नई दिल्ली: महाराष्ट्र में लंबे समय से सरकार बनाने को लकेर चल रहे गतिरोध के बीच देवेंद्र फडणवीस ने मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. एनसीपी नेता अजीत पवार ने उपमुख्यमंत्री पद की शपथ ली. राजभवन में राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने दोनों नेताओं को शपथ दिलाई.
Devendra Fadnavis took oath as Maharashtra Chief Minister again,NCP's Ajit Pawar took oath as Deputy CM,oath was administered by Maharashtra Governor Bhagat Singh Koshyari at Raj Bhawan pic.twitter.com/KrejSTXTBd
— ANI (@ANI) November 23, 2019
शपथ लेने के बाद फडणवीस ने कहा, ‘राज्य के लोगों ने हमें जनादेश दिया था. लेकिन नतीजों के आने के बाद शिवसेना ने दूसरी पार्टियों के साथ जाने का फैसला किया. जिस कारण राष्ट्रपति शासन लग गया. राज्य को स्थायी सरकार चाहिए न की खिचड़ी सरकार.’
Devendra Fadnavis after taking oath as Maharashtra CM again: People had given us a clear mandate, but Shiv Sena tried to ally with other parties after results, as a result President's rule was imposed. Maharashtra needed a stable govt not a 'khichdi' govt. pic.twitter.com/6Zmf9J9qKc
— ANI (@ANI) November 23, 2019
डिप्टी सीएम अजीत पवार ने शपथ लेने के बाद कहा, ‘नतीजे आने के बाद कोई पार्टी सरकार नहीं बना पा रही थी. राज्य में कई समस्याएं हैं जिसमें किसानों की समस्या भी है. इसलिए हमने एक स्थायी सरकार बनाने का फैसला किया है.’
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने पर बधाई दी. मोदी ने ट्वीट किया, ‘सीएम और डिप्टी सीएम पद की शपथ लेने के लिए देवेंद्र फडणवीस और अजीत पवार को बधाई. मुझे विश्वास है कि दोनों लोग महाराष्ट्र के भविष्य के लिए अच्छा काम करेंगे.’
Congratulations to @Dev_Fadnavis Ji and @AjitPawarSpeaks Ji on taking oath as the CM and Deputy CM of Maharashtra respectively. I am confident they will work diligently for the bright future of Maharashtra.
— Narendra Modi (@narendramodi) November 23, 2019
बता दें कि शुक्रवार शाम तक राज्य की राजनीति की परिस्थिति बिल्लकुल अलग थी. एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने शुक्रवार को कहा था कि हम उद्धव ठाकरे के नाम पर सहमत हो गए हैं. लेकिन शनिवार सुबह होते ही महाराष्ट्र की राजनीति ने सबको चौंका दिया.
शुक्रवार शाम को शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा था कि हम पांच साल तक सरकार चलाएंगे और उद्धव ठाकरे मुख्यमंत्री होंगे.
पिछले कई दिनों से राज्य में सरकार बनाने को लेकर अटकलें चल रही थी. भाजपा से अलग होने के बाद शिवसेना ने कांग्रेस और एनसीपी के साथ जाने का फैसला लिया था. इसके लिए दिल्ली औऱ महाराष्ट्र में कई बैठके भी हुई थी. लेकिन परिणाम इसके साफ उलट निकला.
हाल ही में राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा को 105 सीटों पर जीत मिली थी और वो सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी. वहीं शिवसेना को 56, कांग्रेस को 44 और एनसीपी को 54 सीटें मिली थी.