कोलकाता: पश्चिम बंगाल के मंत्री फिरहाद हकीम का मानना है कि भाजपा ने अपनी बंगाल इकाई को सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस के ऐसे नेताओं से भरकर लड़ाई को आसान बना दिया है जो कभी उनकी पार्टी का हिस्सा हुआ करते थे और खारिज किए जा चुके थे.
हकीम ने दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि उनकी पार्टी के लिए एक ‘विचारधारा पर चलने वाली भाजपा’ से लड़ना शायद मुश्किल होता, लेकिन साथ ही जोड़ा कि उसकी मौजूदा बंगाल इकाई तृणमूल कांग्रेस में ‘खारिज’ हो चुके नेताओं से भरी पड़ी है.
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के करीबी माने जाने वाले हकीम ने कहा, ‘उन्होंने हमारा काम काफी आसान कर दिया है. ये मंत्री कलकत्ता डॉक सिस्टम के नजदीक दक्षिण कोलकाता के एक निर्वाचन क्षेत्र कोलकाता पोर्ट से चुनाव लड़ रहे हैं.
हालांकि, उन्होंने यह भी कहा कि प्रचार में भाजपा ‘छाई’ हुई है, लेकिन यह सब ‘कृत्रिम तौर पर’ है.
हकीम ने कहा, ‘यह सब राजनीतिक प्रचार है, यह पीएम मोदी के राज्य के बार-बार दौरा करने से बना है. लेकिन, अच्छी बात यह है कि सामाजिक लाभ की योजनाओं के कारण लोग ममता बनर्जी के साथ हैं. हम 65 योजनाएं चलाते हैं.’
इंटरव्यू के दौरान हकीम ने मुख्यमंत्री को 10 मार्च को नंदीग्राम में लगी चोट पर भी बात थी. हालांकि, वह इसके लिए भाजपा को जिम्मेदार ठहराने से बचते नजर आए, और भाजपा की तरफ से खुद को ‘मिनी पाकिस्तान’ वाला मंत्री करार दिए जाने के बारे में भी जवाब दिया.
‘भाजपा तृणमूल के खारिज नेताओं की पार्टी’
हकीम ने दिप्रिंट से बात करते हुए कहा कि भाजपा में तो अपने टिकट बंटवारे के बाद की स्थिति संभालने की क्षमता नहीं थी और अब वह पूरे राज्य को संभालने का सपना देख रही है.
हकीम ने कहा, ‘मुगलों को कुछ देकर लोगों को मुस्लिम बनाना पड़ता था, वैसे ही मोदी को यहां के लोगों को कुछ देकर भाजपा में लाने की जरूरत पड़ रही है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘बंगाल में विभिन्न राजनीतिक दलों के नेताओं को भाजपा में शामिल होने के लिए या तो केंद्रीय एजेंसियों की तरफ से डराया या धमकाया जा रहा है या फिर उन्हें भारी-भरकम धन देकर या कोई अनुबंध दिलाकर पार्टी के साथ लाया जा रहा है. भाजपा में शामिल होने के लिए अचानक कोई होड़ नहीं लग गई है और वैचारिक तौर पर नेताओं के इससे जुड़ने की बात भी सामने नहीं आ रही है. उन सभी को कुछ न लालच दिया जा रहा है.’
उन्होंने नेताओं के तृणमूल छोड़ने की बात से भी इनकार किया और कहा कि जो लोग गए हैं उन्हें पहले ही ‘खारिज’ किया जा चुका था.
उन्होंने कहा, ‘हमारे लिए एक विचारधारा पर चलने वाले भाजपा-आरएसएस गठजोड़ से लड़ना मुश्किल हो सकता था. लेकिन भाजपा की बंगाल इकाई का मौजूदा स्वरूप तृणमूल कांग्रेस के खारिज नेताओं से भरा पड़ा है, उन्होंने हमारे लिए लड़ाई को आसान बना दिया है. जिन नेताओं या कार्यकर्ताओं को किसी पार्टी में जगह नहीं मिली, उन्हें भाजपा में शामिल किया गया है.’
