आम चुनावों से कुछ महीने पहले अयोध्या विवाद पर फिर से राजनीति शुरू हो गई है. राम जन्मभूमि न्याय के अध्यक्ष वेदांती ने ऐलान कर दिया है कि दिसंबर में मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा.
नई दिल्ली: 2019 के आम चुनावों से कुछ महीने महीने पहले अयोध्या विवाद एक बार फिर तूल पकड़ता दिख रहा है. अयोध्या में राम मंदिर को लेकर लगातार बयानबाजी चल रही है.
शनिवार को राम मंदिर के मसले पर बोलते हुए रामदेव ने कहा, ‘यदि न्यायालय के निर्णय में देर हुई तो संसद में जरूर इसका बिल आएगा, आना ही चाहिए. रामजन्मभूमि पर राम मंदिर नहीं बनेगा तो किसका बनेगा? संतों/राम भक्तों ने संकल्प किया अब राम मंदिर में और देर नहीं. मुझे लगता है कि इस वर्ष शुभ समाचार देश को मिलेगा.’
Yadi nyaylay ke nirnay mein der hui to sansad mein zarur iska bill aega,aana hi chahiye.Ram Janmabhoomi pe Ram mandir nahi banega to kiska banega?Santon/Ram bhakton ne sankalp kiya ab Ram mandir mein aur der nahi,mujhe lagta hai isi varsh shubh samachar desh ko milega:Baba Ramdev pic.twitter.com/jrMLRVT7ZO
— ANI (@ANI) November 3, 2018
इसी तरह राम जन्मभूमि न्यास के अध्यक्ष अध्यक्ष राम विलास वेदांती ने ऐलान किया है कि अयोध्या में दिसंबर में राम मंदिर का निर्माण शुरू हो जाएगा. वेदांती ने कहा,’ आपसी सहमति से अयोध्या में दिसंबर से मंदिर निर्माण शुरू हो जाएगा. मस्जिद लखनऊ में बनाई जाएगी.’
Construction of Ram Temple will begin in December. Without an ordinance and on the basis of mutual agreement, Ram temple will be constructed in Ayodhya and a masjid will be constructed in Lucknow: Ram Vilas Vedanti, President of Ram Janambhoomi Nyas pic.twitter.com/nasrd2HWX6
— ANI UP (@ANINewsUP) November 3, 2018
वहीं, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्या ने शनिवार को ही बयान दिया कि राम मंदिर का मामला सुप्रीम कोर्ट में है. हम इस पर कुछ नहीं कर सकते. लेकिन भगवान राम की भव्य प्रतिमा बनाने से हमें कोई नहीं रोक सकता. अगर किसी ने रोकने की कोशिश की तो हम उसे देखेंगे. मौर्या ने कहा कि हमें अयोध्या का विकास करने से कोई नहीं रोक सकता.
Ram temple matter is sub-judice before SC, we can't do anything about it, but no one is stopping us from erecting a grand statue of 'Ram Lalla' in Ayodhya. If someone stops us we'll see…No one can stop us from developing Ayodhya: UP Dy CM KP Maurya on lord Ram statue in Ayodhya pic.twitter.com/BhgcMhgV9D
— ANI UP (@ANINewsUP) November 3, 2018
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश जस्ती चेलमेश्वर ने शुक्रवार को कहा कि उच्चतम न्यायालय में मामला लंबित होने के बावजूद सरकार राम मंदिर निर्माण के लिए कानून बना सकती है. उन्होंने कहा कि विधायी प्रक्रिया द्वारा अदालती फैसलों में अवरोध पैदा करने के उदाहरण पहले भी रहे हैं.
उन्होंने कहा, ‘यह एक पहलू है कि कानूनी तौर पर यह हो सकता है (या नहीं). दूसरा यह है कि यह होगा (या नहीं). मुझे कुछ ऐसे मामले पता हैं जो पहले हो चुके हैं, जिनमें विधायी प्रक्रिया ने उच्चतम न्यायालय के निर्णयों में अवरोध पैदा किया था.’
गौरतलब है कि इससे पहले संघ विचारक और राज्यसभा सांसद राकेश सिन्हा अयोध्या में मंदिर निर्माण के लिए प्राइवेट मेंबर बिल लाने की बात कह चुके हैं. वहीं आरएसएस ने जरूरत पड़ने पर 1992 जैसा आंदोलन भी करने की बात कही है.