नई दिल्ली: मध्यप्रदेश में विधानसभा की 24 सीटों के उपचुनाव को लेकर केंद्रीय नेतृत्व ने तैयारियों पर जोर देना शुरू कर दिया है. भारतीय जनता पार्टी इन सीटों पर अब चुनाव अभियान को शुरू करने में जुट गई है. इसी सिलसिले में भाजपा के राष्ट्रीय संगठन महामंत्री बीएल संतोष ने भी प्रदेश स्तर के साथ वीडियो काफ्रेंस के जरिए बैठक की.
बैठक में उपचुनाव पर फोकस रखने के साथ-साथ चुनाव की रणनीति तैयार करने को लेकर चर्चा हुई. सभी सीटों पर कैसे ज्यादा ज्यादा वर्चुअल रैली हो और स्थानीय स्तर पर गुटबाजी कैसे खत्म हो इसके लिए भी बातचीत हुई.
शुक्रवार को हुई बैठक के बाद शनिवार को राज्य भाजपा ने 24 विधानसभा सीटों के उपचुनाव के लिए विधानसभा प्रभारियों की घोषणा भी कर दी है.
बैठक में शामिल एक वरिष्ठ भाजपा नेता ने नाम न छापने के अनुरोध पर दिप्रिंट से कहा, ‘कोरोना के चलते इन सभी विधानसभाओं में बड़ी सभाएं फिलहाल तो संभव नहीं हो सकेगी. इसलिए वर्चुअल रैली पर ज्यादा फोकस करने के लिए कहा गया है. हर विधानसभा में दो से तीन रैली करने के लिए बोला गया है.’
‘रैली में कार्यकर्ताओं के अलावा 60 प्रतिशत जनता जुड़ सकें इसका प्रबंध करने के निर्देश भी हाईकमान ने दिए गए है. इसके अलावा व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए भी लोगों तक अपनी बात पहुंचाने पर जोर दिया जाएगा.’ नेता बोले.
भाजपा नेता ने आगे कहा,’ इन उपचुनाव वाली सीटों पर गुटबाजी कैसे खत्म हो. इसे लेकर भी चर्चा की गई.’
उन्होंने आगे बताया,’इन रैलियों में नरेंद्र मोदी सरकार की उपलब्धियों को बताने के लिए कहा गया है.सबसे ज्यादा फोकस सीएए, अनुच्छेद 370 और राम मंदिर के फैसले पर करने के लिए कहा गया है. वहीं अब तक मध्यप्रदेश में शिवराज सिंह चौहान सरकार की जो प्रमुख उपलब्धियां रही हैं इसे भी लोगों को याद दिलाने के लिए कहा गया है.’
वरिष्ठ भाजपा नेता के अनुसार, इन सीटों के अलावा पूरे राज्य में भाजपा की वर्चुअल रैली शुरु होने वाली है. राज्य भाजपा के तमाम बड़े नेता शनिवार को 13 अलग-अलग विधानसभा क्षेत्रों में वीडियों कॉन्फ्रेंसिंग करेंगे. केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर जबलपुर से इसकी शुरुआत करेंगे. इसके अलावा राज्य के तमाम बड़े भाजपा नेता इसमें शामिल होंगे.
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मालवा निमाड़ की पांच सीटों की जिम्मेदारी कैलाश विजयर्गीय को
मध्यप्रदेश की 24 विधानसभा सीटों के उपचुनाव में मालवा निमाड़ क्षेत्र की पांच सीटे हैं. इन सीटों पर जीत तय करने की जिम्मेदारी पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय को दी गई है. इन क्षेत्रों में असंतुष्ट नेताओं को मनाने का जिम्मा कैलाश विजयवर्गीय पर होगा. वहीं कांग्रेस ने भी मालवा निमाड के लिए प्लान तैयार किया है. पार्टी की यहां भाजपा के असुष्टों पर नजर है. राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयर्गीय पर मालवा निमाड़ की सांवेर,हाटपिपल्या, बदनावर, आगर, सुवासरा सीटों की जिम्मेदारी सौंपी गई है. इस सिलसिले में विजयवर्गीय ने इन क्षेत्रों के दौरा कर अंसुष्ट नेताओं से चर्चा करना भी शुरू कर दी है.
बीजेपी ने मालवा निमाड़ की हाटपिपल्या, बदनावर, आगर, सांवेर और सुवासरा विधानसभा सीटों के लिए रणनीति बनाने की जिम्मेदारी कैलाश विजयवर्गीय को सौंपी है. विजयवर्गीय स्थानीय नेताओं से बात कर अपनी रणनीति तैयार करेंगे. खबर है कि एक दिन पहले भोपाल आये कैलाश विजयवर्गीय की इस संबंध में एमपी बीजेपी के अध्यक्ष बी.डी. शर्मा और संगठन महामंत्री सुहास भगत के साथ चर्चा हुई है. तीनों ने मालवा निमाड़ की सीटों को लेकर मंथन किया.
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ज्योतिरादित्य सिंधिया के ट्विटर बायो को लेकर विवाद
भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया का ट्विटर अकांउट एक बार फिर चर्चा में है. इस बार उन्होंने अपने अकाउंट से भाजपा हटा दिया है. इसकी जगह पल्बिक सर्वेंट कर दिया है. इसको लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है. लोगों का कहना है कि सिंधिया ने अपने प्रोफाइल में कभी भाजपा जोड़ा ही नही था. ट्विटर अकांउट को लेकर भाजपा या सिंधिया की तरफ से अब तक कोई भी प्रतिक्रिया नहीं आई है.
गौरतलब है कि सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ने से पहले अपने ट्विटर अकाउंट से कांग्रेस हटा दिया था. इसे लेकर वे सुर्खियों में भी बने थे. इसके बाद उन्होंने कांग्रेस को अलविदा कह दिया था.
सिंधिया ने बिगाड़ा था कमलनाथ का खेल
मार्च में मध्यप्रदेश की कमलनाथ सरकार उस समय संकट में आ गई थी जब ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कांग्रेस पार्टी छोड़ दी थी और सिंधिया समर्थक विधायक और मंत्री भी बेंगलुरु चले गए थे. सिंधिया के भाजपा में शामिल होने के बाद राज्य की कांग्रेस सरकार पर संकट के बादल छा गए थे. इसके बाद भाजपा कमलनाथ सरकार के बहुमत साबित करने को लेकर सुप्रीम कोर्ट पहुंच गई थी. कोर्ट ने कमलनाथ सरकार को आदेश दिया था कि राज्य सरकार 24 घंटे के अंदर फ्लोर टेस्ट करे.
कोर्ट के आदेश के बाद स्पीकर ने सभी 16 विधायकों का इस्तीफा स्वीकार कर लिया था. वहीं राज्य विधानसभा में बहुमत परीक्षण से पहले ही कमलनाथ ने सीएम पद से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद भाजपा नेता शिवराज सिंह चौहान राज्य के सीएम पर काबिज हुए थे.