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Thursday, 19 December, 2024
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अरविंद केजरीवाल ने LG वीके सक्सेना के सुझाव को नकारा, कहा- सिंगापुर दौरे पर ‘आगे बढ़ेंगे’

एलजी को लिखे अपने पत्र में केजरीवाल ने कहा कि वर्ल्ड सिटीज समिट सिर्फ मेयर का सम्मेलन नहीं है. यह महापौरों, शहर के नेताओं, ज्ञान विशेषज्ञों आदि का सम्मेलन है.

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नई दिल्ली: सिंगापुर यात्रा को लेकर दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना और अरविंद केजरीवाल के बीच टकराव बढ़ गया है. विश्व शहरों के शिखर सम्मेलन में भाग लेने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा को अनुमति से इनकार के बाद, आम आदमी पार्टी (आप) के संयोजक ने कहा कि वह पूर्व की सलाह से अलग हैं और यात्रा को लेकर आगे बढ़ेंगे.

अरविंद केजरीवाल ने न केवल एलजी बात को नकारा है बल्कि पीएम नरेंद्र मोदी की विदेश यात्राओं पर भी सवाल खड़ा किया है.

24 जून को एक प्रेस वार्ता में केजरीवाल ने कहा था कि सक्सेना फाइल पर बैठे हैं.

दिल्ली सरकार के वरिष्ठ अधिकारियों ने कहा कि प्रोटोकॉल के अनुसार, फ़ाइल को विदेश मंत्रालय द्वारा मंजूरी दी जानी चाहिए, लेकिन यह उपराज्यपाल द्वारा अनुमोदित होने के बाद ही केंद्रीय मंत्रालय तक पहुंचती है.

एलजी को लिखे अपने पत्र में केजरीवाल ने कहा कि वर्ल्ड सिटीज समिट सिर्फ मेयर का सम्मेलन नहीं है. यह महापौरों, शहर के नेताओं, ज्ञान विशेषज्ञों आदि का सम्मेलन है और सिंगापुर सरकार ने दिल्ली के मुख्यमंत्री को आमंत्रित करने के लिए चुना है. उन्होंने कहा कि यह बड़े गर्व की बात है कि दिल्ली के शासन मॉडल खासकर शिक्षा, स्वास्थ्य और बिजली के क्षेत्र में किए गए कार्यों की चर्चा पूरी दुनिया में हो रही है और इसे मान्यता भी मिल रही है.

मुख्यमंत्री ने कहा, ‘सिंगापुर सरकार ने मुझे पूरी दुनिया के शहर के नेताओं के सामने दिल्ली मॉडल पेश करने के लिए आमंत्रित किया है. यह हर देशभक्त भारतीय के लिए बहुत गर्व की बात है. हम सभी को इसका उत्सव मनाना चाहिए और इस यात्रा को सुविधाजनक बनाने के लिए अपनी पूरी कोशिश करनी चाहिए.’

केजरीवाल ने कहा कि संविधान की तीन सूचियों में वर्णित विषयों में मानव जीवन को विभाजित नहीं किया गया है. दिल्ली के मुख्यमंत्री ने कहा कि अगर हमारे देश में प्रत्येक संवैधानिक प्राधिकरण का दौरा इस आधार पर तय किया जाता है कि उस प्राधिकरण के अधिकार क्षेत्र में कौन से विषय आते हैं, तो यह एक अजीब स्थिति और एक व्यावहारिक गतिरोध पैदा करेगा.

केजरीवाल ने कहा, ‘तब प्रधानमंत्री कहीं नहीं जा सकेंगे क्योंकि अपने अधिकांश दौरों में वह उन विषयों पर भी चर्चा करते हैं जो राज्य सूची में आते हैं और उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते हैं. तब कोई भी मुख्यमंत्री दुनिया में कभी भी कहीं भी दौरा नहीं कर पाएगा. इसलिए. मैं विनम्रतापूर्वक एलजी की सलाह से भिन्नता रखता हूं. हम यात्रा के साथ आगे बढ़ेंगे. कृपया केंद्र सरकार से राजनीतिक मंजूरी के लिए आवेदन करें.’

केजरीवाल की सिंगापुर में वैश्विक सम्मेलन में भाग लेने के लिए आप के नेतृत्व वाली दिल्ली सरकार और केंद्र प्रस्तावित सिंगापुर यात्रा को लेकर आमने-सामने हैं.

सूत्रों ने कहा, दिल्ली के एलजी वीके सक्सेना ने ‘आठवें विश्व शहरों के शिखर सम्मेलन और डब्ल्यूसीएस मेयर्स फोरम’ में भाग लेने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की सिंगापुर यात्रा के संबंध में प्रस्ताव वापस कर दिया है, और उन्हें ऐसे सम्मेलन में शामिल नहीं होने की सलाह दी है जो प्रथमदृष्टया महापौरों के सम्मेलन के लिए उपयुक्त नहीं है.

सूत्रों ने कहा कि एलजी ने इस तथ्य को रेखांकित किया है कि सम्मेलन के विषय से संबंधित मुद्दों पर जीएनसीटीडी का विशेष अधिकार नहीं है और इसलिए मुख्यमंत्री के लिए इसमें शामिल होना अनुचित होगा.

इससे पहले रविवार को दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर सिंगापुर में वर्ल्ड सिटीज समिट में शामिल होने की अनुमति मांगी थी.

विश्व शहर शिखर सम्मेलन नेताओं और उद्योग विशेषज्ञों के लिए एक रहने योग्य और टिकाऊ शहर की चुनौतियों का समाधान करने और एकीकृत शहरी समाधानों पर विचार-विमर्श करने के लिए एक मंच है.

इस साल शिखर सम्मेलन 31 जुलाई से 3 अगस्त के बीच हो रहा है.


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(दिप्रिंट के अभिषेक डे और एएनआई के इनपुट्स के साथ)

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