नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की संभावना तलाशने के लिए शुक्रवार को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद की अध्यक्षता में एक समिति का गठन किया. यह घटनाक्रम संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी द्वारा गुरुवार को 18 सितंबर से 22 सितंबर तक शुरू होने वाले संसद के विशेष पांच दिवसीय सत्र के आह्वान के एक दिन बाद आया है.
इस कदम ने पहले से ही गर्म राजनीति को और बढ़ा दिया है क्योंकि आगामी चुनाव में सत्तारूढ़ भाजपा से मुकाबला करने के एजेंडे पर फैसला करने के लिए 28 दलों के विपक्षी नेताओं की बैठक चल रही है. केंद्र के इस कदम पर कई राजनीतिक दलों के नेताओं ने प्रतिक्रिया दी है.
कांग्रेस नेता और मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि केंद्र केवल संविधान में संशोधन नहीं कर सकता, उन्हें राज्यों की मंजूरी की भी जरूरत है.
मौजूदा घटनाक्रम के बारे में बताते हुए केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद ने कहा, ”फिलहाल, एक समिति का गठन किया गया है. समिति की एक रिपोर्ट आएगी, जिस पर चर्चा की जाएगी. संसद परिपक्व है, और चर्चा होगी. घबराने की जरूरत नहीं है… भारत को लोकतंत्र की जननी कहा जाता है; यहां विकास है… यह विकास का हिस्सा है.”
समय की मांग
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ के बारे में बोलते हुए कहा कि लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार की स्थिरता के साथ विकास के लिए त्वरित शासन की आवश्यकता होती है और इसी दृष्टि से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ की बात कही गई है.
योगी ने कहा, ”एक समृद्ध लोकतंत्र के लिए राजनीतिक स्थिरता वास्तव में महत्वपूर्ण है और लोकतांत्रिक व्यवस्था में सरकार की स्थिरता के साथ विकास के लिए त्वरित शासन की आवश्यकता होती है, इस दृष्टि से ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ सराहनीय है.”
सीएम योगी ने आगे कहा, “इस पहल के लिए मैं उत्तर प्रदेश के नागरिकों की ओर से पीएम मोदी को तहे दिल से धन्यवाद देना चाहता हूं.”
प्रस्ताव के महत्व पर प्रकाश डालते हुए, योगी आदित्यनाथ ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ समय की मांग है और यह महत्वपूर्ण है क्योंकि बार-बार होने वाले चुनाव विकास के रास्ते में बाधा बनते हैं क्योंकि चुनाव प्रक्रियाएं कम से कम डेढ़ महीने का समय जो विकास प्रक्रिया में बाधा डालता है.
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‘गलत परंपरा स्थापित कर रहे हैं’
इस बीच, ‘One Nation, One Election’ के तहत पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को अध्यक्ष बनाए जाने पर प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेस सांसद प्रमोद तिवारी ने कहा, “मैं यह पहली बार देख रहा हूं कि सरकार द्वारा किसी पूर्व राष्ट्रपति को गठित समिति का अध्यक्ष बनाया गया है. पूर्व मुख्य न्यायाधीश और पूर्व SC न्यायाधीश ऐसा कर सकते थे. उन्होंने राष्ट्रपति के पद की गरिमा समाप्त कर दी क्योंकि (नए संसद भवन का) उद्घाटन राष्ट्रपति के बजाय प्रधान मंत्री ने किया था. अब, ऐसा करके यह, वे गलत परंपरा स्थापित कर रहे हैं.”
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ से देश आगे बढ़ेगा. पुष्कर धामी ने कहा, “पीएम मोदी हमेशा देश को विकास की ओर ले जाने के बारे में सोचते हैं और वह ‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’ में विश्वास करते हैं, जहां भारत विश्व गुरु बनेगा और इस संबंध में ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ भारत को आगे बढ़ाएगा.”
उन्होंने आगे कहा कि भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद जैसे व्यक्ति का ‘वन नेशन, वन इलेक्शन’ के लिए समिति की अध्यक्षता करना बहुत बड़ी बात है.
धामी ने कहा, इसके लिए (एक राष्ट्र, एक चुनाव) समिति बनाने का निर्णय और रामनाथ कोविंद जैसे व्यक्ति, जिनके पास इतना लंबा अनुभव है और जो देश के राष्ट्रपति भी रहे हैं, द्वारा इस जिम्मेदारी (समिति के अध्यक्ष) को स्वीकार करना बहुत बड़ी बात है और हम ऐसी पहल का स्वागत करते हैं.
‘भटकाने के लिए ये चीजें हो रही हैं’
महाराष्ट्र के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता पृथ्वीराज चव्हाण, जो मुंबई में विपक्षी गुट की बैठक में मौजूद थे, ने बताया कि भाजपा सरकार अब घबराहट की स्थिति में है और ध्यान भटकाने के लिए ये चीजें हो रही हैं.
उन्होंने आगे कहा, गणेश चतुर्थी उत्सव के बीच इस विशेष सत्र को बुलाने की क्या आवश्यकता है? क्या वे (केंद्र सरकार) हिंदू भावनाओं से अनजान हैं? पर वन नेशन, वन पोल की अटकलों के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, “सरकार को कभी भी चुनाव कराने का अधिकार है. अगर वे लोकसभा चुनाव जल्दी कराना चाहते हैं तो कर सकते हैं. अगर वे कुछ विधेयक पारित करना चाहते हैं, तो हमें उन विधेयकों के बारे में बताएं.”
पंजाब के मंत्री और आप नेता हरपाल सिंह चीमा ने कहा कि भारत जैसे देश में, जहां लोकतंत्र कायम है, भाजपा ऐसा नहीं कर सकती. उन्होंने आगे कहा कि बीजेपी संविधान और देश को बर्बाद करना चाहती है. “भारत एक लोकतांत्रिक देश है और इसे लागू करना संभव नहीं है. भाजपा देश को बर्बाद करना चाहती है. यह देश के संविधान के लिए खतरनाक है. ऐसा नहीं किया जाना चाहिए.”
‘देश के लिए उपहार’
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने शुक्रवार को ‘One Nation, One Election’ के बारे में बोलते हुए प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की प्रशंसा की और कहा कि “एक राष्ट्र, एक चुनाव प्रधानमंत्री की ओर से देश को एक उपहार है.”
मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने इस फैसले को ऐतिहासिक बताया.
इस बीच, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्र के फैसले का स्वागत करते हुए कहा, “एक राष्ट्र, एक चुनाव” से चुनाव पर खर्च होने वाला पैसा बचेगा और उस पैसे का इस्तेमाल कल्याणकारी योजनाओं में किया जा सकेगा.
उन्होंने कहा, ”लोगों ने 2024 में फिर से पीएम मोदी को चुनने का फैसला किया है.”
भाजपा के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने भी प्रस्ताव का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यदि चुनाव एक समय पर होते हैं, तो विकास की गति बढ़ेगी और चुनाव पर खर्च होने वाले पैसे की बचत होगी. वोट डालने वाले मतदाताओं का प्रतिशत भी बढ़ेगा.
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने ‘एक राष्ट्र, एक चुनाव’ पर कहा कि “यह एक सराहनीय प्रयास है. मैं इस कदम का स्वागत करता हूं…इससे लोगों की भागीदारी बढ़ेगी, अधिक लोग मतदान करने आएंगे.”
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