नई दिल्ली: महाराष्ट्र में एनसीपी में टूट के बाद अब बिहार की राजनीति भी गर्म है. माना जा रहा है कि अब बिहार में भी जेडीयू और राजद गठबंधन की सरकार में दरार आ सकती है. कल अजित पवार अपनी पार्टी तोड़ते हुए एनडीए में शामिल हो गए थे, जिसके बाद उन्हें महाराष्ट्र का उपमुख्यमंत्री बनाया गया. महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रम के बाद बीजेपी नेता सुशील कुमार मोदी ने दावा किया कि बिहार में भी महाराष्ट्र वाले हालात बनने जा रहे हैं. उन्होंने कहा, “बिहार में जेडीयू में फूट होने वाली है. बिहार में कई जेडीयू विधायक बीजेपी के संपर्क में हैं. नीतीश कुमार इस बात से डर गए हैं. इसलिए वह पार्टी विधायकों से बात करना शुरू कर दिए हैं.”
उन्होंने कहा कि जेडीयू के विधायकों और सांसदों को न तो राहुल गांधी स्वीकार है और न ही तेजस्वी यादव.
बीजेपी नेता ने दावा किया कि नीतीश कुमार ने बीते 13 साल में जो नहीं किया वह आज कर रहे हैं. उन्होंने कहा, “जेडीयू में पहले कभी ऐसा संकट नहीं देखा गया. आज जेडीयू अपना वजूद बचाने के लिए संघर्ष कर रही है. नीतीश कुमार बीते 13 साल में कभी भी अपने विधायकों से इस तरह बात नहीं कि जैसा वह आज कर रहे हैं.”
‘जेडीयू 10 सीट पर भी नहीं लड़ पाएगी’
जेडीयू पर हमला करते हुए सुशील मोदी ने कहा कि अगले लोकसभा चुनाव में जेडीयू के हिस्से 10 सीट भी लड़ने के लिए नहीं मिलेगी. उन्होंने कहा, “लोकसभा चुनाव में जेडीयू के कई सांसदों के टिकट कटने की संभावना है. इससे पार्टी में विद्रोह हो सकता है. साथ ही नीतीश कुमार ने बिना विधायकों से सलाह मशविरा लिए बीजेपी से गठबंधन तोड़ा. उन्होंने लालू प्रसाद यादव से हाथ मिलाया. बिहार में विकास की रफ्तार धीमी हो गई है. जेडीयू नेताओं के बीच इसके कारण काफी असंतोष हैं.कई जदयू नेता राजद के साथ जाने से नाखुश हैं.”
सुशील कुमार मोदी के अलावा एलजीपी(आर) के नेता और जमुई से सांसद चिराग पासवान ने भी सत्ताधारी पार्टी पर जेडीयू पर सवाल उठाए हैं. चिराग ने मीडिया से बातचीत में कहा, “नीतीश कुमार के कई विधायक हमारे संपर्क में हैं. पार्टी के कई नेता भी हमारे संपर्क में हैं. जो दूसरों की पार्टी को तोड़ते हैं वह हमेशा डर में रहते हैं कि उनकी पार्टी भी टूट सकती है. नीतीश कुमार ने दूसरे की पार्टी को तोड़ा है अब उन्हें अपनी पार्टी को टूटने को डर सता रहा है. यही कारण है कि नीतीश कुमार अपने विधायकों, पार्टी नेताओं से लगातार मिल रहे हैं.”
बता दें कि नीतीश कुमार अभी पटना में अपनी पार्टी के नेताओं, सांसदों और विधायकों से लगातार मिल रहे हैं उनसे फीडबैक ले रहे हैं. राजनीति विश्लेषकों का मानना है कि यह नीतीश कुमार की लोकसभा चुनाव की तैयारी है. हालांकि, इसे पार्टी के अंदरूनी कलह के रूप में भी देखा जा रहा है.
इससे पहले बीते 23 जून को बिहार में नीतीश कुमार ने विपक्षी दलों की बैठक बुलाई थी जिसमें राहुल गांधी, मल्लिकार्जुन खरगे, अरविंद केजरीवाल, शरद पवार, ममता बनर्जी, अखिलेश यादव समेत कई विपक्षी नेता शामिल हुए थे. इस बैठक में अगले लोकसभा चुनाव में साथ मिलकर बीजेपी से लड़ने का फैसला लिया गया.
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