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Monday, 23 December, 2024
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कोविड-19 से छत्तीसगढ़ की हालत बिगड़ी, भूपेश बघेल ने पीएम को लिखा खत- मांगी 30 हजार करोड़ की सहायता

बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि लॉकडाउन की लंबी अवधि के कारण राजस्व प्राप्ति लगभग शून्य हो गई है. राज्य के 56 लाख गरीब और जरूरतमंद परिवारों, जिनकी आय का कोई साधन नहीं बचा है, के जीवनयापन के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता पड़ रही है.

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रायपुर: छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य के जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत और कल्याणकारी योजनाओं का संचालन करने के लिहाज से 30 हजार करोड़ रूपए की सहायता देने का आग्रह किया है.

राज्य के वरिष्ठ अधिकारियों ने मंगलवार को यहां बताया कि मुख्यमंत्री बघेल ने प्रधानमंत्री मोदी को पत्र लिखकर राज्य के लाखों जरूरतमंद परिवारों के लिए राहत और कल्याणकारी योजनाओं तथा राज्य के सामान्य कामकाज के संचालन के लिहाज से राज्य को आगामी तीन माह में केन्द्र की ओर से कम से कम 30 हजार करोड़ रूपए की आर्थिक सहायता देने का आग्रह किया है.

बघेल ने इस राशि में से 10 हजार करोड़ रूपए तत्काल जारी करने का आग्रह किया है, जिससे उद्योग, व्यवसाय, सेवा क्षेत्र और कृषि क्षेत्र को आर्थिक सहायता दी जा सके.

अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री ने इसके साथ ही राज्य में कोविड-19 को फैलने से रोकने के मामले में नियंत्रित स्थिति को देखते हुए राज्य को आंशिक राजस्व प्राप्ति से संबंधित आर्थिक गतिविधियों के संचालन की छूट तत्काल प्रदान करने का आग्रह किया है.

बघेल ने पत्र में लिखा है कि मिठाई दुकानों के संचालन की छूट दी जाए, जिससे दुग्ध उत्पादकों का दूध बिकना संभव हो सके.

राजस्व प्राप्ति लगभग शून्य-56 लाख परिवार के पास आय का साधन नहीं

उन्होंने लिखा है कि संपत्तियों के क्रय-विक्रय के पंजीयन की छूट सहित वाहनों के शोरूम का संचालन और पंजीयन, शहरों में निर्माण कार्यों के संचालन, ग्रीष्म ऋतु को देखते हुए एयर कंडीशनर, कूलर और फ्रिज के शोरूम के संचालन, समस्त प्रकार के मरम्मत कार्य और सभी ग्रीन जिलों में सभी प्रकार के खुदरा कार्य खोलना उचित होगा. राज्य शासन की ओर से सभी व्यक्तियों के मास्क पहनने, सामाजिक दूरी को सुनिश्चत करने के लिए हर संभव प्रयत्न किए जाएंगे.

बघेल ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि लॉकडाउन की लंबी अवधि के कारण राजस्व प्राप्ति लगभग शून्य हो गई है. वर्तमान आर्थिक परिदृश्य में राज्य को केन्द्रीय करों में से प्राप्त होने वाली राशि में भी बड़ी कमी होना निश्चित है. दूसरी ओर राज्य के 56 लाख गरीब और जरूरतमंद परिवारों, जिनकी आय का कोई साधन नहीं बचा है, के जीवनयापन के लिए राज्य सरकार को अतिरिक्त संसाधनों की आवश्यकता पड़ रही है.

मुख्यमंत्री ने पत्र में कहा है कि यदि उक्त गतिविधियों के संचालन की तत्काल अनुमति नहीं दी जाती है तब राज्य के सामान्य कामकाज का संचालन संभव नहीं हो सकेगा.

मुख्यमंत्री ने पत्र में बताया है कि राज्य में कोविड-19 के प्रकोप की स्थिति तुलनात्मक रूप से अन्य राज्यों से बेहतर है. 21 अप्रैल तक राज्य में कोविड-19 के 36 मरीज संक्रमित पाए गए थे, जिनमें से 25 व्यक्ति संक्रमण मुक्त होकर घर जा चुके हैं, शेष 11 व्यक्तियों का उपचार जारी है तथा सभी की दशा सामान्य है.

उन्होंने कहा कि राज्य में प्रतिदिन लगभग 400 व्यक्तियों की जांच की जा रही है. पिछले पांच दिन में कोई भी नया व्यक्ति कोविड-19 से संक्रमित नहीं पाया गया है. राज्य के 28 जिलों में से 23 जिलों में अभी तक एक भी व्यक्ति संक्रमित नहीं पाया गया है, जबकि चार जिलों जहां आठ संक्रमित मिले थे, वहां पिछले तीन सप्ताह से कोई प्रकरण सामने नहीं आया है तथा एकमात्र जिले के 11 सक्रिय संक्रमितों का इलाज अभी जारी है.

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