पटना : जेल में बंद राष्ट्रीय जनता दल (राजद) प्रमुख लालू प्रसाद यादव कई राजनीतिक घटनाक्रमों में भाग लेने से चूक गए जिसमें लोकसभा चुनाव में उनकी पार्टी की हार भी है. लेकिन इससे पार्टी में उनका रसूख कम नहीं हुआ है.
राजद नवंबर में पार्टी का संगठनात्मक चुनाव कराने वाला है और इसमें कोई संदेह नहीं है कि चारा घोटाले के सिलसिले में रांची में न्यायिक हिरासत में होने के बावजूद लालू यादव को राजद अध्यक्ष के रूप में चुना जाएगा.देशभर के अन्य क्षेत्रीय क्षत्रपों की तरह राजद प्रमुख के रूप में लंबे समय तक उनके पद पर बने रहने की संभावना है.
हालांकि, अभी उनके लिए एक चुनौती यह है कि वो परिवार को एक साथ कर सकें. मतभेदों के कारण परिवार से संचालित पार्टी को किसी भी कीमत में बर्बाद नहीं होने दें.
लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव चुने हुए वारिस हैं. जिन्हें पिता लालू यादव के बार-बार समझाने के बाद भी वे कोप भवन से बाहर नहीं निकल रहे हैं.
लेकिन, राजद की पारिवारिक समस्या की प्रमुख वजह तेजप्रताप का तलाक है. लालू यादव के बड़े बेटे और बिहार के पूर्व स्वास्थ्य मंत्री तेजप्रताप यादव तलाक़ के मामले में फंसे हुए हैं.
यह भी पढ़ें : लालू सिर्फ बीजेपी नहीं, अपने लोगों की वजह से भी जेल में हैं!
बिहार के पूर्व सीएम दरोगा प्रसाद राय की पोती एवं राजद के वरिष्ठ नेता चंद्रिका राय की बेटी ऐश्वर्या राय और तेजप्रताप के बीच मुक़दमे को लेकर काफी गहमागहमी है. तेजप्रताप ने अपने पिता की बात सुनने और तलाक की याचिका वापस लेने से इनकार कर दिया है.
पेंचीदा तलाक
तेजप्रताप ने पिछले साल नवंबर में ऐश्वर्या से तलाक की याचिका दायर की थी. उनके पिता ने उन्हें तुरंत रांची बुलाया और याचिका वापस लेने का निर्देश दिया.
लेकिन, उन्होंने अपने पिता की सलाह पर ध्यान नहीं दिया, बल्कि तेज प्रताप लगभग 20 दिनों के लिए वृंदावन, मथुरा और अन्य स्थानों की यात्रा के लिए लापता हो गए. जब वे पटना लौटे तो अपने घर नहीं गए.उन्होंने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से राज्य की राजधानी में एक अलग घर आवंटित करने के लिए कहा.
तलाक की वजह परिवार को शर्मिंदा कर रही है क्योंकि पिछले शनिवार को ऐश्वर्या ने एक केस दायर किया था, जिसमें न केवल अपने पति के खिलाफ बल्कि बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी (उसकी सास) और राज्यसभा सांसद मीसा भारती(ननद) के खिलाफ भी गंभीर आरोप लगाए थे.
ऐश्वर्या की मां पूर्णिमा राय ने पुष्टि करते हुए कहा, ‘मेरी बेटी ने घरेलू हिंसा अधिनियम के तहत अदालत का दरवाजा खटखटाया है. वह अदालत के सामने पेश हुई हैं और इस केस का प्रतिनिधित्व मालविका राजकोटिया द्वारा किया गया था.
राजकोटिया देश के प्रमुख तलाक वकीलों में से एक है, वह जम्मू और कश्मीर के पूर्व सीएम उमर अब्दुल्ला सहित कई अन्य हस्तियों की ओर से पेश हो चुकी हैं. पूर्णिमा ने संकेत दिया कि उनकी बेटी को उनके सरकारी आवास पर मूलभूत सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है.
