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Saturday, 18 May, 2024
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‘बीजेपी का राम पर पेटेंट नहीं है’ – MP के बुधनी में शिवराज को हराने की कोशिश में लगे कांग्रेस के ‘हनुमान’

4 बार के सीएम शिवराज के खिलाफ कांग्रेस के उम्मीदवार और टीवी में हनुमान का रोल अदा करने वाले अभिनेता विक्रम मस्तल का कहना है कि बीजेपी 'बिना कोई काम किए खुद की मार्केटिंग करने में अच्छी है.'

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बुधनी, मध्य प्रदेश: चुनावी राज्य मध्य प्रदेश के बुधनी विधानसभा क्षेत्र के गांवों का दौरा करते हुए, विक्रम मस्तल – जिन्होंने 2008-09 में रामायण के टीवी रूपांतरण में ‘हनुमान’ की भूमिका निभाई थी – मतदाताओं का हाथ जोड़कर और “जय सिया राम, जय हनुमान” के नारों के साथ स्वागत करते हैं. कांग्रेस ने 17 नवंबर को होने वाले चुनाव में मस्तल को राज्य के चार बार के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के खिलाफ खड़ा किया है.

राज्य में भारतीय जनता पार्टी के सबसे बड़े नेता को कड़ी टक्कर देने का वादा करते हुए मस्तल, जो खुद को सीहोर जिले के बुधनी का मूल निवासी बताते हैं, कहते हैं कि यह पहली बार है कि चौहान के खिलाफ किसी स्थानीय व्यक्ति को मैदान में उतारा गया है. सफेद कुर्ता और गले में नारंगी रंग का दुपट्टा पहने वह कहते हैं कि भाजपा के पास श्री राम का कोई “पेटेंट” नहीं है.

जैसे ही वह कैंपेने के लिए आगे बढ़ते हैं, बैक ग्राउंड में धार्मिक गाने बजते हैं. अनाउंसर इस बात पर ज़ोर देकर उनके बारे में लोगों को परिचय देता है कि उन्होंने रामायण में हनुमान का चरित्र निभाया है.

मस्तल खुद “जनता” को “राम” कहते हैं और कहते हैं कि वह उनकी “हनुमान” बनकर सेवा करना चाहते हैं.

“जो राम को मानते हैं राम उनके हैं. राम के ऊपर बीजेपी का पेटेंट नहीं है. अगर इतने राम को मानने वाले हैं तो गौ माता सड़क पर है, उनका अपमान करते हैं तो आपको राम नहीं दिखते?”

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Congress candidate Vikram Mastal interacting with voters | Praveen Jain | ThePrint
मतदाताओं से बातचीत करते कांग्रेस प्रत्याशी विक्रम मस्तल | प्रवीण जैन | दिप्रिंट

उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “यह बहुत अच्छी बात है कि (अयोध्या में) राम मंदिर का निर्माण किया जा रहा है; किसी को इससे कोई दिक्कत नहीं है. लेकिन आप (बीजेपी) राम को नहीं बना रहे हैं. राम अनादिकाल से अस्तित्व में हैं. क्या राम जी ने आपको कोई सर्टिफिकेट दिया है? यह पूरा देश राम को मानता है.”

भाजपा ने मध्य प्रदेश में राम मंदिर निर्माण को प्रमुख चुनावी मुद्दा बनाया है. राज्य भर में पोस्टर लगे हुए हैं, जिन पर लिखा है- ‘भव्य राम मंदिर बन कर हो रहा है तैयार, फिर इस बार बीजेपी सरकार’.

राज्य के अपने तीन दिवसीय दौरे के दौरान 29 अक्टूबर को छिंदवाड़ा में एक सार्वजनिक बैठक को संबोधित करते हुए, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि आने वाले महीनों में एमपी तीन बार दीवाली मनाएगा: त्योहार के दिन, विधानसभा चुनावों के नतीजे वाले दिन और अगले साल 22 जनवरी को, जब अयोध्या में मंदिर का उद्घाटन होगा.

शाह ने केंद्र की पिछली कांग्रेस सरकारों पर राम मंदिर के निर्माण में देरी करने और उसे रोकने का भी आरोप लगाया था, उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार के प्रयासों के कारण ही राम मंदिर मूर्त रूप ले पाया है.

मध्य प्रदेश भाजपा के प्रवक्ता हितेश बाजपेयी कहते हैं, “आज भी, एक कांग्रेस उम्मीदवार को जय सिया राम के साथ अपना अभियान शुरू करने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है! कांग्रेस के विपरीत, हमारी श्री राम में पूरी आस्था है और राम मंदिर का निर्माण इसका प्रमाण है. शिवराज सिंह चौहान एक बार फिर भारी बहुमत से सीट जीतेंगे.”

छिंदवाड़ा, जहां शाह ने तीन दीवाली का जिक्र किया था, वह कांग्रेस नेता और पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ का गढ़ माना जाता है. कमलनाथ की पहचान हनुमान भक्त के रूप में है और उन्होंने छिंदवाड़ा के सिमरिया गांव में हनुमान की 101 फीट ऊंची मूर्ति सहित एक मंदिर का निर्माण करवाया.

कमलनाथ ने ही इस साल 4 जुलाई को मस्तल को कांग्रेस में शामिल करवाया था.

