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Sunday, 3 November, 2024
होमराजनीतिक्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी चुनावी मैदान में, जीत के लिए ‘फॉलोअर्स, सोशल वर्क’ पर टिकी हैं निगाहें

क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी चुनावी मैदान में, जीत के लिए ‘फॉलोअर्स, सोशल वर्क’ पर टिकी हैं निगाहें

रिवाबा जडेजा 2019 में भाजपा में शामिल हुई थीं और जामनगर (उत्तर) सीट के मौजूदा विधायक धर्मेंद्र सिंह जडेजा की जगह इस बार पार्टी ने उन्हें अपना चेहरा बनाया है.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने गुजरात विधानसभा चुनाव के लिए गुरुवार को जारी सूची में जामनगर (उत्तर) सीट से क्रिकेटर रवींद्र जडेजा की पत्नी रिवाबा जडेजा को अपना प्रत्याशी घोषित किया है.

गुजरात विधानसभा के लिए अगले महीने मतदान होना है, और भाजपा ने गुरुवार को इन चुनावों के लिए अपने उम्मीदवारों की पहली सूची जारी की है.

सूत्रों के मुताबिक, पार्टी ने जामनगर (उत्तर) सीट से मौजूदा विधायक धर्मेंद्र सिंह जडेजा का टिकट काटकर इस बार उनकी जगह रिवाबा को पार्टी का चेहरा बनाया है. रिवाबा की उम्मीदवारी की घोषणा ऐसे समय हुई है जब गुजरात में पिछले 27 वर्षों से शासन कर रही भाजपा के लिए सत्ता विरोधी लहर एक बड़ी चुनौती बनी हुई है.

मौजूदा विधायक को ‘2007 में भीड़ हिंसा और दंगों में शामिल होने’ को लेकर बुधवार को गुजरात हाई कोर्ट की फटकार सुननी पड़ी थी. साथ ही कोर्ट ने उनके और अन्य लोगों के खिलाफ मामला वापस लेने की मांग वाली याचिका को भी खारिज कर दिया था. अदालत ने यह भी पाया कि बड़े जनहित के नाम पर राज्य सरकार ‘किसी भी तरह और किसी भी कीमत पर’ पर उन्हें बचाने की कोशिश कर रही है.

भाजपा से जुड़े एक सूत्र ने कहा, ‘मौजूदा विधायक का टिकट कटने की वजह सिर्फ अदालत का फैसला ही नहीं हैं, बल्कि औद्योगिक क्षेत्र से जुड़े लोगों की तरफ से उनके कथित आपराधिक व्यवहार को लेकर कई शिकायतें भी की गई थीं.’

भाजपा भीतर सूत्रों के मुताबिक, उम्मीदवारों के नामों को अंतिम रूप देने के लिए बुधवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में पार्टी चुनाव समिति की बैठक हुई थी और विजय रूपानी, नितिन पटेल, पूर्व कैबिनेट मंत्री भूपेंद्रसिंह चुडास्मा सहित कई मौजूदा विधायकों को टिकट न देने का फैसला किया गया.

2019 में भाजपा में शामिल हुईं 32 वर्षीय रिवाबा जडेजा कांग्रेस नेता हरि सिंह सोलंकी की भतीजी होने के नाते राजनीति के लिए पूरी तरह नई नहीं हैं. उनकी ननद यानी रवींद्र जडेजा की बड़ी बहन नयनाबा जडेजा एक कांग्रेस नेता हैं जो 2019 में पार्टी में शामिल हुई थीं. रिवाबा के ससुर अनिरुद्धसिंह जडेजा भी उसी समय कांग्रेस में शामिल हुए थे.

कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस जामनगर (उत्तर) सीट पर रिवाबा के खिलाफ में नयनाबा को उतारने की घोषणा कर सकती है. कांग्रेस सूत्रों के मुताबिक यह सीट राजपूत मतदाताओं के वर्चस्व वाली रही है.

