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Wednesday, 23 July, 2025
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‘बाप, बच्चा, फर्जी सीएम’ — बिहार विधानसभा में SIR को लेकर नीतीश-तेजस्वी ने लगाया आरोप-प्रत्यारोप

जब स्पीकर ने तेजस्वी को अपनी बात संक्षेप में रखने को कहा, तो आरजेडी विधायक भाई विरेंद्र नाराज़ हो गए. उन्होंने कहा, "ये सदन किसी के बाप का नहीं है," जिसके बाद उनसे माफ़ी की मांग की गई.

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नई दिल्ली: बुधवार को विपक्ष ने बिहार में चल रहे स्पेशल इंटेंसिव रिवीजन (SIR) को लेकर सरकार पर दबाव बढ़ा दिया और संसद से लेकर चुनावी राज्य की विधानसभा तक प्रदर्शन किया.

संसद और बिहार विधानसभा में विपक्षी सदस्य काले कपड़ों में कार्यवाही में शामिल हुए, वहीं बिहार विधानसभा में सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच तीखी बहस देखने को मिली. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने आरजेडी के युवा नेता तेजस्वी यादव को “बच्चा” कहकर खारिज कर दिया.

विधानसभा के मौजूदा मानसून सत्र के तीसरे दिन की तीखी नोकझोंक तब शुरू हुई जब स्पीकर नंद किशोर यादव ने तेजस्वी को SIR मुद्दे पर बोलने की अनुमति दी. उनके बोलते ही बीजेपी नेता, जिनमें उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा भी शामिल थे, ने उन पर सदन और जनता को गुमराह करने का आरोप लगाया.

तेजस्वी ने हंगामे के बीच अपनी बात रखी और SIR मुद्दे पर नीतीश सरकार और चुनाव आयोग को घेरने की कोशिश की। उन्होंने कहा, “संविधान ने सबको बराबर अधिकार दिए हैं. हम SIR का विरोध नहीं कर रहे, हम इसमें पारदर्शिता की कमी पर सवाल उठा रहे हैं. चुनाव आयोग पारदर्शी तरीके से काम नहीं कर रहा. इस मुद्दे पर उसने कोई प्रेस कॉन्फ्रेंस तक नहीं की.”

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग इससे पहले भी SIR करवा चुका है, यहां तक कि अटल बिहारी वाजपेयी सरकार के दौरान भी.

उन्होंने कहा, “चुनाव आयोग कह रहा है कि अवैध प्रवासी आए हैं. वे छह महीने में यह प्रक्रिया करना चाहते हैं. चुनाव आयोग कह रहा है कि बिहार की मतदाता सूची में फर्जी वोटर हैं. क्या नीतीशजी फर्जी वोटों से मुख्यमंत्री बने, क्या नीतीश फर्जी मुख्यमंत्री हैं? क्या मैं फर्जी विधायक हूं? मोदी इसी वोटर लिस्ट से जीते. अगर उन्हें यह प्रक्रिया करनी ही थी तो लोकसभा चुनाव के बाद करते.”

उन्होंने कहा, “नागरिकता तय करने वाला चुनाव आयोग कौन होता है? यह गृह मंत्रालय का काम है, न कि चुनाव आयोग का.”

तेजस्वी ने इसके बाद उपमुख्यमंत्री विजय सिन्हा और सम्राट चौधरी पर निशाना साधा और पूछा कि क्या वे बांग्लादेशी और नेपाली अवैध वोटरों के वोट से डिप्टी सीएम बने हैं?

सिन्हा ने गुस्से में प्रतिक्रिया दी और तेजस्वी पर लोगों को गुमराह करने का आरोप लगाया. “वो चुनाव आयोग पर हमला करके सिर्फ जनता को बेवकूफ बना रहे हैं.”

तेजस्वी ने सिन्हा पर पलटवार किया और उन्हें “हल्का आदमी” कह दिया.

आरजेडी नेता ने फिर चुनाव आयोग पर हमला जारी रखा. “चुनाव आयोग ने 11 दस्तावेजों में आधार कार्ड को शामिल नहीं किया है (जो SIR के दौरान जमा करने को कहा गया है). तो फिर राशन कार्ड या मनरेगा कार्ड को इस सूची में क्यों नहीं डाला गया?”

“सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बावजूद चुनाव आयोग ने इन्हें शामिल नहीं किया. बिहार में दस्तावेजों की पहुंच सबसे कम है, केवल दो प्रतिशत लोगों के पास वो 11 दस्तावेज हैं जो चुनाव आयोग मांग रहा है. श्रम मंत्रालय के अनुसार बिहार से चार करोड़ लोग बाहर जा चुके हैं. डर है कि इन्हें वोटर लिस्ट से हटा दिया जाएगा. गरीबों के पास ये दस्तावेज कहां से आएंगे?”

तेजस्वी के बोलने के बाद मुख्यमंत्री नीतीश कुमार खड़े हुए.

नीतीश की तीखी प्रतिक्रिया

“तुम एक बच्चे हो,” उन्होंने तेजस्वी से कहा. “तुम्हारे पिता (लालू प्रसाद) सात साल तक मंत्री रहे. तुम्हारे पिता मुख्यमंत्री थे, तुम्हारी मां भी मुख्यमंत्री थीं. तुम्हें उनका इतिहास और उनके काम नहीं पता. उन्होंने क्या किया है. उनके राज में कोई अपने घर से बाहर नहीं निकलता था, डर के मारे.”

इसके बाद नीतीश ने आरजेडी पर हमला बोला. “जब भी आपकी तरफ से कोई काम आता है, हम करते हैं. पहले महिलाओं की क्या स्थिति थी? हमने महिलाओं की भलाई के लिए बहुत काम किया है. हमने पंचायतों में 50 प्रतिशत आरक्षण लागू किया. पहले बजट का आकार क्या था? अब यह 3 लाख करोड़ रुपये है और केंद्र बिहार की समस्याओं को हल करने में मदद कर रहा है.”

फिर तेजस्वी उठे और मुख्यमंत्री को जवाब देने लगे. स्पीकर नंद किशोर यादव ने उनसे अपना भाषण छोटा रखने को कहा, जिससे आरजेडी विधायक भाई वीरेंद्र भड़क गए और बोले, “यह सदन किसी के बाप का नहीं है.”

जब स्पीकर ने उन्हें इस बयान के लिए माफी मांगने को कहा, तो उन्होंने इनकार कर दिया. हंगामे के बीच तेजस्वी ने कहा कि अगर बयान से किसी को ठेस पहुंची हो तो वह माफी मांगते हैं.

उपमुख्यमंत्री (सम्भवतः विजय कुमार सिन्हा) ने टिप्पणी की, “इन लोगों ने हजारों लोगों का कत्लेआम किया है. ये आरजेडी के गुंडे हैं.” इससे आरजेडी विधायकों ने नारेबाजी और विरोध प्रदर्शन किया, जिसके चलते सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गई.

इससे पहले, स्पीकर ने उपमुख्यमंत्री सिन्हा को भी फटकार लगाई जब उन्होंने भाई वीरेंद्र के बयान का विरोध करते हुए खड़े होने की कोशिश की.

स्पीकर ने सिन्हा से कहा, “आप डिप्टी सीएम हैं, फिर भी हंगामा करना चाहते हैं. सदन मैं चलाऊंगा, आप नहीं.”

सदन के बाहर, आरजेडी विधायक ने भाई वीरेंद्र के बयान का बचाव किया.

दिल्ली में, भाजपा की सहयोगी जनता दल (यूनाइटेड) के लोकसभा सांसद गिरीधारी यादव ने कम समय में एसआईआर (संक्षिप्त पहचान समीक्षा) आयोजित करने के लिए चुनाव आयोग पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग की यह कवायद एक “तुगलकी फरमान” की तरह है.

बांका से सांसद ने दिल्ली में पत्रकारों से कहा, “चुनाव आयोग को कोई व्यावहारिक जानकारी नहीं है. न उसे बिहार का इतिहास पता है, न भूगोल. उसे कुछ नहीं पता.  अभी बुआई का समय है… मुझे सभी दस्तावेज जुटाने में 10 दिन लग गए. मेरा बेटा अमेरिका में रहता है. वह सिर्फ एक महीने में कैसे दस्तखत करेगा?”

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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