लखनऊ : समाजवादी पार्टी (सपा)के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी पर तीखा प्रहार करते हुए आरोप लगाया कि ‘भाजपा राज में झूठ की अमरबेल खूब फल फूल रही है और सत्य पर्दे के पीछे छिपा दिया गया है.’
भाजपा प्रदेश कार्यसमिति की शुक्रवार को हुई बैठक में संगठन और सरकार के कार्यों की भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा भूरि-भूरि प्रशंसा की गई और सपा पर प्रहार किये गए. इसके कुछ ही घंटे बाद ही सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने एक बयान के जरिये भाजपा पर पलटवार किया.
यादव ने भाजपा सरकार पर आरोप लगाया, ‘विकासवाद का थोथा नारा देकर अपनी नाकामियां छिपाई जा रही हैं जबकि सच यह है कि समाजवादी सरकार के समय हुए काम ही दिख रहे हैं और उन पर भाजपा की बस छाप लगाई जा रही है.’
सपा प्रमुख ने कहा, ‘इस हकीकत को कौन नहीं जानता कि कोरोना की लहर में उत्तर प्रदेश में हर तरफ तबाही मची हुई थी, लोगों को अस्पतालों में न तो बेड मिल रहे थे न इलाज मिल पा रहा था और ऑक्सीजन का इतना अकाल था कि लोग तड़प-तड़प कर मर रहे थे, इलाज के लिए जरूरी दवाओं और इंजेक्शनों की खुलेआम काला बाजारी हो रही थी, हर तरफ चीत्कार मची हुई थी पर भाजपा सरकार गूंगी-बहरी बनी हुई थी.’
यादव ने दावा किया, ‘मुख्यमंत्री जी, उनकी टीम बस बयानबाजी से ही काम चला रही थी.’ उन्होंने कहा, ‘भाजपा सरकार टीकाकरण को कोरोना से रक्षा कवच बताती रही है लेकिन हालात यह है कि प्रदेश में टीकाकरण के तमाम केन्द्र बंद हो गए हैं, नौजवान और बुजुर्ग वैक्सीन लगवाने के लिए भटक रहे हैं और राजधानी लखनऊ में ही जो टीकाकरण केंद्र खुले हैं, उनमें पर्याप्त टीके की खुराक उपलब्ध नहीं हैं.’
उन्होंने कहा, ‘कोरोना काल में भाजपा सरकार की निष्क्रियता से हजारों लोग दाने-दाने को तरस गए, परिवार में मौतों का साया घना होता गया और बेहाल लोगों के दुःख दर्द में तब समाजवादी कार्यकर्ता ही सामने आए. जरूरतमंदों को राशन बांटा गया, शोक संतप्त परिवारों से मिलकर सांत्वना दी और दवाओं और आवश्यक इंजेक्शन तथा ऑक्सीजन की मदद भी पहुंचाई गई लेकिन, भाजपाई कोरोना में सब कुछ गंवाने वालों को मदद के नाम पर सिर्फ आश्वासन बांटते रहे हैं.’
पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, ‘भाजपा सरकार और मुख्यमंत्री के पास वस्तुतः विकास और प्रदेश का भविष्य संवारने का कोई विजन (दृष्टिकोण) या कार्ययोजना नहीं होने से उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश के बजाय हर दिशा में पिछड़ा बीमारू प्रदेश बनता जा रहा है. नीति आयोग की रिपोर्ट में भी इसे फिसड्डी राज्य का दर्जा दिया गया है. भाजपा जान गई है कि केवल समाज में नफ़रत से ही वह अपनी राजनीति चला सकती है.’