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Tuesday, 19 November, 2024
होमराजनीति'लोगों को मुख्यधारा से जोड़ेंगे'- बिहार सरकार ने जाति जनगणना को ऐतिहासिक बताया, BJP बोली कुछ नया नहीं

‘लोगों को मुख्यधारा से जोड़ेंगे’- बिहार सरकार ने जाति जनगणना को ऐतिहासिक बताया, BJP बोली कुछ नया नहीं

आंकड़ों के अनुसार, 36.01%, ईबीसी, ओबीसी 27.12%, एससी 19.65%, सामान्य आबादी 15.52% और एसटी 1.68% है.

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नई दिल्ली: बिहार सरकार ने सोमवार को जाति सर्वेक्षण डेटा जारी किया, जिसमें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनावों पर असर डालने वाले आंकड़ें शामिल हैं. डेटा जारी होते ही राजनेताओं की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं.

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने रिपोर्ट के बारे में लिखा कि जाति आधारित गणना से न सिर्फ जातियों के बारे में पता चला है बल्कि सभी की आर्थिक स्थिति की जानकारी भी मिली है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “इसी के आधार पर सभी वर्गों के विकास एवं उत्थान के लिए अग्रेतर कार्रवाई की जाएगी.”

कुमार ने आगे लिखा कि बिहार में कराई गई जाति आधारित गणना को लेकर शीघ्र ही बिहार विधानसभा के उन्हीं 9 दलों की बैठक बुलाई जाएगी और जाति आधारित गणना के परिणामों से उन्हें अवगत कराया जाएगा.

बिहार के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने कहा कि बिहार की सरकार ने कम समय में यह ऐतिहासिक काम किया है.

उन्होंने कहा, “हमने बहुत कम समय में ऐतिहासिक काम किया है और डेटा जारी किया है. हमारी लड़ाई सामाजिक न्याय और आर्थिक न्याय के लिए है. इसलिए, सरकार इसके लिए प्रयास करेगी.”

यादव ने मीडिया से बात करते हुए कहा, “पिछड़ा और अति पिछड़े का लगभग 64 प्रतिशत और 20 फीसदी एससी-एसटी को मिलकर तकरीबन 85 प्रतिशत लोग हैं. हम लोगों की लड़ाई है सामाजिक और आर्थिक न्याय का. जो लोग हैं उन्हें मुख्यधारा में लाना है. गरीबों के लिए विशेष योजनाएं लेकर आएं.”

उन्होंने यह भी कहा कि पीएम मोदी को भी जाति आधारित गणना करानी चाहिए.

उधर, राष्ट्रीय जनता दल के प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने गांधी जयंती के मौके पर इसके जारी होने को ‘ऐतिहासिक क्षण’ बताया. उन्होंने एक्स पर लिखा कि बीजेपी की अनेकों साजिशों, कानूनी अड़चनों और तमाम षड्यंत्र के बावजूद आज बिहार सरकार ने जाति आधारित सर्वे को रिलीज किया.

आंकड़ों के मुताबिक बिहार में अन्य पिछड़ी जाति (ओबीसी) और अत्यंत पिछड़ा वर्ग (ईबीसी) मिलकर राज्य की आबादी का 63 प्रतिशत हिस्सा हैं. आंकड़ों के अनुसार, 36.01%, ईबीसी, ओबीसी 27.12%, एससी 19.65%, सामान्य आबादी 15.52% और एसटी 1.68% है.

प्रसाद ने लिखा, “ये आंकड़े वंचितों, उपेक्षितों और गरीबों के समुचित विकास और तरक़्क़ी के लिए समग्र योजना बनाने एवं हाशिए के समूहों को आबादी के अनुपात में प्रतिनिधित्व देने में देश के लिए नज़ीर पेश करेंगे.”

उन्होंने आगे मांग की कि सरकार को सुनिश्चित करना चाहिए कि जिसकी जितनी संख्या, उसकी उतनी हिस्सेदारी हो. प्रसाद लिखा, “हमारा शुरू से मानना रहा है कि राज्य के संसाधनों पर न्यायसंगत अधिकार सभी वर्गों का हो. ” उन्होंने लिखा, “केंद्र में 2024 में जब हमारी सरकार बनेगी तब पूरे देश में जातिगत जनगणना करवायेंगे और दलित, मुस्लिम, पिछड़ा और अति पिछड़ा विरोधी भाजपा को सता से बेदखल करेंगे.”

उधर, बिहार सरकार द्वारा जारी जाति आधारित जनगणना रिपोर्ट पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा कि भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है. जितनी आबादी, उतना हक़ यह उनकी पार्टी का प्रण है.

उन्होंने इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए एक्स पर लिखा, “बिहार की जातिगत जनगणना से पता चला है कि वहां OBC + SC + ST 84% हैं. केंद्र सरकार के 90 सचिवों में सिर्फ़ 3 OBC हैं, जो भारत का मात्र 5% बजट संभालते हैं! इसलिए, भारत के जातिगत आंकड़े जानना ज़रूरी है। जितनी आबादी, उतना हक़ – ये हमारा प्रण है.”

इसके साथ ही मध्य प्रदेश के पूर्व सीएम और कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह का कहना है कि एमपी में उनकी पार्टी की सरकार की बनने पर वह वहां पर जाति जनगणना कराएंगे. उन्होंने अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा, ”मैंने हमेशा इसका समर्थन किया है. अगर हम यहां सत्ता में आए तो हम मध्य प्रदेश में भी जाति आधारित जनगणना कराएंगे.”


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बीजेपी का विरोध

बिहार सरकार की जाति आधारित सर्वेक्षण रिपोर्ट पर बिहार के नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा कि इस रिपोर्ट में कुछ नया नहीं है.

उन्होंने कहा, ”जाति आधारित जनगणना की पूरी रिपोर्ट विश्लेषण के बाद आएगी. उन्होंने कुछ नया नहीं किया है… जो धारणाएं पहले से थीं रिपोर्ट में हैं. उन्होंने इसे चमत्कार या बड़े बदलाव के तौर पर पेश किया. आप क्या कह रहे हैं ये सबको पता है.”

सिन्हा ने कहा, “आंकड़ों के आंकड़े सबको मालूम हैं. जब ओबीसी और अति पिछड़ा वर्ग का क्षेत्रवार डेटा आएगा तब हम बताएंगे जानिए सर्वे का सच. ये बिहार में तनाव पैदा करने के लिए है. इनके पास भविष्य, सामाजिक समरसता या विकास की मानसिकता नहीं है.”

वहीं, बिहार बीजेपी अध्यक्ष सम्राट चौधरी ने कहा, ”यह अधूरी रिपोर्ट है. सांप्रदायिक अशांति फैलाना लालू जी की आदत रही है. बीजेपी इस सर्वे की समर्थक रही है.”


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