लखनऊ: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव पर जमकर निशाना साधा. वह अखिलेश के लोकसभा क्षेत्र में एक स्टेट यूनिवर्सिटी के शिलान्यास समारोह के मौके पर एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.
अमित शाह ने मुख्य रूप से मुस्लिम लीग नेता मुहम्मद अली जिन्ना पर 31 अक्टूबर को दिए एक बयान को लेकर अखिलेश यादव पर निशाना साधा जिसमें उन्होंने भारत की आजादी में योगदान का जिक्र करते हुए भारतीय स्वतंत्रता सेनानियों की तुलना ‘पाकिस्तान के जनक’ के साथ की थी.
अमित ने कहा, ‘जैसे-जैसे चुनाव नज़दीक आता जा रहा है अखिलेश यादव को मुहम्मद अली जिन्ना में महानता नज़र आने लगी है. अल्पसंख्यक समुदाय के यहां बहुत से लोग हैं. क्या यहां कोई है जिसे जिन्ना में महानता नजर आती हो?’
उन्होंने कहा कि बीजेपी सरकार ‘जाम लेकर आई जिसमें जे का मतलब जनधन खाते, ए का मतलब आधार और एम यानी मोबाइल फोन है.’ उन्होंने आगे कहा, ‘अब, एसपी भी एक जाम लाई है जिसमें जे यानी जिन्ना, ए यानी आजम खान और एम का मतलब मुख्तार (अंसारी) है. अब आप ही मुझे बताएं क्या आप हमारा ‘जाम’ चाहते हैं या समाजवादी पार्टी का?’
आजम खान एसपी के एक वरिष्ठ और विवादास्पद नेता हैं जिन्होंने कई बार आजमगढ़ विधानसभा सीट का प्रतिनिधित्व किया है और कथित तौर पर मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में इस समय जेल में हैं. वहीं, अंसारी पांच बार के विधायक हैं जो अभी जेल में बंद हैं और कथित तौर पर हत्या और अपहरण सहित 50 से अधिक मामलों का सामना कर रहे हैं. बहुजन समाज पार्टी में लौटने से पहले उन्होंने 2016 में अपनी पार्टी का एसपी में विलय कर दिया था.
गृह मंत्री ने पूर्वांचल को ‘मच्छर और माफिया से मुक्त’ कराने को लेकर राज्य की योगी आदित्यनाथ सरकार की सराहना भी की जिसका आशय डेंगू और आपराधिक तत्वों के खिलाफ उपयुक्त ‘कार्रवाई’ किए जाने से था.
उन्होंने क्षेत्र में हर साल इंसेफेलाइटिस का प्रकोप फैलने का जिक्र करते हुए कहा, ‘पूर्वी यूपी में गोरखपुर के आसपास के जिले स्वच्छता के प्रति पिछली सरकारों की उदासीनता के कारण घातक जापानी इंसेफेलाइटिस से प्रभावित होते रहते थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सभी योजनाओं और कार्यक्रमों पर बेहतर ढंग से अमल करते हुए योगी ने दोनों ही समस्याओं को खत्म कर दिया है.’
इसके बाद उन्होंने मतदाताओं से आजमगढ़ के सभी पांच विधानसभा क्षेत्रों से बीजेपी को जिताने की अपील की. उन्होंने कहा, ‘मैंने पहले भी कहा है कि हमें आजमगढ़ में पर्याप्त विधानसभा सीटें नहीं मिलीं लेकिन अब बहुत हो गया. मैं आपसे यहां की सभी विधानसभा सीटों पर बीजेपी को जिताने को कह रहा हूं ताकि योगी आदित्यनाथ को फिर से मुख्यमंत्री बनाया जा सके.’
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योगी ने की आजमगढ़ का नाम बदलने की वकालत
वहीं योगी आदित्यनाथ ने अपने संबोधन में ‘आजमगढ़ का नाम बदलकर आर्यमगढ़ करने की मांग’ का जिक्र किया. उन्होंने कहा, ‘नई स्टेट यूनिवर्सिटी यह सुनिश्चित करेगी कि आजमगढ़ निश्चित तौर पर आर्यमगढ़ बने.’
उन्होंने कहा, ‘आजमगढ़ ने भले ही दो पूर्व मुख्यमंत्री दिए हों या उन्हें लोकसभा भेजा हो लेकिन उनकी वजह से आजमगढ़ की पहचान हमेशा धूमिल ही हुई है. 2014 से पहले आजमगढ़ के किसी व्यक्ति को देश में कहीं भी होटल का कमरा मिलने तक में समस्या होती थी… पहचान का संकट इस कदर था.’
नई स्टेट यूनिवर्सिटी का नाम महाराजा सुहेलदेव के नाम पर होगा, जिन्होंने 11वीं शताब्दी में महमूद गजनी के भतीजे गाजी सैयद सालार मसूद की आक्रमणकारी सेना को परास्त किया था.
बता दें कि यूपी में अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं.
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