नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में तेलुगु देशम पार्टी (TDP) की संभावित वापसी को लेकर जारी सस्पेंस के बीच एन. चंद्रबाबू नायडू के नेतृत्व वाली पार्टी कम से कम छह चुनावी रियायतों की घोषणा करने की तैयारी कर रही है. इसमें से अधिकतर महिलाओं, युवाओं और किसानों को लेकर है. साथ ही पार्टी राज्य के “पुनर्निर्माण” के वादे के साथ, अगले साल विधानसभा चुनावों में आंध्र प्रदेश में सत्तारूढ़ युवजन श्रमिक रायथू कांग्रेस पार्टी (YSRCP) से सत्ता छीनने की कोशिश कर रही है.
आंध्र प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, जो दिल्ली के संक्षिप्त दौरे पर थे, ने मंगलवार को कहा कि वह जिन “कल्याणकारी उपायों” की घोषणा करने जा रहे हैं, उनमें महिलाओं के लिए मुफ्त बस यात्रा और युवाओं के लिए 3,000 रुपये तक बेरोजगारी भत्ता और प्रति परिवार सालाना मुफ्त एलपीजी सिलेंडर शामिल होगा.
TDP द्वारा 19-60 आयु वर्ग की महिलाओं के लिए 1,500 रुपये का मासिक भत्ता, प्रति छात्र 50,000 रुपये का एकमुश्त भत्ता और किसानों के लिए 20,000 रुपये का वार्षिक भत्ता की घोषणा करने की भी संभावना है. पार्टी 2047 तक भारत और आंध्र को विकसित करने के लिए नायडू के रोड मैप को लेकर एक “विज़न डॉक्यूमेंट” भी लॉन्च करेगी.
आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस समेत कई पार्टियों ने चुनाव से पहले इसी तरह के वादे किए हैं. उदाहरण के लिए, कर्नाटक चुनावों से पहले कांग्रेस ने जो पांच “गारंटियां” दीं, उनमें बेरोजगार स्नातकों को 3,000 रुपये की सहायता और राज्य सरकार की बसों में महिलाओं के लिए मुफ्त यात्रा शामिल थी.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के जून 2022 बुलेटिन में प्रकाशित एक पेपर में बताया गया था कि “आंध्र प्रदेश और पंजाब जैसे कुछ अत्यधिक ऋणग्रस्त राज्यों के लिए मुफ्त सुविधाएं GSDP (सकल राज्य घरेलू उत्पाद) के 2 प्रतिशत से अधिक हो गई हैं.” लेख के अनुसार, मुफ़्त चीज़ों पर ख़र्च राज्य के कर राजस्व का 30.3 प्रतिशत और जीएसडीपी का 2.7 प्रतिशत है.
वाई.एस. जगनमोहन रेड्डी के नेतृत्व वाली YSRCP सरकार द्वारा संचालित वित्तीय सहायता योजनाओं में ‘जगनन्ना अम्मावोडी’ शामिल है जिसके तहत माता-पिता, मुख्य रूप से माताओं को अपने बच्चों को स्कूल भेजने के लिए प्रोत्साहित करने के लिए 15,000 रुपये की वित्तीय सहायता दी जाती है और ‘वाईएसआर रायथु भरोसा’, जो प्रत्येक किसान परिवार को 7,500 रुपये प्रति माह का हकदार बनाता है. कुल मिलाकर, YSRCP सरकार ने ऐसी योजनाओं के लिए 2022-23 में 27,541 करोड़ रुपये अलग रखे थे, जैसा कि पेपर में कहा गया है.
इस चिंता को खारिज करते हुए कि आंध्र प्रदेश की अर्थव्यवस्था की वर्तमान स्थिति ऐसे उपायों के वित्तीय हल को वहन करने में असमर्थ होगी, नायडू ने कहा, “YSRCP धन सृजन या रोजगार पैदा करने पर ध्यान केंद्रित नहीं कर रही है. हम उन क्षेत्रों पर भी काम करेंगे. उन्होंने राज्य की अर्थव्यवस्था को बर्बाद कर दिया है. हमारा नारा आंध्र प्रदेश को बचाना, आंध्र प्रदेश का पुनर्निर्माण करना होगा.”
