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Sunday, 22 December, 2024
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डीके शिवकुमार के खिलाफ CBI जांच वापस लेने के कर्नाटक सरकार के फैसले पर BJP, JDS ने उठाया सवाल

राज्य भाजपा प्रमुख ने इसे गैरकानूनी बताया है तो पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा- सरकार डकैतों को बचाने की कोशिश कर रही है.

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बेंगालुरु (कर्नाटक) : कांग्रेस शासित राज्य सरकार द्वारा कथित आय से अधिक संपत्ति मामले में कर्नाटक के उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार के खिलाफ सीबीआई जांच वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी देने के बाद कर्नाटक में राजनीतिक लड़ाई छिड़ गई है.

उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की कथित आय से अधिक संपत्ति की जांच कर रहे सीबीआई मामले को वापस लेने के राज्य मंत्रिमंडल के फैसले की आलोचना करते हुए, कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने शुक्रवार को इस फैसले को संविधान के तहत “पूरी तरह से गैरकानूनी” बताया. विजयेंद्र ने शिवकुमार से कानूनी प्रक्रिया पर भरोसा करने और कैबिनेट के ऐसे फैसलों का समर्थन न करने का आग्रह किया. उन्होंने मुख्यमंत्री से इस फैसले को रद्द करने की भी मांग की.

कर्नाटक भाजपा प्रमुख बीवाई विजयेंद्र ने कहा, “डीके शिवकुमार के आय से अधिक संपत्ति मामले में राज्य कैबिनेट द्वारा लिया गया निर्णय संविधान के तहत पूरी तरह गैरकानूनी है. मैं हमारे डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार से अनुरोध करता हूं कि यदि आपको कानूनी प्रक्रिया और कानूनी उपाय पर भरोसा है, तो कृपया कैबिनेट द्वारा लिए गए ऐसे फैसलों पर विचार न करें… मैं सीएम से मांग करता हूं कि वे इस फैसले को वापस लें. कर्नाटक और अन्य राज्यों में करोड़ों रुपये जब्त किए गए हैं. जब ईडी पूरे मामले की जांच कर रही है, तो कैबिनेट का यह निर्णय पूरी तरह से गैरकानूनी है.“

इस बीच, जेडीएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने उपमुख्यमंत्री डीके शिवकुमार की कथित आय से अधिक संपत्ति की जांच कर रहे सीबीआई मामले को वापस लेने के प्रस्ताव को मंजूरी देने पर कांग्रेस के नेतृत्व वाली कर्नाटक सरकार पर निशाना साधा और कहा, “यह सरकार सत्ता में डकैतों की सुरक्षा के लिए है.”

जेडीएस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा, “यह सरकार डकैतों को बचाने के लिए सत्ता में है. जब कोई मुद्दा अदालत में होता है, तो मैं इसके बारे में ज्यादा बात नहीं करना चाहता. जिन लोगों में थोड़ी शर्म है वे अदालत का सम्मान करते हैं; जिनके पास शर्म नहीं है उन्हें परवाह नहीं होगी. उनका रवैया इतना अहंकारी है कि वे कुछ भी खरीद सकते हैं.”

आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कर्नाटक के डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने दावा किया कि उन्हें कैबिनेट के फैसले की जानकारी नहीं थी.

डीके शिवकुमार ने कहा, “मैंने इसे अखबारों में देखा है. मैं कल कैबिनेट बैठक में शामिल नहीं हो सका था. मैं दो दिनों के लिए चुनाव प्रचार के लिए तेलंगाना जा रहा हूं.”

हालांकि, कांग्रेस सरकार ने अपने फैसले का बचाव करते हुए दावा किया है कि डीके शिवकुमार के खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित था.

कर्नाटक के मंत्री प्रियांक खरगे ने कहा, “भाजपा केवल धमकी दे सकती है. उन्होंने सोशल मीडिया और एजेंसियों के माध्यम से इसकी कोशिश की. कल से वे, डीके शिवकुमार के आय से अधिक मामले में भी यही काम कर रहे हैं. भाजपा इस मुद्दे पर सिर्फ गलत सूचना फैला रही है. डीके शिवकुमार के खिलाफ मामला राजनीति से प्रेरित था और यह कांग्रेस, सिद्धारमैया, डीके शिवकुमार को नियंत्रित करने के लिए दायर किया गया था क्योंकि वे (भाजपा) चुनाव हार रहे थे.”

कर्नाटक के गृहमंत्री जी परमेश्वरा ने कहा कि यह निर्णय कानून के सिद्धांतों के तहत लिया गया है.

जी परमेश्वरा ने कहा, “हमने कानून के दायरे में, अपनी सीमा के भीतर निर्णय लिया है… हम कैबिनेट के फैसले के बारे में अदालत को सूचित करेंगे. सीबीआई आगे क्या करेगी और अदालत क्या करेगी, यह उन पर निर्भर है… भाजपा-जेडीएस की बातें वो जानें. हमें कानून के दायरे में जो करना था, हमने किया है.”

इस बीच, कर्नाटक उच्च न्यायालय ने आय से अधिक संपत्ति मामले में मुकदमा चलाने के लिए सीबीआई को पिछली सरकार द्वारा दी गई मंजूरी के खिलाफ डीके शिवकुमार द्वारा दायर अपील की सुनवाई 29 नवंबर तक के लिए स्थगित कर दी है.


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