यह मामला राजद नेताओं को शर्मिंदा कर रहा है. राजद के एक विधायक ने कहा, ‘यह मामला लालू परिवार पर कीचड़ उछालने वाली स्थिति जैसा है, जिससे परिवार की प्रतिष्ठा लालू के समर्थकों के बीच ख़राब हो सकती है.’
ऐश्वर्या खुद एक प्रमुख राजनीतिक परिवार से आती हैं. बड़े राजनीतिक परिवार से होने के बावजूद ऐश्वर्या को ज्यादा मदद नहीं मिल रही है. उनके दादा कांग्रेस के कार्यकाल में प्रदेश के मुख्यमंत्री थे, जबकि उनके पिता चंद्रिका राय राजद के नेता हैं, जिनका आधार भी छपरा जिला में है. जहां से यादव परिवार अपनी राजनीति करता है.
तेजप्रताप और ऐश्वर्या के बीच संबंध कथित रूप से बिगड़ गए, जब उनके पिता ने राजद के टिकट पर छपरा लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा और हार गए. ऐश्वर्या के परिवार के सदस्यों के अनुसार लालू ने शुरुआत में उन्हें आश्वासन दिया था कि पटना लौटते ही सब कुछ ठीक हो जाएगा. लेकिन हार के बाद, लालू ने उनसे कहा कि तेजप्रताप अब उनकी भी नहीं सुन रहे हैं.
मुंह फुलाए बैठे हैं लालू के छोटे बेटे- तेजस्वी
लालू को अपने चुने हुए राजनीतिक वारिस तेजस्वी को भी मनाना है, तेजस्वी राजनीतिक परिदृश्य से गायब हो गए हैं.
बिहार में जब इंसेफेलाइटिस के कारण 150 से अधिक बच्चों की मृत्यु हो गई थी, उस समय न केवल तेजस्वी अनुपस्थित थे, बल्कि जून के अंत में शुरू होने वाले महीने भर के मानसून सत्र में उन्होंने दो मौकों पर केवल दो मिनट का दर्शन दिया था.
उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने राजद पर ताना मारते हुए कहा, ‘विधानसभा सत्र में विपक्ष के नेता ने सदन में इतिहास रचा है, जो सदन की लगातार 17 बैठकों के लिए अनुपस्थित हैं.’
तेजस्वी ने 29 जून को थोड़ी देर के लिए दर्शन दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि उनका एंटीरियर क्रूसिएट लिगामेंट (एसीएल) का इलाज चल रहा है. लेकिन वह तभी से गायब चल रहे हैं अपना ज्यादातर समय दिल्ली में बिता रहे हैं.
यह भी पढ़ें : नीतीश कुमार के साथ फिर से गठबंधन को लेकर लालू यादव दिन में सपना देख रहे हैं
राजद नेताओं का कहना है कि लालू ने उनसे बार-बार लोकसभा की हार को भूलने और विधानसभा चुनावों पर ध्यान केंद्रित करने का आग्रह किया है. लोकसभा चुनाव में हार के दो महीने बाद जब तेजस्वी ने पहली बार लालू यादव से मुलाकात की, तो कम से कम दो नेताओं ने लालू से तेजस्वी को राजनीति में भाग लेने के लिए परामर्श दिया.
राजद के एक वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘लेकिन कुछ भी नहीं हुआ और कभी-कभी तेजस्वी के बारे में भी चर्चा होती है कि उनकी राजनीति में कोई दिलचस्पी नहीं है. उनकी लंबी अनुपस्थिति ने राजनीतिक रूप से उन्हें अप्रासंगिक बना दिया है और सहयोगी दलों के अधिकांश नेताओं सहित सभी लोग राजनीतिक लड़ाई लड़ने के लिए तेजस्वी की क्षमता पर सवाल उठा रहे हैं.’
उन्होंने यह भी कहा, ‘पारिवारिक झगड़े की अटकलें हैं. पार्टी ख़त्म हो रही है और ऐसे समय में जब हमें धारा 370 और ट्रिपल तलाक़ पर राजनीतिक लड़ाई लड़नी चाहिए. राजद द्वारा केवल कुछ बयान दिए गए हैं.
(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)