हैदराबाद: पुजारियों के एक समूह और 800 पार्टी कार्यकर्ताओं और समर्थकों के दल- बल के साथ, तेलंगाना के मुख्यमंत्री के. चंद्रशेखर राव अपनी फिर से नामित पार्टी, भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस), के आधिकारिक लॉन्च के लिए दिल्ली में हैं. केसीआर की नई पार्टी का यह लॉन्च उनके द्वारा ‘देश का नेता’ बनने की अपनी राष्ट्रीय महत्वाकांक्षाओं को साकार करने के एक प्रयास के रूप में एक विस्तृत यागम (यज्ञ) के साथ किया जाएगा.
बीआरएस के पार्टी प्रमुख इसके केंद्रीय कार्यालय का उद्घाटन करने के लिए दिल्ली में हैं, जिसे फ़िलहाल के लिए अस्थायी आधार पर एक किराए पर ली गई की संपत्ति में बनाया गया है. हालांकि, एक स्थायी पार्टी कार्यालय का निर्माण भी शुरू हो चुका है, जो भारत के राष्ट्रपति द्वारा दिल्ली के वसंत विहार कॉलोनी में इसी आशय से आवंटित भूमि पर किया जा रहा है. सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि वसंत विहार वाले कार्यालय को पूरा होने में अभी ‘कुछ और महीने’ लगेंगे.
कम-से-कम आठ पुजारियों को खास तौर पर उस ‘नव चंडी यज्ञ’ के लिए तेलंगाना से दिल्ली भेजा गया था, जो मंगलवार से शुरू हुआ और बुधवार को कार्यालय के आधिकारिक उद्घाटन के साथ समाप्त हो जायेगा.
केसीआर के करीबी सहयोगी और जाने-माने वास्तु सलाहकार सुदला सुधाकर तेजा ने दिप्रिंट को बताया, ‘इस (यज्ञ) का महत्व यह है कि यह कुछ भी नया करने या कोई ऐसा मिशन शुरू करने से पहले किया जाता है जिसे कोई पूरा करना चाहता है. देवी के लिए किया जाने वाला यह यज्ञ मिशन में विजय और सफलता सुनिश्चित करेगा. और चूंकि वह (केसीआर) बीआरएस को एक राष्ट्रीय पार्टी के रूप में स्थापित करने और इसके सफल होने के उद्देश्य की तरफ दिल्ली में आज पहला कदम उठा रहे हैं, इसीलिए इस विशेष यज्ञ को चुना गया है.’
इस दो दिवसीय यज्ञ में भाग लेने वाले तेजा को साल 2015 में तेलंगाना के सड़क और भवन विभाग का सरकारी सलाहकार नियुक्त किया गया था. वह वास्तु संबंधी समस्याओं को दूर करने के लिए तेलंगाना सचिवालय के सरकारी राजकोष के खर्च पर हो रहे पुनर्निर्माण में सरकार के प्रमुख सलाहकार भी हैं.
उन्होंने कहा, ‘यह कोई पहली बार नहीं है कि मुख्यमंत्री इस तरह का यज्ञ कर रहे हैं. उन्होंने अतीत में भी कुछ नया शुरू करने या किसी ऐसे निर्णय जिसका बड़ा असर हो सकता था, को लागू करने से पहले ऐसा किया है. इस विशेष यज्ञ में मूल मंत्र (एक विशेष प्रकार का जाप) शामिल है.’
केसीआर ने साल 2018 के विधानसभा चुनावों, जो इस राज्य के गठन के बाद दूसरा विधानसभा चुनाव था, से ठीक पहले राजा श्यामला चंडी होमम का आयोजन किया था. उनकी पार्टी – जिसे तब टीआरएस (तेलंगाना राष्ट्र समिति) कहा जाता था – ने 119 में से 88 सीटें जीतीं, जिससे भारत के सबसे युवा राज्य के मुख्यमंत्री के रूप में केसीआर के दूसरे कार्यकाल का मार्ग प्रशस्त हुआ था.
केसीआर के करीबी माने जाने वाले पुजारी बचमपल्ली संतोष कुमार शास्त्री ने कहा, ‘राजा श्यामला यागम आमतौर पर सत्ता हासिल करने, जैसे किसी नेता के कल्याण और उसकी सत्ता को बनाए रखने के लिए, के लिए किया जाता है.’
फिर साल 2019 में, केसीआर ने अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करने से पहले हैदराबाद के बाहरी इलाके में स्थित अपने फार्महाउस में 300 से अधिक वैदिक पंडितों के दिशा निर्देश के तहत एक पांच दिवसीय ‘चंडी यज्ञ’ करवाया था.
‘शुभ मुहूर्त, खान-पान पर प्रतिबंध’
खबरों के मुताबिक, केसीआर ने शुक्रवार दोपहर एक ‘शुभ’ समय यानि कि ठीक 1.20 बजे एक ऐसे पत्र पर हस्ताक्षर किए जिसमें उनकी पार्टी का नाम ‘टीआरएस’ से ‘बीआरएस’ में बदलने के लिए भारतीय चुनाव आयोग (ईसीआई) से मिली मंजूरी को स्वीकृति दी गई थी. उसी दिन बाद में उन्होंने बीआरएस के ध्वज का भी अनावरण किया.
इस यज्ञ के बारे में चर्चा करते हुए, शास्त्री ने कहा, ‘यागम (यज्ञ) करते समय कुछ नियम होते हैं, भोजन पर प्रतिबंध होते हैं, कितने समय तक उपवास करना होता है, और व्यक्ति को फर्श पर सोना आवश्यक होता है. हमारे मुख्यमंत्री आमतौर पर हमारी इच्छाओं और मंत्रों की तीव्रता के आधार पर भोजन पर लगे प्रतिबंधों का पालन करते हैं.‘
दिल्ली में कार्यालय परिसर के अंदर एक यज्ञशाला, जो वास्तव में यज्ञों के लिए विशेष रूप से स्थापित एक अस्थायी आश्रय वाली व्यवस्था होती है, भी स्थापित की गई है.
बीआरएस कार्यालय के उद्घाटन में शामिल होने के लिए जमीनी स्तर के कार्यकर्ताओं के अलावा विधायकों, सांसदों, एमएलसी (विधान पार्षदों) और तेलंगाना सरकार द्वारा संचालित निकायों के प्रमुखों सहित 800 से अधिक पार्टी कार्यकर्ताओं के मंगलवार देर रात तक दिल्ली पहुंचने की उम्मीद थी.
पार्टी के एक अन्य नेता ने कहा, ‘उनमें से कुछ अपने खर्चे पर आए हैं, उनमें से अधिकांश विमान से आए हैं. इन 800 लोगों में से लगभग 436 (पार्टी के) प्रमुख नेता हैं.’
बीआरएस के एक शीर्ष नेता ने उनका नाम न छापे जाने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘आखिरकार मिशन वही है. भले ही यह सत्ता के लिए या सफलता के लिए किया जाने वाला यज्ञ हो, केसीआर का लक्ष्य अपनी राष्ट्रीय उपस्थिति स्थापित करना है और यही हमारा फोकस है.‘
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(अनुवाद : रामलाल खन्ना)
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