बेंगलुरु: बेंगलुरु दक्षिण से भाजपा सांसद तेजस्वी सूर्या ने इस्लाम और ईसाई धर्म को लक्ष्य कर की गयी अपनी विवादास्पद टिप्पणी वापस ले ली है.
भाजपा की युवा शाखा के राष्ट्रीय अध्यक्ष सूर्या ने शनिवार को कर्नाटक के उडुपी में दिए गए भाषण में सभी ‘अब्राहमिक धर्मों’ पर हमला किया था और लोगों से आग्रह किया था कि अन्य धर्मों को अपनाने के लिए ‘हिंदू धर्म’ छोड़ने वाले सभी ‘हिंदुओं’ को ‘पुनर्स्थापित’ किया जाए. उन्होंने हिंदू मठों से मुसलमानों और ईसाइयों के हिंदू धर्म में पुनः धर्मांतरण के लिए एक वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करने को भी कहा था.
हालांकि इस बयान के दो दिन बाद ही उन्होंने अपनी टिप्पणी वापस ले ली और सोमवार को एक ट्वीट में कहा कि उनके भाषण में शामिल ‘कुछ बयानों’ से एक ऐसा विवाद पैदा हुआ था जिसे टाला जा सकता है.
उन्होंने ट्वीट किया, ‘दो दिन पहले उडुपी श्रीकृष्ण मठ में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान मैंने ‘भारत में हिंदू पुनरुद्धार’ विषय पर बात की थी. मेरे भाषण के कुछ बयानों ने खेदजनक रूप से एक टाला जा सकने वाला विवाद पैदा कर दिया है. इसलिए मैं बिना शर्त इसे बयान को वापस लेता हूं.
At a program held in Udupi Sri Krishna Mutt two days ago, I spoke on the subject of ‘Hindu Revival in Bharat’.
Certain statements from my speech has regrettably created an avoidable controversy. I therefore unconditionally withdraw the statements.
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) December 27, 2021
तेजस्वी सूर्या के लिए इस तरह का कदम अस्वाभाविक लगता है, क्योंकि विवादों से अपना नाम जोड़े जाना उनके लिए कोई नई बात नहीं है, फिर भी उन्होंने पूर्व में कभी भी अपने सांप्रदायिक रंगत वाले अपने बयानों से पीछे हटने का काम नहीं किया है.
इस बारे में भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया कि इन टिप्पणियों को वापस लेने का कारण यह था कि ‘गोवा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं’. नेता ने कहा कि पार्टी एक ऐसे राज्य जहां ईसाई समुदाय के पास चुनावी परिणाम बदलने का माद्दा है, में चुनावों से पहले कोई अनावश्यक विवाद नहीं चाहती है. इस नेता ने कहा कि बयान को वापस लेने का आदेश ‘ऊपर’ से आया है. उन्होंने जो कहा वह सही है, लेकिन उन्होंने जिस तरीके से यह सब कहा, वह कतई सही नहीं है
सूर्या से फोन पर और टेक्स्ट संदेशों के माध्यम से संपर्क करने के प्रयासों का इस खबर के प्रकाशित होने तक कोई जवाब नहीं आया था.
‘मंदिरों और मठों के लिए वार्षिक लक्ष्य हो, पाकिस्तानियों को भी परिवर्तित करें’
शनिवार को उडुपी श्रीकृष्ण मठ में दिए गए अपने भाषण में, भाजपा सांसद ने मांग की थी कि पाकिस्तानी मुसलमानों को भी हिंदू धर्म में परिवर्तित किया जाना चाहिए.
सूर्य ने वहां जमा हुए लोगों से कहा था, ‘हमें बड़े सपने देखने चाहिए. यह न केवल हमारे घरों के आस-पास के मुसलमानों और ईसाइयों को, बल्कि आज के पाकिस्तान में रह रहे मुसलमानों को भी हिंदू धर्म में वापस लाने का है. यह हमारी प्राथमिकता होनी चाहिए.’
— Tejasvi Surya (@Tejasvi_Surya) December 25, 2021
रविवार को दिए गए उनके इस भाषण के कुछ अंश वायरल हो गए थे और जहां उनके समर्थकों ने उनका उत्साहवर्धन किया, वहीँ विपक्षी नेताओं ने उनका मजाक उड़ाया.
सूर्या ने कहा था, ‘सभी मंदिरों और मठों को (दूसरे धर्मों के) लोगों को वापस लाने के लिए एक वार्षिक लक्ष्य निर्धारित करना चाहिए. त्योहार के दिनों में इसके लिए विशेष अभियान चलाया जाना चाहिए,
उन्होंने कहा, ‘हिंदुओं के लिए एकमात्र विकल्प उन सभी हिंदुओं को वापस लाना है, जिन्होंने विभिन्न सामाजिक-राजनीतिक और आर्थिक कारणों से पिछले वर्षों में हिंदू धर्म छोड़ दिया है. इस विसंगति को दूर करने का एक ही उपाय है. अन्य धर्मों में परिवर्तित होने वाले सभी लोगों को वापस हिंदू धर्म में लाया जाना चाहिए.’
सूर्या ने हिन्दुओं के राजनीतिक नेतृत्व पर हिंदू आबादी के बीच जागरूकता पैदा करने में विफल रहने का भी आरोप लगाया. उन्होंने कहा, ‘दुर्भाग्य से, हिंदू राजनीतिक नेतृत्व हिंदुओं के भीतर हिंदू धर्म के मूल सिद्धांतों और अब्राहमिक धर्मों के बीच के अंतर को सही तरीके से नहीं समझा पाने के लिए जिम्मेदार है. इतने सालों में किसी भी हिंदू राजनीतिक नेता ने इस बारे में जागरूकता पैदा नहीं होने दी.‘
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