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Wednesday, 20 November, 2024
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‘विनम्रता से मांगिए’ — UP में कांग्रेस की सहयोगी सपा ने विधानसभा उपचुनाव के लिए छह उम्मीदवार उतारे

यूपी कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि 10 में से 5 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की उम्मीद थी. सपा के अंदरूनी सूत्रों का कहना है कि अगर कांग्रेस ‘विनम्रता से मांगे’ तो पार्टी 1 या 2 सीटें देने को तैयार है.

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नई दिल्ली: हरियाणा में कांग्रेस के बहुमत हासिल करने में विफल रहने और जम्मू-कश्मीर में नेशनल कॉन्फ्रेंस के साथ गठबंधन में कमजोर कड़ी के रूप में उभरने के 24 घंटे से भी कम समय में — उत्तर प्रदेश में सहयोगी समाजवादी पार्टी (सपा) ने बुधवार को उन 10 विधानसभा सीटों में से छह के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की, जहां उपचुनाव होने हैं जिसने कांग्रेस नेताओं को हैरत में डाल दिया.

दिप्रिंट से बात करने वाले कांग्रेस नेताओं ने कहा कि अखिलेश यादव के नेतृत्व वाली पार्टी ने सीट बंटवारे पर बातचीत जारी रहने के बावजूद अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी.

कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय राय ने कहा, “अभी तक कुछ भी अंतिम रूप नहीं लिया गया है. हमारी सीटों को लेकर बातचीत अभी भी चल रही है. हमें पांच सीटों की उम्मीद थी, लेकिन अब उन्होंने छह सीटों की घोषणा कर दी है, हम बाकी चार सीटें जीतने की कोशिश करेंगे.”

हालांकि, उन्होंने यह भी कहा, “अभी तक केवल यही पक्का है कि हम उपचुनाव एक साथ लड़ेंगे. सीटों का बंटवारा जल्द ही तय हो जाएगा.”

कानपुर में समाचार एजेंसी एएनआई से बात करते हुए उत्तर प्रदेश के प्रभारी कांग्रेस महासचिव अविनाश पाण्डेय ने भी बुधवार को स्वीकार किया कि सहयोगी समाजवादी पार्टी की घोषणा से पार्टी हैरान है.

उन्होंने कहा, “सूची जारी करने से पहले हमें कोई जानकारी नहीं दी गई. अभी तक गठबंधन की समन्वय समिति से कोई चर्चा नहीं हुई है…जहां तक ​​सीटों की घोषणा और चुनाव लड़ने का सवाल है, गठबंधन की समन्वय समिति जो भी फैसला लेगी, उसे उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी स्वीकार करेगी. गठबंधन की संभावनाएं हमेशा अंत तक बनी रहती हैं, इससे इनकार नहीं किया जा सकता.”

दूसरी ओर, समाजवादी पार्टी ने कहा कि 10 में से पांच सीटों पर कांग्रेस का दावा निराधार है. सपा के प्रवक्ता आशुतोष वर्मा ने एक्स पर एक पोस्ट में पिछले विधानसभा चुनावों के आंकड़े साझा करते हुए इस बात पर जोर दिया कि पार्टी उन सभी 10 सीटों पर या तो जीती है या दूसरे स्थान पर रही है, जहां उपचुनाव होने हैं.

वर्मा ने दिप्रिंट से कहा, “सीटों के लिए सौदेबाजी करने से पहले कांग्रेस को अपनी ज़मीनी हकीकत समझ लेनी चाहिए. मुझे लगता है कि उन्हें सपा का बिना शर्त समर्थन करना चाहिए.”

निर्वाचन आयोग ने अभी उपचुनावों की तारीखों की घोषणा नहीं की है.

इस बीच, समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव के करीबी सूत्रों ने कहा कि पार्टी कांग्रेस को एक या दो सीटें देने को तैयार है, लेकिन तभी जब वह “विनम्रतापूर्वक इसके लिए अनुरोध करें”. पार्टी जिन सीटों को छोड़ने को तैयार है, उनमें गाजियाबाद की सीट भी शामिल है, जहां कांग्रेस उम्मीदवार लोकसभा चुनाव में दूसरे स्थान पर रहा था.

लेकिन यह कोई रहस्य नहीं है कि समाजवादी पार्टी द्वारा छह उम्मीदवारों की एकतरफा घोषणा ने कांग्रेस को मुश्किल में डाल दिया है. कुछ राजनीतिक पर्यवेक्षक इसे हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में अपने खराब प्रदर्शन के बाद कांग्रेस की सौदेबाजी की शक्ति खोने का संकेत मानते हैं.

असल में समाजवादी पार्टी ने हरियाणा में दो सीटें मांगी थीं, लेकिन कांग्रेस ने अनुरोध पर कोई कार्रवाई नहीं की.

उत्तर प्रदेश में 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होने हैं: कटेहारी (आंबेडकर नगर), करहल (मैनपुरी), मिल्कीपुर (फैज़ाबाद), मीरापुर (मुजफ्फरनगर), गाजियाबाद, मझवां (मिर्ज़ापुर), शीशमऊ (कानपुर शहर), खैर (अलीगढ़), फूलपुर (प्रयागराज) और कुंदरकी (मुरादाबाद).

इनमें से नौ सीटें 2024 के लोकसभा चुनावों में मौजूदा विधायकों के सांसद चुने जाने के बाद खाली हो गई थीं, जबकि शीशमऊ सीट पर उपचुनाव सपा विधायक इरफान सोलंकी की अयोग्यता के कारण ज़रूरी हो गया था, जिन्हें इस साल जून में एक आपराधिक मामले में दोषी ठहराया गया था.

2022 के विधानसभा चुनाव में इन 10 सीटों में से चार (फूलपुर, गाजियाबाद, खैर और मनहवां) पर भाजपा ने जीत दर्ज की, जबकि मीरापुर सीट राष्ट्रीय लोक दल (आरएलडी) ने और बाकी पांच सीटें (शीशामऊ, कटेहरी, करहल, मिल्कीपुर और कुंदरकी) समाजवादी पार्टी ने जीतीं.

बुधवार को घोषित छह उम्मीदवारों में अखिलेश के चचेरे भाई तेज प्रताप यादव (करहल), इरफान सोलंकी की पत्नी नसीम (शीशामऊ) और फैज़ाबाद के सांसद अवधेश प्रसाद के बेटे अजीत (मिल्कीपुर) शामिल हैं. पार्टी ने फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, कटेहरी से शोभावती वर्मा और मंझवा से डॉ. ज्योति बिंद को मैदान में उतारा है.

(इस रिपोर्ट को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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