गांधीनगर/ नई दिल्ली: पहली बार विधायक बने भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के विधायक भूपेंद्र पटेल सोमवार को गुजरात के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. उन्होंने विजय रूपाणी की जगह ली जिन्होंने राज्य में विधानसभा चुनाव से 15 महीने पहले शनिवार को अचानक पद से इस्तीफा दे दिया था.
पटेल (59) को रविवार को भाजपा विधायक दल की बैठक में सर्वसम्मति से नेता चुन लिया गया और उन्होंने सोमवार दोपहर 2:20 बजे राज्य के 17वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण की. इस दौरान उनके शपथ ग्रहण समारोह में गृहमंत्री अमित शाह सहित कई केंद्रीय मंत्री और मध्यप्रदेश, गोवा, कर्नाटक, हरियाणा के मुख्यमंत्रियों ने भी हिस्सा लिया.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी भूपेंद्र पटेल को बधाई दी और ट्वीट किया, ‘मैं उन्हें वर्षों से जानता हूं और उनका अनुकरणीय कार्य देखा है, चाहे वह भाजपा संगठन में हो या नागरिक प्रशासन और सामुदायिक सेवा में.’
इस दौरान सीएम पटेल को बधाई देते हुए गुजरात के पूर्व सीएम विजय रूपाणी ने कहा, ‘आगामी विधानसभा चुनाव में भूपेंद्र पटेल के नेतृत्व में बीजेपी गुजरात में जीत हासिल करेगी. मैं पार्टी कार्यकर्ता के रूप में काम करता रहूंगा और उनके (पटेल) निर्देशों का पालन करूंगा.’
रूपाणी ने कहा, ‘मैंने उन्हें (गुजरात के सीएम भूपेंद्र पटेल) बधाई दी है. मुझे पूरा विश्वास है कि उनके नेतृत्व में पार्टी आगे बढ़ेगी, जैसे प्रदेश का विकास होगा. गुजरात सभी राज्यों के लिए रोल मॉडल बनेगा.’
Union Home Minister Amit Shah congratulates the new CM of Gujarat, Bhupendra Patel after the sworn-in ceremony.
CMs of BJP ruled states, including Haryana CM Manohar Lal Khattar, Madhya Pradesh CM Shivraj Singh Chouhan, Goa CM Pramod Sawant were also present in the ceremony. pic.twitter.com/BR0v9CxZNp
— ANI (@ANI) September 13, 2021
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भूपेंद्र पटेल का नाम आने पर हैरान रह गए थे कई लोग
पहली बार के विधायक पटेल का नाम शीर्ष पद के लिए सामने आने पर कई लोगों को हैरानी हुई क्योंकि राजनीतिक हलकों में मुख्यमंत्री के लिए जिन नामों की अटकलें चल रही थी, उनमें कहीं भी उनका नाम नहीं था.
गुजरात के राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने पटेल को मुख्यमंत्री के रूप में उन्हें शपथ दिलाई.
बता दें कि पटेल इससे पहले राज्य सरकार में मंत्री भी नहीं रहे, जिस तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 20 साल पहले गुजरात का मुख्यमंत्री बनने से पहले कभी मंत्री नहीं रहे थे. मोदी को सात अक्टूबर, 2001 मुख्यमंत्री के रूप में शपथ दिलाई गयी थी और वह राजकोट विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में जीत हासिल कर 24 फरवरी, 2002 को विधायक चुने गये थे.
पटेल को मृदुभाषी कार्यकर्ता के रूप में जाना जाता है, जिन्होंने नगरपालिका स्तर के नेता से लेकर प्रदेश की राजनीति में शीर्ष पद तक का सफर तय किया है.
पटेल 2017 के विधानसभा चुनाव में राज्य की घाटलोडिया सीट से पहली बार चुनाव लड़े थे और जीते थे. उन्होंने कांग्रेस के शशिकांत पटेल को एक लाख से अधिक वोटों से हराया था, जो उस चुनाव में जीत का सबसे बड़ा अंतर था.
सिविल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा धारी और अपने समर्थकों के बीच ‘दादा’ के नाम से पुकारे जाने वाले पटेल को गुजरात की पूर्व मुख्यमंत्री और अब उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल का करीबी माना जाता है. वह जिस विधानसभा क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करते हैं, वो गांधीनगर लोकसभा सीट का हिस्सा है, जहां से केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह सांसद हैं.
भाजपा की गुजरात इकाई के अध्यक्ष सी आर पाटिल ने कहा कि जमीनी स्तर पर पटेल का कामकाज, सहकारिता क्षेत्र पर उनकी पकड़, पार्टी कार्यकर्ताओं के साथ जुड़ाव और प्रशासनिक क्षमताएं जैसे गुणों के कारण उन्हें यह जिम्मेदारी दी गयी है.
गुजरात में पाटीदार जाति का वर्चस्व है और बड़ी संख्या में मतदाता इसी जाति के हैं.
रूपाणी भाजपा शासित राज्यों में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी के दौरान पद छोड़ने वाले चौथे मुख्यमंत्री हैं.
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भूपेंद्र पटेल ने शपथग्रहण से पहले विजय रूपाणी से की मुलाकात
भूपेंद्र पटेल ने गुजरात के मुख्यमंत्री पद के लिए शपथग्रहण करने से पहले सोमवार को विजय रूपाणी से मुलाकात की, जिन्होंने राज्य विधानसभा चुनाव से 15 महीने पहले शनिवार को शीर्ष पद से इस्तीफा दे दिया.
राज्य सरकार द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है कि पटेल ने रूपाणी के गांधीनगर स्थित उनके आधिकारिक आवास पर मुलाकात की और विभिन्न मुद्दों पर चर्चा की.
रूपाणी से मिलने से पहले, भूपेंद्र पटेल ने उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल से अहमदाबाद स्थित उनके आवास पर मुलाकात की.
एक अन्य सरकारी विज्ञप्ति में कहा गया कि जामनगर के कुछ हिस्सों में लगातार बारिश के कारण बाढ़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने के मद्देनजर, भूपेंद्र पटेल ने जिला अधिकारियों को उन तीन गांवों में फंसे लगभग 35 लोगों को हवाई मार्ग से निकालने के वास्ते आवश्यक व्यवस्था करने का निर्देश दिया, जो बाढ़ में डूब गए हैं और जिले के अन्य हिस्सों से कट गए हैं.
जामनगर जिले के आपदा प्रबंधन इकाई के अनुसार, भारतीय वायुसेना से कलावाड और जामनगर तालुका के कुछ गांवों में फंसे लोगों को हवाई मार्ग से निकालने का अनुरोध किया गया है.
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