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TDP ‘वेट एंड वाच’ मोड में है
नायडू, तीन बार आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे एन.टी. रामाराव के दामाद हैं. सोमवार को राष्ट्रपति भवन में अभिनेता से नेता बने दिवंगत एन.टी. रामाराव के जन्म शताब्दी वर्ष के उपलक्ष्य में एक सिक्के का अनावरण किया गया था. इस समारोह में नायडू ने भी भाग लिया था. इस अवसर पर BJP प्रमुख जे.पी.नड्डा भी मौजूद थे और दोनों नेताओं ने संक्षिप्त बातचीत भी की.
मंगलवार को पत्रकारों से बातचीत करते हुए, नायडू ने TDP की NDA में वापसी की अटकलों पर कोई टिप्पणी नहीं की. बता दें कि पार्टी 2018 में आंध्र प्रदेश के लिए विशेष दर्जे पर केंद्र सरकार के साथ मतभेदों के कारण बाहर हो गई थी.
इस साल जून में नायडू और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मुलाकात से अटकलें तेज हो गई थीं कि TDP और BJP 2024 के आम चुनाव और अगले साल होने वाले आंध्र प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले औपचारिक गठबंधन पर मुहर लगाने के करीब हैं.
TDP सूत्रों ने कहा कि पार्टी ने गठबंधन के सवाल पर “वेट एंड वाच” मोड अपनाया है क्योंकि BJP भी अपने पत्ते नहीं खोल रही है. साथ ही BJP, TDP और YSRCP दोनों के करीब दिख रही है, जिन्होंने कई मौकों पर केंद्र को संकट से उबारा है. खासकर राज्यसभा में महत्वपूर्ण विधेयकों को पारित कराने में.
एक पार्टी सूत्र ने दिप्रिंट से कहा, “TDP को कोई जल्दी नहीं है. वैसे भी BJP आंध्र की राजनीति में सीमांत खिलाड़ी है. केंद्र के साथ अच्छे संबंधों का सकारात्मक पक्ष यह है कि इससे पार्टी को जीत की स्थिति में अपने कई चुनावी वादों को पूरा करने में मदद मिलेगी.”
सूत्र ने आगे कहा, “एक अन्य कारक जो TDP नेतृत्व के दिमाग में चल रहा है, वह यह है कि BJP को अपने पक्ष में करने से YSRCP के अपने राजनीतिक विरोधियों के प्रति ‘प्रतिशोधात्मक रवैये’ से निपटने में भी मदद मिल सकती है.”
नायडू ने सोमवार को भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार से भी मुलाकात की और चुनाव आयोग के हस्तक्षेप की मांग करते हुए “निर्वाचन आयोग के निर्देशों के उल्लंघन और मौजूदा YSRCP सरकार द्वारा चुनावी मशीनरी के दुरुपयोग” को सूचीबद्ध करते हुए एक ज्ञापन सौंपा.
2014 में, संयुक्त आंध्रप्रदेश में हुए पिछले लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में, BJP (TDP के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ते हुए) ने क्रमशः 7.2 प्रतिशत और 4.13 प्रतिशत वोट शेयर के साथ तीन लोकसभा और नौ विधानसभा सीटें हासिल की थीं. यह चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक है.
आंकड़ों से पता चलता है कि 2019 में अकेले चुनाव लड़ने पर, BJP एक भी लोकसभा या विधानसभा सीट जीतने में विफल रही और उसे क्रमशः 0.96 प्रतिशत और 0.84 प्रतिशत वोट शेयर के साथ संतोष करना पड़ा. TDP ने लोकसभा में 3 सीटें और विधानसभा में 23 सीटें जीतीं. राज्य में 25 लोकसभा सीटें और 175 विधानसभा सीटें हैं.
वर्तमान में, BJP राज्य में अभिनेता से नेता बने पवन कल्याण की जन सेना पार्टी (जेएसपी) की सहयोगी है.
(संपादनः ऋषभ राज)
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