नई दिल्ली: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) के प्रमुख हेमंत सोरेन ने रविवार को झारंखड के मुख्यमंत्री पद की शपथ ली. इसी के साथ वो राज्य के 11वें सीएम बन गए. सोरेन 2013 के बाद दूसरी बार राज्य के मुख्यमंत्री बने हैं. सीएम सोरेन का शपथ ग्रहण विपक्षी एकता के शक्ति प्रदर्शन के रंग में रंगा नज़र आया. ख़ास बात ये रही कि विपक्ष के इस शक्ति प्रदर्शन के दौरान राज्य के पिछले सीएम रघुबर दास भी इसका हिस्सा बने.
यहां मोरहाबादी मैदान में दोपहर सवा दो बजे आयोजित शपथ ग्रहण समारोह में कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष डा. रामेश्वर उरांव और कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम एवं राष्ट्रीय जनता दल के एक मात्र विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी मंत्री पद की शपथ ली.
शपथ ग्रहण का हिस्सा बनने पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी शनिवार शाम ही पहुंच गईं थी. ममता के अलावा पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी और राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत, छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और द्रविड़ मुन्नेत्र कड़गम (डीएमके) अध्यक्ष एमके स्टालिन, भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी के डी राजा, अतुल अंजान, शरद यादव सहित कई नेता इस शक्ति प्रदर्शन का हिस्सा बने और मंच से विपक्षी एकता का नजारा हाथ में हाथ बांध कर प्रदर्शित किया.
Jharkhand: Rahul Gandhi, Rajasthan CM Ashok Gehlot, Chhattisgarh Chief Minister Bhupesh Baghel & DMK President MK Stalin at the oath-taking ceremony of Jharkhand CM designate Hemant Soren, in Ranchi. pic.twitter.com/PAebDpNypK
— ANI (@ANI) December 29, 2019
झारखंड के पड़ोसी राज्य बिहार में लालू यादव की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) की कमान संभाल रहे उनके बेटे तेजस्वी यादव और दिल्ली में सरकार चला रही आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सांसद संजय सिंह भी शपथ ग्रहण का हिस्सा बने.
यह भी पढ़ें: झारखंड में भाजपा की नहीं मेरी हार, परिणाम का स्वागत करता हूं: रघुवर दास
विपक्ष के ऐसे शक्ति प्रदर्शन के बीच राज्य के राज्यपाल द्रौपदी मुर्मू ने उन्हें मोरहाबादी मैदान में मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलवाई. कांग्रेस के रामेश्वर ओरांव ने इस दौरान मंत्री पद की शपथ ली. सोरेन के साथ कुल तीन मंत्रियों ने भी शपथ ली जिनमें आरजेडी के सत्यानंद भोगटा भी शामिल रहे.
कुछ-कुछ फीका रहा शक्ति प्रदर्शन
हालांकि, इस शक्ति प्रदर्शन का जितने बड़े पैमाने पर होने का दावा किया गया था वैसा नहीं हो सका. कई बड़े नाम समारोह में शामिल नहीं हो सके. पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रमुख शरद पवार, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल इसके लिए रांची नहीं पहुंचे.
यह भी पढ़ें: झारखंड चुनाव से पहले जिन नेताओं ने बदले थे दल, जनता ने उन्हें ही बदल दिया
इतना ही नहीं शपथ ग्रहण को विपक्षी एकजुटता का बड़ा केन्द्र बनाने के प्रयास में जुटी कांग्रेस और झामुमो को उस समय बड़ा झटका लगा जब समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष एवं उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती के भी रांची का कार्यक्रम नहीं बनाए जाने की जानकारी मिली.
यह भी पढ़ें: झारखंड में पीएम मोदी की नौ सभाओं के बाद भी पार नहीं हो पाई भाजपा की नाव
23 दिसंबर को आए विधानसभा चुनाव के नतीजों में 81 सीटों वाले इस राज्य में 30 सीटों के साथ जेएमएम सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी. 25 सीटों के साथ भाजपा दूसरे नंबर पर रही. कांग्रेस ने 16 सीटें हासिल कीं. इसके अलावा झारखंड विकास मोर्चा को 3, आजसू को 2, सीपीआई (एम-एल) को 1, एनसीपी को 1, आरजेडी को 1 और स्वतंत्र उम्मीदवारों को दो सीटें हासिल हुईं.
44 वर्षीय सोरेन दूसरी बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने हैं. सोरेन के साथ कांग्रेस विधायक दल के नेता आलमगीर आलम, राज्य कांग्रेस के अध्यक्ष रामेश्वर उरांव तथा राजद विधायक सत्यानंद भोक्ता ने भी कैबिनेट मंत्रियों के तौर पर शपथ ली. हाल ही में संपन्न झारखंड विधानसभा चुनाव में झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने 81 में से 47 सीटें हासिल की हैं.
तीन पार्टियों के गठबंधन को चार अन्य विधायकों ने भी समर्थन दिया है. इनमें से तीन विधायक झारखंड विकास मोर्चा (प्रजातांत्रिक) के और एक विधायक भाकपा (माले) के हैं.
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने आज शाम ही मंत्रिपरिषद की पहली बैठक बैठक बुलायी है.