नई दिल्ली: छत्तीसगढ़ में केरल की दो ननों की गिरफ्तारी के बाद से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) मुश्किल में है. अब विश्व हिंदू परिषद (वीएचपी) उस पर दबाव बना रही है. परिषद की मांग है कि राजस्थान की बीजेपी सरकार ईसाई मिशनरियों की “काली करतूतों” की जांच के लिए एक न्यायिक आयोग बनाए.
यह विवाद तब शुरू हुआ जब 25 जुलाई को छत्तीसगढ़ के दुर्ग स्टेशन से सिस्टर प्रीति मैरी, वंदना फ्रांसिस और एक आदिवासी व्यक्ति को गिरफ्तार किया गया. उन पर बजरंग दल के एक कार्यकर्ता ने धर्मांतरण कराने का आरोप लगाया था. घटना के बाद विपक्ष और बीजेपी दोनों में हड़कंप मच गया, खासकर उस समय जब भाजपा ईसाई समुदाय को लुभाकर केरल में अपनी पकड़ मजबूत करने की कोशिश कर रही है.
वीएचपी के केंद्रीय संयुक्त महासचिव सुरेंद्र जैन ने दिप्रिंट से बातचीत में कहा कि मध्य प्रदेश में 1954 में बनी नियोगी कमेटी की तरह राजस्थान में भी एक आयोग बनाया जाए. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा, “राजस्थान का धार्मिक समाज मिशनरियों और मौलवियों द्वारा तेज़ी से कराए जा रहे धर्मांतरण को बर्दाश्त नहीं करेगा. समाज का गुस्सा कभी भी तेज़ रूप में सामने आ सकता है.”
उन्होंने कहा, “ऐसी स्थिति बनने से पहले राजस्थान सरकार को तुरंत धर्मांतरण विरोधी कानून लाना चाहिए और लव जिहाद, धर्मांतरण और जिहादी आतंक की गतिविधियों को सख्ती से रोकना चाहिए ताकि हिंदू समाज शांति से जी सके.”
1954 में मध्य प्रदेश सरकार ने नियोगी कमेटी बनाई थी, जिसने राज्य में मिशनरियों की गतिविधियों की जांच की थी. 1956 में आई रिपोर्ट में सुझाव दिए गए थे कि किसी भी धर्मांतरण से पहले सरकार से अनुमति लेनी चाहिए और लालच देकर धर्म बदलवाना (जैसे नौकरी, शिक्षा या सेवाएं देना) पूरी तरह से रोका जाना चाहिए.
राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में हाल ही में वीएचपी के ज़िला स्तर के अधिकारियों की दो दिन की बैठक हुई, जिसमें न्यायिक आयोग बनाने समेत कई फैसले लिए गए. जैन ने आरोप लगाया कि “कई लोग आशंका जता रहे हैं कि चर्च और मौलवी नशे के धंधे में भी शामिल हो सकते हैं.”
उन्होंने जनता से अपील की कि अगर कोई पादरी भेष बदलकर या धोखे से धर्मांतरण कराने आए, तो तुरंत वीएचपी के सदस्य या प्रशासन को सूचित करें ताकि इस पर सख्त रोक लगाई जा सके.
जैन ने आरोप लगाया कि मिशनरी राजस्थान में लोगों को धोखे और लालच से धर्म बदलने के लिए मजबूर कर रहे हैं और हाल के दिनों में इनकी गतिविधियां बढ़ गई हैं. उन्होंने कहा कि मध्य प्रदेश जैसी कमेटी बनाकर इनके हिंदू विरोधी और राष्ट्रविरोधी कामों की जांच होनी चाहिए, ताकि लोग इनके जाल में न फंसे.
जैन ने कुछ उदाहरण भी दिए, झालावाड़ में कुछ पादरी पैसों का लालच देकर धर्म परिवर्तन करा रहे थे और उनके पास नशीले पदार्थ भी मिले. इसके अलाना भरतपुर में आठ पादरी और 20 नन लोगों को 500 रुपये और धर्म बदलने पर 10,000 हज़ार की मासिक सैलरी का वादा कर धर्म बदलवा रहे थे. बांसवाड़ा में एक गिरोह 1 लाख रुपये में 10 हिंदुओं का धर्म बदलवाने का सौदा कर रहा था. नीम का थाना में स्कूली बच्चों का धर्मांतरण कराने में एक सरकारी अधिकारी भी शामिल था.
गंगानगर के एक मामले में कोर्ट को तीन महीने में कार्रवाई के आदेश देने पड़े.
परिषद का कहना है कि राज्य सरकार को जल्द से जल्द धर्मांतरण विरोधी कानून बनाना चाहिए. इसके लिए जुलाई में वीएचपी के केंद्रीय अध्यक्ष आलोक कुमार ने मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा से मुलाकात की और कानून की मांग की. संगठन अब हर गांव में वीएचपी की इकाई बनाने की योजना पर भी काम कर रहा है.
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