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Tuesday, 5 November, 2024
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आतिशी का आरोप – ‘बंद होगी दिल्ली बिजली सब्सिडी, LG ने नहीं दी मंजूरी’, सक्सेना के ऑफिस ने बताया ‘नाटक’

आतिशी ने कहा कि जिन लोगों को पहली 200 यूनिट मुफ्त बिजली और अगली 200 यूनिट पर 50 प्रतिशत छूट मिलती थी वे इससे प्रभावित होंगे.

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नई दिल्ली: दिल्ली की आम आदमी पार्टी (आप) सरकार और लेफ्टिनेंट जनरल के कार्यालय के बीच अब खींचतान नागरिकों को सब्सिडी वाली बिजली देने को शुरू हो गई है.

दिल्ली की ऊर्जा मंत्री आतिशी मार्लेना ने शुक्रवार को घोषणा की कि लोगों को कम दरों पर बिजली देने की सरकार की पहल तत्काल प्रभाव से बंद हो जाएगी क्योंकि एलजी विनय कुमार सक्सेना संबंधित फाइल को मंजूरी नहीं दी है.

मीडिया से बात करते हुए, आतिशी ने कहा कि निवासियों को शनिवार से सामान्य बिल मिलना शुरू हो जाएगा क्योंकि सरकार तब तक सब्सिडी वाली बिजली के लिए पैसा जारी नहीं कर सकती जब तक कि यह फाइल एलजी के कार्यालय से वापस नहीं आती है.

उन्होंने कहा कि फाइल में बिजली सब्सिडी को अगले साल तक बढ़ाने के आप कैबिनेट के हाल के फैसले के लिए मंजूरी मांगी गई है जिसे एलजी ने अभी तक नहीं दी है.

आतिशी ने यह भी आरोप लगाया कि उन्होंने एलजी वीके सक्सेना से मिलने का समय मांगा था, लेकिन अभी भी जवाब का इंतजार है. उन्होंने कहा, मैंने बिजली सब्सिडी के मुद्दे पर चर्चा करने के लिए दिल्ली एलजी वीके सक्सेना से पांच मिनट मांगे थे लेकिन उनकी ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिली.’

आतिशी ने कहा कि जिन लोगों को पहली 200 यूनिट मुफ्त बिजली और अगली 200 यूनिट पर 50 प्रतिशत छूट मिलती थी वे इससे प्रभावित होंगे.

एलजी हाउस ने बताया ‘नाटक’

हालांकि, दिल्ली एलजी हाउस ने अतिशी के आरोपों से इनकार किया है. एक अधिकारिक बयान में ऊर्जा मंत्री को सलाह दी गई है कि वो एलजी के खिलाफ अनावश्यक राजनीति और निराधार- झूठे आरोप लगाने से बचें.

एलजी हाउस ने कहा, ‘बिजली मंत्री को सलाह दी जाती है कि एलजी के खिलाफ अनावश्यक राजनीति और निराधार झूठे आरोपों से बचें. उन्हें झूठे बयानों से लोगों को गुमराह करना बंद करना चाहिए.’

एलजी हाउसके अधिकारियों ने आतिशी के आरोपों को ‘नाटक’ बताते हुए कहा कि इस योजना के लिए सक्सेना ने गुरुवार को ही मंजूरी दे दी थी और फाइल शुक्रवार को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को भेज दी गई थी.

बयान में कहा गया, ‘उन्हें और मुख्यमंत्री को दिल्ली की जनता को जवाब देना चाहिए कि इस संबंध में फैसला 4 अप्रैल तक लंबित क्यों रखा गया जबकि समय सीमा 15 अप्रैल थी? एलजी को 11 अप्रैल को ही फाइल क्यों भेजी गई? 13 अप्रैल को चिट्ठी लिखकर और आज प्रेस कांफ्रेंस कर नाटक करने की क्या जरूरत है?’

आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार देश की राजधानी में 48 लाख से अधिक ने घरेलू उपभोक्ताओं ने सब्सिडी का विकल्प चुना है. 2019 में अरविंद केजरीवाल सरकार द्वारा मुफ्त बिजली योजना की शुरुआत की गई थी.


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