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Saturday, 16 November, 2024
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एनआरसी के खिलाफ बघेल की ‘सविनय अवज्ञा’ की धमकी पर भाजपा ने कहा, भारत का संविधान ठीक से पढ़ें

पार्टी ने उनके इस बयान को एक साल की सरकार की विफलता से होने वाली हताशा का परिणाम बताया है.

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छत्तीसगढ़ : एनआरसी के खिलाफ छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल का ‘सविनय अवज्ञा’ आंदोलन छेड़ने की धमकी को भाजपा ने उनके एक साल के कार्यकाल की विफलता की हताशा का परिणाम बताया है. बघेल ने यह वक्तव्य केन्द्र सरकार के एनआरसी को पूरे देश में लागू कराने की कवायद का विरोध करते हुए दिया है.

वरिष्ठ भाजपा नेता, राज्यसभा सदस्य एवं पार्टी की राष्ट्रीय महासचिव सरोज पांडेय ने दि प्रिंट से बात करते हुए बघेल को समझाइश देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को भारत का संविधान एक बार ठीक से पढ़ना चाहिए और फिर कुछ बोलना चाहिए.

भाजपा महासचिव ने बघेल के वक्तव्य को आड़े हाथों लेते हुए कहा की उन्हें पता होना चाहिए कि एक बार जब देश की संसद कोई कानून बनाती है और भारत के राष्ट्रपति द्वार अनुमोदित कर दिया जाता है तो उसके बाद सभी राज्य सरकारें उसे लागू करने के लिए बाध्य हो जाती हैं. पांडेय के अनुसार भूपेश बघेल के पास अपनी सरकार की एक साल की उपलब्धियों में जनता को बताने के लिए कुछ नही है, इसिलिये वो ऐसा वक्तव्य दे रहें हैं.

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बघेल ने राज्य में कांग्रेस की सरकार के एक वर्ष पूर्ण होने पर प्रदेश कार्यालय राजीव भवन में बुधवार को पार्टी के कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा था कि संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) और एनआरसी से केंद्र सरकार समाज का ध्रुवीकरण कर रही है तथा सत्ता में बने रहने के लिए लोगों को विभाजित कर रही है. उन्होंने राज्य में एनआरसी को लागू नहीं करने की बात कही.

उन्होंने भाजपा के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार को अपनी पार्टी और लोगों के सामने सबसे बड़ी चुनौती बताया और कहा कि भाजपा ने जनता को भड़काने, गुमराह करने और विभाजित करने के अलावा कुछ नहीं किया है.

उन्होंने कहा, ‘आज पूरा देश संशोधित नागरिकता कानून को लेकर उबल रहा है. देश की राजधानी समेत विभिन्न हिस्सों में छात्रों की पिटाई की जा रही है तथा भय का वातावरण बनाया जा रहा है. उनका उद्देश्य समाज का ध्रुवीकरण करके सत्ता में बने रहना है.’

मुख्यमंत्री ने कहा कि केन्द्र की मोदी सरकार सभी मोर्चों पर विफल रही है. केंद्र सरकार ने जो भी कदम उठाए हैं, चाहे वह जीएसटी का मुद्दा हो या संशोधित नागरिकता अधिनियम हो, सभी पर वह असफल साबित हुई है.

उन्होंने कहा, ‘मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि यदि किसी देशवासी के पास दस्तावेज नहीं है और उनके पूर्वज अनपढ़ थे तब वह अपनी नागरिकता कैसे साबित करेंगे. जो लोग दूसरे शहरों और स्थानों पर चले गए हैं वह कैसे अपनी नागरिकता करेंगे.’ बघेल ने सवाल किया कि झारखंड के मुख्यमंत्री रघुबर दास जो छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव जिले के मूल निवासी थे. अब वह पड़ोसी राज्य में चले गए हैं. राजनांदगांव में उनकी कोई पैतृक संपत्ति नहीं है, अब उनकी नागरिकता कैसे साबित होगी.

बघेल ने कहा, ‘महात्मा गांधी ने जिस तरह अफ्रीका में सरकार की पहचान योजना का विरोध किया था. हम इसी तरह एनआरसी का विरोध करेंगे. यदि देश में एनआरसी लागू किया जाएगा तब वह पहले ऐसे व्यक्ति होंगे जो एनआरसी के दस्तावेज में हस्ताक्षर नहीं करेंगे.’

उन्होंने कहा, ‘इससे पहले गांधी जी ने अंग्रेजों के खिलाफ आंदोलन चलाया था. आज हमे ‘काले अंग्रेजों’ का विरोध करना होगा.’

उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तरफ इशारा करते हुए कहा, ‘यदि आप खुद को हिंदुओं को बड़ा नेता मानते हैं तब बताएं कि छह वर्ष के कार्यकाल में आपकी सरकार ने हिंदुओं के लिए क्या किया है. मोदी सरकार केवल लोगों को डर दिखाकर वोट बटोरने में लगी हुई है.’

नक्सल समस्या को लेकर पूछे गए सवाल के जवाब में बघेल ने कहा, ‘मैंने बस्तर में पत्रकारों, नक्सल प्रभावित लोगों, सुरक्षा कर्मियों और विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े लोगों से चर्चा की है. इन चर्चाओं से यह निष्कर्ष निकला है कि स्थानीय लोगों का विश्वास जीतकर तथा क्षेत्र में विकास कर इस समस्या से निपटा जा सकता है. साथ ही राज्य सरकार ने स्थानीय युवाओं को रोजगार देने का भी फैसला किया है.’

(न्यूज एजेंसी भाषा के इनपुट्स के साथ)

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