जब उनके टिकट की घोषणा की गई, तो कांग्रेस ने मस्तल का 38 सेकंड का एक वीडियो भी जारी किया, जिसमें वह ‘हनुमान’ के रूप में भगवान राम के सामने खड़े होकर आगे के लिए निर्देश मांग रहे थे. वीडियो में आगे दिखाया गया है कि भगवान राम मध्य प्रदेश में “भक्त कमलनाथ” की जीत सुनिश्चित करने के लिए हनुमान को निर्देश दे रहे हैं.


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मस्तल ने सीएम शिवराज पर निशाना साधते हुए आरोप लगाया, ”शिवराज जी मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री हैं और उनके अपने निर्वाचन क्षेत्र में कोई विकास नहीं हुआ है. इस निर्वाचन क्षेत्र में कोई मेडिकल कॉलेज नहीं है और 20 साल बाद भी, चौहान जी द्वारा केवल एक मेडिकल कॉलेज की घोषणा की गई है. यहां कोई एजुकेशन हब नहीं है, कोई इंजीनियरिंग या नर्सिंग कॉलेज नहीं है. अगर कोई बीमार पड़ जाए तो इलाज कराने के लिए उसे दो घंटे का सफर तय करके भोपाल जाना पड़ता है. क्या इसे ही हम विकास कहते हैं.”

Vikram Mastal canvassing for votes | Praveen Jain | ThePrint
विक्रम मस्तल वोट के लिए प्रचार कर रहे हैं | प्रवीण जैन | दिप्रिंट

उनका दावा है कि बुधनी के एक हाई-प्रोफाइल निर्वाचन क्षेत्र होने के बावजूद जो स्थानीय लोग अपनी समस्याओं का समाधान नहीं करा पा रहे हैं, वे अब कांंग्रेस को समर्थन देने के लिए बड़ी संख्या में सामने आ रहे हैं.

“मैं अपनी आखिरी सांस यहीं लूंगा. मैं किसान पुत्र हूं. मैं समाज सेवा तो कर रहा था लेकिन मार्केटिंग नहीं; ये बीजेपी वाले बिना कोई काम किए अपनी मार्केटिंग करने में माहिर हैं.’

यह पूछे जाने पर कि क्या उन्हें कांग्रेस से टिकट केवल इसलिए मिला क्योंकि उन्होंने हनुमान की भूमिका निभाई, मस्तल ने दिप्रिंट को बताया कि वह एक “स्थानीय निवासी” हैं और “युवाओं व किसानों” के बारे में बात करते रहे हैं.

“मैं एक किसान परिवार से आता हूं. हनुमान की भूमिका निभाना मेरा सौभाग्य था. मेरा जन्म मंगलवार को हुआ और राजनीति में प्रवेश भी मंगलवार को हुआ. यह हनुमान जी की कृपा है और वह सब संभाल लेंगे.’ जनता मेरे लिए राम है और मैं उनकी हनुमान बनकर सेवा करना चाहता हूं.”

“भाजपा राजनीति में धर्म का उपयोग करती है. हम सिर्फ जनता के लिए काम करते हैं. कांग्रेस का एकमात्र उद्देश्य सेवा करना है. मैं जनता के बीच जा रहा हूं. आज बुधनी की हालत देखकर – युवा परेशान हैं, महिलाएं और किसान भी परेशान हैं – मुझे लगता है कि इस बार जनता बहुत गुस्से में है. सत्य की ही जीत होगी. राम सबके हैं, किसी के पास राम के लिए सर्टिफिकेट नहीं है.”

चुनाव से पहले मध्य प्रदेश में ‘सॉफ्ट-हिंदुत्व’ को चुनावी पौध के रूप में इस्तेमाल करने के लिए इसकी आलोचना करते हुए, भाजपा ने इस साल के पहले से कर्नाटक विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की जीत के बाद से कांग्रेस पर ‘बजरंग बली’ के नाम पर वोट बटोरने का भी आरोप लगाया है.

कर्नाटक चुनाव घोषणापत्र में बजरंग दल जैसे हिंदुत्व समर्थक संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के कांग्रेस के वादे पर नाराजगी के बाद, पार्टी ने राज्य में हनुमान मंदिरों के निर्माण और नवीनीकरण का वादा किया था. पार्टी के विजयी होने के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं ने हनुमान की वेशभूषा में जश्न में हिस्सा लिया था.

बुधनी में भाजपा को विश्वास है कि इस तरह का कोई चुनावी उलटफेर नहीं होगा.

शिवराज सिंह चौहान 2006 से लगातार बुधनी से जीत रहे हैं.

नाम न बताने की शर्त पर बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह भाजपा का गढ़ है और शिवराज जी वर्षों से इस सीट से जीत रहे हैं. हालांकि कांग्रेस ने भी इस सीट पर कई बार जीत हासिल की है, लेकिन यह सीट लंबे समय तक बीजेपी का गढ़ रही है.”

वह कहते हैं कि मस्तल को इस सीट से मैदान में उतारने से भले ही कांग्रेस ने सुर्खियां बटोर ली हों, लेकिन वोटों में तब्दील होने की संभावना नहीं है. उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “हर कोई जानता है कि (इस चुनाव का) परिणाम क्या होगा.”

(संपादनः शिव पाण्डेय)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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