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Monday, 6 May, 2024
होमदेशआजादी के 75 साल बाद पाकिस्तान में अपने घर पहुंची भारत की 92 साल की रीना, अपनी गलियां चौबारे देख लगीं झूमने

आजादी के 75 साल बाद पाकिस्तान में अपने घर पहुंची भारत की 92 साल की रीना, अपनी गलियां चौबारे देख लगीं झूमने

साल 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद उनका परिवार पश्चिमी भारत के शहर पुणे में आ गया था. हालांकि, अपने युवावस्था में वे पाकिस्तान के शहर लाहौर में एक बार गई थीं लेकिन उस वक्त भी वह रावलपिंडी नहीं जा पाई थीं.

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नई दिल्लीः रीना वर्मा, 92 साल की एक भारतीय महिला पाकिस्तान में अपने बचपन के घर जाने को लेकर चर्चा में हैं. पिछले 75 सालों में भारत-पाकिस्तान विभाजन के बाद वह अपने बचपन के घर जाने वाली महिला हैं. उनके घर में अभी तक कोई भी भारत आने के बाद वापस वहां नहीं गया.

विभाजन के पहले रीना का घर पाकिस्तान के शहर रावलपिंडी में था. रीना ने कहा, ‘मेरा सपना सच हो गया.’ आगे उन्होंने कहा कि उनकी बहन भी घर जाना चाहती थी लेकिन उसका सपना पूरा होता इसके पहले ही वह चल बसीं.

साल 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद उनका परिवार पश्चिमी भारत के शहर पुणे में आ गया था. हालांकि, अपने युवावस्था में वे पाकिस्तान के शहर लाहौर में एक बार गई थीं लेकिन उस वक्त भी वह रावलपिंडी नहीं जा पाई थीं.

पाकिस्तान में बचपन के घर पर पहुंचने पर वहां पड़ोसियों ने रीना वर्मा का ड्रम बजाकर स्वागत किया और उन पर फूलों की बारिश की. यहां तक कि ड्रम की ताल पर लोगों ने डांस भी किया. वहां उन्होंने कई घंटों तक समय बिताया.

उन्होंने दोनों देशों के युवाओं से अपील की कि वे आपसी तालमेल और शांति से रहें. डीएवी कॉलेज के नजदीक प्रेम निवास मोहल्ला पहुंचने के बाद लोगों ने उनका जमकर स्वागत किया. वहां पहुंचने पर रीना वर्मा ड्रम की बीट्स सुनकर वर्मा आपको रोक नहीं पाईं और लोगों के साथ डांस करने लगीं.

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उन्होंने कहा, ‘हमारी संस्कृति एक जैसी है और हमारे पास एक जैसी चीजें हैं. जब हम रावलपिंडी में रहते थे तो उनकी गली हिंदू गली थी लेकिन दूसरे धर्मों के लोग भी वहां रहते थे.’

बता दें कि इस साल की शुरुआत में ही वर्मा ने पाकिस्तान जाने के लिए वीजा अप्लाई किया था लेकिन बाद में भारतीय दूतावास द्वारा इसे अस्वीकार कर दिया गया, इस बाद उन्होंने एक वीडियो के जरिए वीजा दिए जाने के लिए अपील किया. बाद में पाकिस्तान की विदेश राज्य मंत्री हिना रब्बानी खार ने इसका संज्ञान लेते हुए भारतीय उच्चायुक्त को वीजा देने का निर्देश दिया.


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