद्ध कर दिया गया है.

संसद को बताया गया कि 26 जुलाई 2023 तक केंद्र पर बंगाल सरकार का वेतन के लिए 2,770 करोड़ रुपये और सामग्री लागत के लिए 2,813 करोड़ रुपये बकाया है.

तृणमूल ने आरोप लगाया है कि केंद्र ने दो योजनाओं के तहत राज्य का 15,000 करोड़ रुपये का हिस्सा रोक लिया है. एक्स पर एक पोस्ट में कहा गया, “बंगाल के लोग अन्याय के खिलाफ आवाज उठा रहे हैं! बीजेपी ने मनरेगा और आवास योजना के तहत बंगाल को मिलने वाले 15,000 करोड़ रुपये को बेरहमी से रोक दिया है. प्रतिकूल रूप से प्रभावित लोगों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर अपना वाजिब हक मांगा है. न्याय मिलने तक बंगाल लड़ेगा.”

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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