भाजपा के जामनगर जिलाध्यक्ष विमल भाई मोथारा ने कहा, ‘चूंकि रिवाबा की (यहां के लोगों के बीच) अच्छी-खासी फॉलोइंग है और सामाजिक कार्यकर्ता के तौर पर भी वह काफी सक्रिय रही हैं, इसलिए वह इस सीट के लिए सबसे उपयुक्त उम्मीदवार हैं.’

उन्होंने बताया, ‘यहां तक कि प्रधानमंत्री भी क्रिकेट और सामाजिक कार्यों के क्षेत्र में योगदान के लिए रवींद्र जडेजा और उनकी पत्नी की कई बार सराहना कर चुके हैं.’


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कौन हैं रिवाबा जडेजा

परिवार के एक नजदीकी सूत्र के मुताबिक, रिवाबा का जन्म गुजरात के राजकोट में ऋचा सोलंकी के रूप में हुआ था. वह प्रशिक्षित मैकेनिकल इंजीनियर हैं और रवींद्र जडेजा के साथ उनकी शादी 2016 में हुई थी.

उनके पिता एक व्यवसायी हैं, जबकि उनके ससुर पहले सेना में थे. पूर्व में हिंदुत्ववादी संगठन करणी सेना से जुड़ी रही रिवाबा 2017-18 से सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं. वह राजपूत समुदाय के बीच काम करती हैं.

पारिवारिक सूत्र ने बताया, ‘जडेजा के पिता चाहते थे कि वह सेना में जाएं, लेकिन उसकी मां चाहती थी कि वह क्रिकेटर बने.’ हालांकि, जडेजा जब 17 वर्ष के ही थे, तभी उनकी मां की मृत्यु हो गई थी. और यह उनकी बहन नयनाबा ही थीं, जिन्होंने मां का सपना पूरा करने में उनकी मदद की.

इस साल के शुरू में 2022 इंडियन प्रीमियर लीग टूर्नामेंट के दौरान जडेजा ने रॉयल चैलेंजर बैंगलोर (आरसीबी) को हराकर चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान के रूप में अपनी पहली जीत अपनी पत्नी रिवाबा को समर्पित की थी.

रिवाबा 2019 में भाजपा में शामिल हुई थीं. उन्हें पिछले महीने धर्मेंद्रसिंह द्वारा आयोजित एक भागवत कथा समारोह में भी देखा गया था.

धर्मेंद्र सिंह के प्रति नाराजगी

जामनगर (उत्तर) विधानसभा क्षेत्र 2008 में परिसीमन के दौरान अस्तित्व में आया था और यह जिले में रिलायंस इंडस्ट्रीज के ठिकाने से महज 40 किलोमीटर दूर है.

धर्मेंद्र सिंह जडेजा ने यह सीट 2012 में कांग्रेस के टिकट पर जीती थी, लेकिन बाद में उन्होंने भाजपा का दामन थाम लिया और फिर 2017 में भाजपा के टिकट पर इस सीट से जीत दर्ज की.

हालांकि, पिछले महीने वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के राज्यसभा सांसद और रिलायंस के इनसाइडर परिमल नथवानी ने परोक्ष रूप से धर्मेंद्र सिंह पर हमाल करते हुए राजनीतिक दलों से अपील की थी कि आपराधिक गतिविधियों के आरोपियों को टिकट न दें. सांसद ने कहा था कि जामनगर चूंकि एक औद्योगिक शहर है, इसलिए इस निर्वाचन क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाला कोई भी उम्मीदवार ‘स्वच्छ छवि वाला’ होना चाहिए.

आम आदमी पार्टी ने जामनगर के पूर्व डिप्टी मेयर और व्यवसायी करसनभाई करमूर को यहां अपना उम्मीदवार बनाया है. वहीं कांग्रेस जामनगर (उत्तर) में रिवाबा के खिलाफ जडेजा की ही बहन नयनाबा को मैदान में उतारने पर विचार कर रही है.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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