पटना: बिहार के उप-मुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने शुक्रवार को कर्नाटक विधानसभा चुनाव में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए उम्मीद से कम नतीजे की भविष्यवाणी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि भगवान बजरंग बली पार्टी से बहुत नाराज़ हैं.
युवा राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता से पत्रकारों ने जब दक्षिणी राज्य में चुनाव परिणामों के बारे में उनके अनुमान के बारे में पूछा तो उन्होंने ये टिप्पणी की.
तेजस्वी का इशारा स्पष्ट रूप से उस बड़े विवाद की ओर था जो कांग्रेस द्वारा कर्नाटक के लिए अपने चुनावी घोषणापत्र में पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) जैसे अन्य संगठनों पर शिकंजा कसने के वादे के बाद शुरू हुआ था.
बता दें कि घोषणापत्र में चरमपंथी संगठन पीएफआई और बजरंग दल (विश्व हिंदू परिषद की युवा शाखा) का उल्लेख किया गया था जिसको लेकर बीजेपी ने नाराजगी व्यक्त की थी.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी चुनावी सभाओं में कहा था कि बजरंग दल के खिलाफ कोई भी कार्रवाई भगवान हनुमान के एक अन्य लोकप्रिय नाम बजरंग बली के अपमान के समान है और रैली के बाद ‘बजरंग बली की जय’ के नारे लगाए थे.
कर्नाटक में मतदान के बाद के सर्वेक्षण में कांग्रेस के सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने की भविष्यवाणी की गई थी.
निर्वाचन आयोग के 10:30 बजे के आंकड़ों के अनुसार, कर्नाटक में कांग्रेस, 110, बीजेपी, 71 और जेडी (एस) 23 सीटों पर आगे चल रही है.
इस बीच तेजस्वी के पिता और राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने पटना हाई कोर्ट से सटे एक दरगाह में जाकर माथा टेका.
राजद प्रमुख ने शहीद सफदर पीर मुराद शाह के मज़ार में चादरपोशी के बाद मुल्क और बिहार की तरक्की तथा अमन के लिए दुआ मांगी.
संयोगवश लालू के कट्टर प्रतिद्वंद्वी से सहयोगी बने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी अक्सर इस मज़ार पर आते हैं.
अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले भाजपा के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के लिए देश भर में यात्रा कर रहे जदयू के शीर्ष नेता नीतीश ने असम के ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (एआईयूडीएफ) के अध्यक्ष बदरुद्दीन अजमल के नेतृत्व वाले एक प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की.
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