कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस ने बुधवार को केंद्र की भाजपा नेतृत्व वाली सरकार और निर्वाचन आयोग पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके हाथ कोविड-19 मरीजों के खून से सने हैं क्योंकि कोरोनावायरस के गंभीर खतरे को उन्होंने नजरअंदाज किया.
तृणमूल कांग्रेस ने कहा कि नजरअंदाज किए जाने के कारण ही अप्रैल महीने के दौरान पश्चिम बंगाल में महामारी तेजी से फैलती गयी.
तृणमूल कांग्रेस के सांसद सौगत राय ने संवाददाताओं से कहा कि अप्रैल में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 50 रैलियों को संबोधित किया. कोविड-19 के मामलों में लगातार बढ़ोतरी के बावजूद हर दिन औसतन दो जनसभा आयोजित की गयी.
उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग ने अंतिम तीन चरण के चुनाव एक साथ कराने के तृणमूल कांग्रेस के अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया. इस वजह से अंतिम के दो चरण में 26 अप्रैल और 29 अप्रैल को मतदान कर्मियों समेत 1.4 करोड़ से ज्यादा लोगों के संक्रमित होने का खतरा बना रहेगा.
राय ने कहा, ‘केंद्र और निर्वाचन आयोग के हाथों पर कोविड-19 मरीजों का खून हैं क्योंकि उन्होंने लोगों के स्वास्थ्य को खतरे की उपेक्षा की और अपने एजेंडे पर डटे रहे. मद्रास उच्च न्यायालय ने भी निर्वाचन आयोग को फटकार लगायी है.’
हमला जारी रखते हुए राय ने कहा, ‘केंद्र में भाजपा नेतृत्व वाली सरकार और निर्वाचन आयोग के कदमों के कारण अप्रैल में पश्चिम बंगाल में महामारी फैलती गयी. मार्च में संक्रमण उतना नहीं फैला था.’
उन्होंने आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने कोरोनावायरस टीकाकरण के संबंध में भी लोगों को गुमराह किया.
यह भी पढ़ें: ऑक्सीजन संकट से जूझ रहे भारत के लिए मददगार हो सकती है तेजस विमान की ये तकनीक, ऐसे करती है काम