उन्होंने दावा किया, ‘भाजपा का कैडर बहुत अनुशासनहीन है. लोग उन पर कैसे भरोसा करेंगे? भाजपा में कोई विचारधारा नहीं बची है और यह हमारे लिए ही फायदेमंद है.’
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दीदी की चोट
पश्चिम बंगाल के मंत्री ने नंदीग्राम में ममता बनर्जी के साथ हुई घटना को पूर्वनियोजित बताने और उन पर नाटक करने का आरोप लगाने के लिए भी भाजपा पर निशाना साधा.
हकीम ने कहा, ‘उन्हें वास्तव में चोट लगी है. भाजपा बच्चों की तरह उनकी तस्वीरों को फोटोशॉप करके उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रही है. भाजपा की तरफ से सोशल मीडिया का हद से ज्यादा इस्तेमाल करने के कारण लोगों ने अब इसे अनदेखा करना शुरू कर दिया है. लोग अब उन पर भरोसा नहीं करते हैं.’
हालांकि, उन्होंने स्वीकार किया कि इस बात का कोई सबूत नहीं है कि मुख्यमंत्री पर हमला किया गया था.
उन्होंने कहा, ‘व्यक्तिगत तौर पर मैं कह सकता हूं कि अब भी हमले का कोई सबूत नहीं है. लेकिन यह यहां जुटी भारी भीड़ की धक्का-मुक्की के कारण हुआ था. भीड़ की वजह से कार का एक दरवाजा भी टूट गया था. इस सबमें पुलिस की भी भूमिका रही है. उन्होंने दीदी की कार के पास इतने लोगों को आने क्यों दिया? यह एक बड़ी सुरक्षा खामी है. उसमें आतंकवादी भी हो सकते थे.’
उन्होंने कहा, ‘मैं यह दावा नहीं करता कि यह हमला भाजपा ने कराया था. सीआईडी ने मामला अपने हाथ में ले लिया है और वो इसकी जांच करेगी.’
‘मिनी-पाकिस्तान’ मंत्री
हकीम ने ‘मिनी-पाकिस्तान मंत्री’ के टैग वाले विवाद पर चर्चा की जिसने 2016 के विधानसभा चुनावों के बाद से उनकी छवि खराब कर रखी है.
उन चुनावों से पहले पाकिस्तानी अखबार डान ने हकीम के हवाले से लिखा कि उनका निर्वाचन क्षेत्र एक ‘मिनी पाकिस्तान’ है. हकीम के इस बयान पर विवाद के बाद उन्होंने इसे सांप्रदायिक साजिश करार देते हुए खारिज कर दिया था.
लेकिन हाल में कभी ममता के सहयोगी रहे भाजपा नेता सुवेन्दु अधिकारी ने हकीम को ‘मिनी पाकिस्तान’ मंत्री बताते हुए इस मुद्दे को फिर हवा दे दी थी कि तृणमूल सरकार एक विशेष समुदाय को खुश करने में लगी है.
हकीम हमेशा इस पर कोई बयान देने से इनकार करते रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘मैं भी मोदी और शाह की तरह ही भारतीय हूं. इन भाजपा नेताओं द्वारा हर मुसलमान को पाकिस्तान से जोड़ा जाता है. शायद अल्पसंख्यकों के साथ व्यवहार करने का उनका यही तरीका है.’
उन्होंने आगे कहा, ‘सुवेंदु को अच्छी तरह पता है कि यह दुष्प्रचार था. यह 2016 के विधानसभा चुनाव से पहले की बात है. क्या कोई मुझे फुटेज दिखा सकता है जिसमें मैं अपने शहर के एक हिस्से को मिनी पाकिस्तान कह रहा हूं? क्या किसी भारतीय अखबार ने यह बात प्रकाशित की थी?’
उन्होंने कहा, ‘एक पाकिस्तानी अखबार ने ऐसा छापा था. मैं पाकिस्तानी अखबार नहीं पढ़ता लेकिन भाजपा के नेता पढ़ते हैं. चूंकि यह एक पाकिस्तानी अखबार में लिखा गया था, इसलिए मैं कानूनी कार्रवाई नहीं कर सकता था.’
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