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Sunday, 24 November, 2024
होमराजनीति'हैदराबाद मुक्ति दिवस' के सहारे तेलंगाना को फ़तह करने में जुटी भाजपा

‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के सहारे तेलंगाना को फ़तह करने में जुटी भाजपा

'हैदराबाद मुक्ति दिवस' 17 सितंबर को मनाया जाएगा, इसदिन भाजपा तेलंगाना में 33,000 बूथ पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का फैसला किया है. कार्यक्रम की अगुवाई भाजपा अध्यक्ष अमित शाह करेगें.

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नई दिल्ली: भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने हैदराबाद रियासत के भारत में विलय होने की तारीख 17 सितंबर को ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के रूप भव्य तरीके से मनाने का फैसला किया है. ‘हैदराबाद मुक्ति दिवस’ के दिन पूरे तेलंगाना में भाजपा ने 33,000 बूथ पर राष्ट्रीय ध्वज को फहराने का फैसला किया है और मुख्य कार्यक्रम की अगुवाई खुद भाजपा अध्यक्ष और देश के गृहमंत्री अमित शाह करेगें. शाह उसी दिन हैदराबाद या निज़ामाबाद में एक बड़ी सभा को भी संबोधित करेंगें. जम्मू कश्मीर में धारा 370 खत्म होने के बाद गृहमंत्री का यह पहला बड़ा राजनैतिक कार्यक्रम होगा .

हर बूथ पर हैदराबाद मुक्ति का जश्न 

कार्यक्रम के बारे में विस्तार से बताते हुए तेलंगाना भाजपा अध्यक्ष के. लक्ष्मण बतातें हैं, ‘देश तो 15 अगस्त को आज़ाद हो गया था पर हैदराबाद को आज़ादी 17 सितंबर को मिली थी.’

वह आगे कहते हैं लेकिन हैदराबाद की असली आज़ादी तो रियासत के भारत में विलय होने के बाद मिली थी. इसलिए हम इस दिन पूरे प्रदेश में आज़ादी का जश्न मनाएगें, हर बूथ पर राष्ट्रीय ध्वज फहराया जाएगा और पूरे प्रदेश में जश्न मनाया जाएगा.’

दिल्ली में हैदराबाद विलय की कहानी पर झांकी और प्रदर्शनी 

तेलंगाना भाजपा के संगठन महासचिव श्रीनिभासलु दिप्रिंट को बतातें हैं, ‘भाजपा कोर कमेटी ने फैसला किया है हैदराबाद मुक्ति दिवस के अवसर पर बड़ी रैली और हर बूथ पर झंडा के अलावा विलय के दौरान शहीद हुए वीरों को श्रद्धाजंलि दी जाएगी,और इस कार्यक्रम में शरीक होने के लिए हमने भाजपा अध्यक्ष अमित शाह से अनुरोध किया है और वो अपनी उपलब्धता के मुताबिक कार्यक्रम में शरीक होगें.’

‘कोर कमेटी में ने हैदराबाद रियासत के भारत में विलय की कहानी पर आधारित एक बड़ी झांकी और प्रदर्शनी 10 सितंबर से दिल्ली में लगाने का फैसला भी किया है.’

17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस घोषित करे सरकार

तेलंगाना बीजेपी अध्यक्ष ने 17 सितंबर को आधिकारिक रूप से हैदराबाद मुक्ति दिवस घोषित करने की मांग की है. के.लक्ष्मण के बताते हैं, ‘असदुद्दीन ओवैसी के डर से टीआरएस सरकार 17 सितंबर को मुक्ति दिवस नहीं घोषित करना चाहती है इसलिए हमने गृहमंत्री से मिलकर इस दिवस को आधिकारिक रूप से मुक्ति दिवस घोषित करने की मांग रखी है. इसबार हम सिर्फ हैदराबाद मुक्ति दिवस नहीं बल्कि तेलंगाना मुक्ति दिवस मनाने वालें हैं.’

कैसे हुआ था हैदराबाद का विलय

सरदार पटेल देश के गृहमंत्री थे और जून 1948 में माउंटबेटन के भारत से जाने के बाद पटेल ने हैदराबाद रियासत के भारत में विलय कराने की रणनीति बनानी तेज कर दी थी. भारतीय सेना ने 13 सितंबर से हैदराबाद की तरफ बढ़ना शुरू कर दिया और चार दिन चले युद्ध के बाद हैदराबाद रियासत को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया लेकिन इस ऑपरेशन में हज़ारों लोगों की जानें गई.

हैदराबाद निज़ाम अंतिम समय तक पाकिस्तान और बाकी मुल्कों से हथियार ख़रीदकर भारत को जबाब देने की चालें चलते रहे पर पटेल की तत्परता, के. एम. मुंशी की चालाकी और लंदन में भारतीय दूतावास वी के कृष्णमेनन के कूटनीतिक प्रयास से हैदराबाद भारत का हिस्सा बन गया .

बीजेपी की हैदराबाद पर नीति 

हैदराबाद विलय में विलेन रहे रज्जाकरों की पार्टी एमआईएम के राजनैतिक इतिहास को भाजपा हैदराबाद विलय के बहाने भुनाना चाहती है. हैदराबाद विलय के समय एमआईएम के प्रमुख क़ासिम रिज़वी थे जिनकी निजी सेना रजाकर ने हैदराबाद रियासत की रक्षा के लिए भारतीयों के खिलाफ ढेर सारे मुठभेड़ किए थे जिसमें सैकड़ों भारतीयों की जानें गईं थी.

टीआरएस सरकार और असदुद्दीन ओवैसी 17 सितंबर को हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का विरोध करते रहे हैं. यही वह विंडों है जिसे बीजेपी हैदराबाद विलय के नैरेटिव को जनता में ले जाकर हैदराबाद, करीमनगर में अपनी पैठ बढ़ाना चाहती है .

तेलंगाना में भाजपा ने 2019 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस और एमआईएम को पछाड़ते हुए 17 लोकसभा सीटों में से 20 प्रतिशत वोट पाकर 4 सीटों पर सफलता पाई थी .इस जीत से उत्साहित बीजेपी को लगता है दक्षिण में कर्नाटक के बाद तेलंगाना ही ऐसा राज्य है जहां कमल पहले खिल सकता है.

भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने 2023 में होने वाले विधानसभा चुनाव की तैयारियों के लिए हर महीने तेलंगाना आने की रणनीति बनाई है. बीजेपी के सदस्यता अभियान की शुरुआत भी अमित शाह ने 6 जुलाई को तेलंगाना से ही की थी .

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