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Saturday, 16 November, 2024
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‘BJP और उनके सहयोगियों को भी मणिपुर का दौरा करना चाहिए’, अधीर रंजन चौधरी बोले- राज्य की स्थिति गंभीर

विपक्षी नेताओं ने राज्य में हिंसा रोकने और शांति बहाल करने में उनकी 'विफलता' पर केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की.

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नई दिल्ली: INDIA गठबंधन के 21 सदस्यीय बहुदलीय प्रतिनिधिमंडल के हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे से लौटने के एक दिन बाद, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और उसके सहयोगियों को भी पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करना चाहिए.

कांग्रेस नेता ने कहा, “मणिपुर में स्थिति बहुत गंभीर है, भाजपा और सत्तारूढ़ गठबंधन की पार्टियों को भी मणिपुर का दौरा करना चाहिए, उन्हें भी वहां जाना चाहिए. सभी को मणिपुर की स्थिति का विश्लेषण करने की जरूरत है.”

विपक्षी सांसद, जो मणिपुर के प्रतिनिधिमंडल का हिस्सा थे, ने सोमवार को संसद में राज्यसभा के नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे सहित सदन के नेताओं को जानकारी दी. इस दौरान कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मौजूद रहीं.

बता दें कि इस बीच आम आदमी पार्टी (आप) के सांसद राघव चड्ढा ने सोमवार को मणिपुर में बिगड़ती कानून-व्यवस्था की स्थिति पर चर्चा के लिए संसद में कामकाज स्थगित करने का नोटिस दिया.

अपने नोटिस में, चड्ढा ने लिखा, “यह सदन मणिपुर में हिंसा पर चर्चा करने के लिए शून्यकाल और प्रश्नकाल तथा दिन के अन्य कामकाज से संबंधित नियमों को निलंबित करता है, जिसके परिणामस्वरूप केंद्र और राज्य सरकारों की विफलता और अक्षमता के कारण मणिपुर में बहुमूल्य जिंदगियों का नुकसान हुआ है.”

विपक्षी नेताओं ने राज्य में हिंसा रोकने और शांति बहाल करने में उनकी ‘विफलता’ पर केंद्र और राज्य सरकार की आलोचना की.

मणिपुर का दौरा करने वाले भारतीय राष्ट्रीय विकासात्मक समावेशी गठबंधन के 21 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल में दोनों सदनों के सांसद थे. सांसदों ने सोमवार को इंफाल के राजभवन में मणिपुर की राज्यपाल अनुसुइया उइके से मुलाकात की और उन्हें एक ज्ञापन सौंपा.

दौरे पर आए प्रतिनिधिमंडल में शामिल कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पूर्वोत्तर राज्य का दौरा करना चाहिए.

20 जुलाई को संसद के मानसून सत्र की शुरुआत के बाद से, I.N.D.I.A के सांसद मणिपुर हिंसा पर विस्तृत चर्चा और इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बयान की मांग कर रहा है. सरकार ने कहा कि वह चर्चा के लिए तैयार है.


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